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जहरीली शराब कांड: नीतीश सरकार के खिलाफ बोले मंत्री जनक चमार, कहा- गरीबों पर होती है शराबबंदी के नाम पर कार्रवाई

बिहार में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों को लेकर विपक्ष के बाद अब राज्य सरकार में मंत्री भी आवाज उठाने लगे हैं. बिहार के मंत्री जनक चमार ने अपनी ही सरकार पर गंभीर आरोप लगाये हैं. पढ़ें पूरी खबर.

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Published : Nov 5, 2021, 3:39 PM IST

पटना: बिहार के दो जिलों बेतिया और गोपालगंज जिले में जहीरीली शराब (Poisonous Liquor Case) से हुई मौतों को लेकर सियासत तेज हो गयी है. विपक्षी दलों के बाद अब सत्ता पक्ष के नेता हमले करने लगे हैं. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सरकार में मंत्री जनक चमार (Janak Chamar) ने भी सरकार पर सवाल उठाया है. मंत्री जनक चमार ने गोपालगंज जिले में घटनास्थल का दौरा किया. उन्होंने नकली शराब के बहाने साजिश का आरोप लगाया.

ये भी पढ़ें: जहरीली शराब कांडः तेजस्वी ने CM नीतीश से पूछा- 'रामसूरत राय पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई'

मंत्री ने कहा कि इस शराब का सेवन करने वाले गरीब लोग हैं. जब कार्रवाई और छापेमारी की जाती है तो कमजोर ही पकड़े जाते हैं. इस कार्रवाई के चलते ही कमजोर लोग मर जाते हैं. उन्होंने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि लोगों में पुलिस का खौफ नहीं दिख रहा है.

गोपालगंज दौरे के दौरान मंत्री ने कहा कि मृतकों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद देने का भरोसा दिया है. अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है.

बिहार सरकार के मंत्री सुनील कुमार 21 लोगों की मौत की पुष्टि की है. इसमें 11 मौतें गोपालगंज और 10 मौतें बेतिया में हुई हैं. हालांकि, पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने आठ मौतों की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया इन लोगों की मौत जहरीली शराब सेवन करने से हुई है. बता दें कि बिहार में 15 दिनों में जहरीली शराब पीने से 33 लोगों की मौत हो गई.

बता दें कि विपक्ष ने इस कांड के बाद नीतीश सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शराबबंदी से मौतों के लिए नीतीश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि जहरीली शराब से बिहार में दिवाली के दिन 35 से अधिक लोग मारे गए है. किसी की सनक से बिहार में कागजों पर शराबबंदी है अन्यथा खुली छूट है क्योंकि ब्लैक में मौज और लूट है.

ये भी पढ़ें: जहरीली शराब मामले में लोजपा (रा) का नीतीश सरकार पर निशाना, 25 लाख मुआवजे की मांग की

तेजस्वी ने नीतीश कुमार के पुराने बयान का वीडियो भी ट्वीट किया है जिसमें वे कहते नजर आ रहे हैं कि गड़बड़ चीज पीएंगे तो यही होगा. कितना मना करने के बाद भी पीते हैं. साल 2016 से हमने शराबबंदी को सख्ती से लागू किया हुआ है. लोगों का अधिकांश हिस्सा शराबबंदी के पक्ष में है. जो पीते हैं, मत पीजिए. कुछ तो गड़बड़ होगा ही. कुछ लोगों की गड़बड़ी करने की प्रवृत्ति होती है. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि गड़बड़ करने वाले चंद लोगों को सजा मिलती है, जेल भी जाते हैं. लोगों से आग्रह है कि इससे दूर रहें. शराबबंदी पर कुछ लोग मेरे खिलाफ बोलते हैं लेकिन चिंता नहीं है.

जहरीली शराब कांड पर बिहार के उद्योग मंत्री और भाजपा नेता शहनवाज हुसैन ने दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि यह एक दुखद घटना है. इसकी गहन जांच कराई जाएगी. नकली शराब की आपूर्ति के दोषी पाए जाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.

ये भी पढ़ें: जहरीली शराब से मौत पर बोली JDU- 'बिहार में शराबबंदी से माहौल बदला लेकिन कुछ लोग गड़बड़ी करते हैं'

पटना: बिहार के दो जिलों बेतिया और गोपालगंज जिले में जहीरीली शराब (Poisonous Liquor Case) से हुई मौतों को लेकर सियासत तेज हो गयी है. विपक्षी दलों के बाद अब सत्ता पक्ष के नेता हमले करने लगे हैं. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सरकार में मंत्री जनक चमार (Janak Chamar) ने भी सरकार पर सवाल उठाया है. मंत्री जनक चमार ने गोपालगंज जिले में घटनास्थल का दौरा किया. उन्होंने नकली शराब के बहाने साजिश का आरोप लगाया.

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मंत्री ने कहा कि इस शराब का सेवन करने वाले गरीब लोग हैं. जब कार्रवाई और छापेमारी की जाती है तो कमजोर ही पकड़े जाते हैं. इस कार्रवाई के चलते ही कमजोर लोग मर जाते हैं. उन्होंने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि लोगों में पुलिस का खौफ नहीं दिख रहा है.

गोपालगंज दौरे के दौरान मंत्री ने कहा कि मृतकों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद देने का भरोसा दिया है. अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है.

बिहार सरकार के मंत्री सुनील कुमार 21 लोगों की मौत की पुष्टि की है. इसमें 11 मौतें गोपालगंज और 10 मौतें बेतिया में हुई हैं. हालांकि, पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने आठ मौतों की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया इन लोगों की मौत जहरीली शराब सेवन करने से हुई है. बता दें कि बिहार में 15 दिनों में जहरीली शराब पीने से 33 लोगों की मौत हो गई.

बता दें कि विपक्ष ने इस कांड के बाद नीतीश सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शराबबंदी से मौतों के लिए नीतीश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि जहरीली शराब से बिहार में दिवाली के दिन 35 से अधिक लोग मारे गए है. किसी की सनक से बिहार में कागजों पर शराबबंदी है अन्यथा खुली छूट है क्योंकि ब्लैक में मौज और लूट है.

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तेजस्वी ने नीतीश कुमार के पुराने बयान का वीडियो भी ट्वीट किया है जिसमें वे कहते नजर आ रहे हैं कि गड़बड़ चीज पीएंगे तो यही होगा. कितना मना करने के बाद भी पीते हैं. साल 2016 से हमने शराबबंदी को सख्ती से लागू किया हुआ है. लोगों का अधिकांश हिस्सा शराबबंदी के पक्ष में है. जो पीते हैं, मत पीजिए. कुछ तो गड़बड़ होगा ही. कुछ लोगों की गड़बड़ी करने की प्रवृत्ति होती है. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि गड़बड़ करने वाले चंद लोगों को सजा मिलती है, जेल भी जाते हैं. लोगों से आग्रह है कि इससे दूर रहें. शराबबंदी पर कुछ लोग मेरे खिलाफ बोलते हैं लेकिन चिंता नहीं है.

जहरीली शराब कांड पर बिहार के उद्योग मंत्री और भाजपा नेता शहनवाज हुसैन ने दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि यह एक दुखद घटना है. इसकी गहन जांच कराई जाएगी. नकली शराब की आपूर्ति के दोषी पाए जाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.

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