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बिहार में ब्लैक फंगस का कहर, आज सरकार ले सकती है बड़ा फैसला

कोरोना वायरस से उबर चुके मरीजों में घातक ब्लैक फंगस या म्यूकर माइकोसिस संक्रमण पाया जा रहा है. इसके मामले रोजाना बढ़ रहे हैं. यहां तक कि कुछ राज्यों ने इसे भी महामारी घोषित कर दिया है. संभावना है कि बिहार भी इस श्रेणी में जल्द ही आ जाएगा.

Black Fungus
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Published : May 22, 2021, 9:42 AM IST

पटना: बिहार में कोरोना के साथ-साथ ब्लैक फंगस के भी मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में सरकार की टेंशन बढ़ती नजर आ रही है. जानकारी के अनुसार बिहार सरकार इसपर बड़ा निर्णय ले सकती है. कहा तो यह भी जा रहा है कि राज्य में इस बीमारी को महामारी घोषित किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें - बिहार में मिले ब्लैक फंगस के 39 नए मामले, मरीजों का आंकड़ा पहुंचा 174

यहां यह बताना भी जरूरी है कि केंद्र सरकार ने ब्लैक फंगस को पहले ही महामारी की श्रेणी में रख दिया है. अब राज्य सरकार भी इसे महामारी घोषित करने की तैयारी में है. स्वास्थ्य विभाग को मुख्यमंत्री की सहमति का इंतजार है. शनिवार को सहमति मिल जाने की संभावना है.

कहां-कहां ब्लैक फंगस महामारी घोषित?

  • गुजरात
  • राजस्थान
  • पंजाब
  • तेलंगाना
  • तमिलनाडु
  • उत्तर प्रदेश
  • चंडीगढ़

महामारी घोषित होने पर क्या होता है?

बता दें कि जो राज्य किसी बीमारी को महामारी घोषित कर देते हैं फिर उन्हें केस, इलाज, दवा और बीमारी से होने वाली मौत का हिसाब रखना होता है. साथ ही सभी मामलों की रिपोर्ट चीफ मेडिकल ऑफिसर को देनी होती है. इसके अलावा केंद्र सरकार और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर की गाइडलाइन्स का पालन करना होता है.

मरीजों का आंकड़ा पहुंचा 174

शुक्रवार को प्रदेश भर में ब्लैक फंगस के 39 नए मामले सामने आए, जिनमें 8 मरीजों को इलाज के लिए भर्ती करना पड़ा. कुल 39 मामलों में से 32 पटना के तीन अस्पतालों तथा सात छपरा शहर के एक निजी अस्पताल में पहुंचे. वहीं, अब कुल मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 174 पहुंच चुका है.

ये भी पढ़ें - बिहार में ब्लैक फंगस के बाद अब व्हाइट फंगस का कहर, एक्सपर्ट से जानिए कैसे करें बचाव

7 मरीज एम्स में भर्ती

शुक्रवार को पटना एम्स की ओपीडी में 30 मरीज पहुंचे थे. जिनमें से 23 मरीजों को दवा देकर घर भेज दिया गया, जबकि 7 मरीजों की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया. एक मरीज को आईजीआईएमएस में भी भर्ती किया गया. वहीं, निजी अस्पताल पारस में एक मरीज ओपीडी में आया था, जिसे दवा देकर छोड़ दिया गया.बता दें कि वर्तमान में पटना एम्स में कुल 42 मरीज भर्ती हैं, जबकि शुक्रवार को तीन मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं. वहीं, आईजीआईएमएस में कुल 39 मरीजों का इलाज हुआ, जिनमें 12 डिस्चार्ज कर दिए गए हैं.

IGIMS में ब्लैक फंगस का उपचार

पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) को बिहार सरकार द्वारा ब्लैक फंगस के उपचार के लिए उत्कृष्टता केंद्र के रूप में नामित किया गया है. यहां पहले से ही डेडिकेटेड कोरोना अस्पताल भी चलाया जा रहा है. अब राज्य सरकार ने इसी अस्पताल में कोरोना मरीज के अलावे म्यूकोर्मिकोसिस ब्लैक फंगस के इलाज के लिए भी उत्कृष्टता केंद्र रूप में नामित किया है.

पटना: बिहार में कोरोना के साथ-साथ ब्लैक फंगस के भी मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में सरकार की टेंशन बढ़ती नजर आ रही है. जानकारी के अनुसार बिहार सरकार इसपर बड़ा निर्णय ले सकती है. कहा तो यह भी जा रहा है कि राज्य में इस बीमारी को महामारी घोषित किया जा सकता है.

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यहां यह बताना भी जरूरी है कि केंद्र सरकार ने ब्लैक फंगस को पहले ही महामारी की श्रेणी में रख दिया है. अब राज्य सरकार भी इसे महामारी घोषित करने की तैयारी में है. स्वास्थ्य विभाग को मुख्यमंत्री की सहमति का इंतजार है. शनिवार को सहमति मिल जाने की संभावना है.

कहां-कहां ब्लैक फंगस महामारी घोषित?

  • गुजरात
  • राजस्थान
  • पंजाब
  • तेलंगाना
  • तमिलनाडु
  • उत्तर प्रदेश
  • चंडीगढ़

महामारी घोषित होने पर क्या होता है?

बता दें कि जो राज्य किसी बीमारी को महामारी घोषित कर देते हैं फिर उन्हें केस, इलाज, दवा और बीमारी से होने वाली मौत का हिसाब रखना होता है. साथ ही सभी मामलों की रिपोर्ट चीफ मेडिकल ऑफिसर को देनी होती है. इसके अलावा केंद्र सरकार और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर की गाइडलाइन्स का पालन करना होता है.

मरीजों का आंकड़ा पहुंचा 174

शुक्रवार को प्रदेश भर में ब्लैक फंगस के 39 नए मामले सामने आए, जिनमें 8 मरीजों को इलाज के लिए भर्ती करना पड़ा. कुल 39 मामलों में से 32 पटना के तीन अस्पतालों तथा सात छपरा शहर के एक निजी अस्पताल में पहुंचे. वहीं, अब कुल मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 174 पहुंच चुका है.

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7 मरीज एम्स में भर्ती

शुक्रवार को पटना एम्स की ओपीडी में 30 मरीज पहुंचे थे. जिनमें से 23 मरीजों को दवा देकर घर भेज दिया गया, जबकि 7 मरीजों की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया. एक मरीज को आईजीआईएमएस में भी भर्ती किया गया. वहीं, निजी अस्पताल पारस में एक मरीज ओपीडी में आया था, जिसे दवा देकर छोड़ दिया गया.बता दें कि वर्तमान में पटना एम्स में कुल 42 मरीज भर्ती हैं, जबकि शुक्रवार को तीन मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं. वहीं, आईजीआईएमएस में कुल 39 मरीजों का इलाज हुआ, जिनमें 12 डिस्चार्ज कर दिए गए हैं.

IGIMS में ब्लैक फंगस का उपचार

पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) को बिहार सरकार द्वारा ब्लैक फंगस के उपचार के लिए उत्कृष्टता केंद्र के रूप में नामित किया गया है. यहां पहले से ही डेडिकेटेड कोरोना अस्पताल भी चलाया जा रहा है. अब राज्य सरकार ने इसी अस्पताल में कोरोना मरीज के अलावे म्यूकोर्मिकोसिस ब्लैक फंगस के इलाज के लिए भी उत्कृष्टता केंद्र रूप में नामित किया है.

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