पटनाः पप्पू यादव की एक पुराने मामले में गिरफ्तारी के बाद बिहार में आरजेडी और जदयू के बीच सियासत तेज हो गई है. पप्पू यादव की गिरफ्तारी की जहां एनडीए के सहयोगी दल जीतनराम मांझी और मुकेश सहनी जैसे नेताओं ने निंदा की है, वहीं आरजेडी के तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसे नीतीश सरकार की साजिश तक बताया गया. मधेपुरा के आरजेडी विधायक ने तो यहां तक कहा कि आरजेडी के वोटर्स में कन्फ्यूजन पैदा करने के लिए पप्पू यादव की गिरफ्तारी सरकार ने करायी है और यह सुशासन बाबू का नाटक है. वहीं जदयू ने इसपर पलटवार किया है. जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा कि पप्पू यादव पर जो दाग है, वह धूल नहीं सकता है. वहीं आरजेडी के मधेपुरा से विधायक चंद्रशेखर ने पप्पू यादव की बीजेपी और जदयू से सांठगांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें अपनी गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए. चुनाव लड़ने के लिए किस प्रकार से उन्होंने पप्पू यादव की मदद ली थी.
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क्यों तेज हुई सियासत?
पूर्व सांसद पप्पू यादव की गिरफ्तारी से बिहार में सियासत तेज है. कोरोना के समय जिस प्रकार से पप्पू यादव ने लोगों को मदद पहुंचाई. साथ ही राजीव प्रताप रूडी के सांसद निधि फंड से खरीदे गए एंबुलेंस का मामला उजागर किया. इसके साथ ही शहाबुद्दीन के बेटे से मुलाकात से भी जोड़कर इस गिरफ्तारी को जोड़कर देखा जा रहा है. आरजेडी के मधेपुरा से विधायक चंद्रशेखर ने लॉकडाउन के बीच पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सियासत तेज कर दी है. चंद्रशेखर ने सीधा आरोप नीतीश कुमार पर लगाया कि साजिश के तहत पप्पू यादव की गिरफ्तारी करवाई गई है. निखिल मंडल ने न सिर्फ हमला बोला है, बल्कि एक तस्वीर जारी करते हुए जदयू और पप्पू यादव के मामले के बीच कोई तालमेल नहीं होने का दावा किया है.
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क्या है मधेपुरा की सियासी स्टोरी?
मधेपुरा से इस बार पप्पू यादव, निखिल मंडल और चंद्रशेखर चुनाव लड़े थे. आरजेडी के टिकट पर चंद्रशेखर को इस बार सफलता भी मिली. निखिल मंडल का यहां तक कहना है कि यदि पप्पू यादव वोट नहीं काटते तो उनकी जीत पक्की थी. ऐसे में आरजेडी नेताओं का आरोप पूरी तरह बकवास है, और केवल यादव वोट के लिए ही यह सब कुछ कर रहे हैं.