पटना: एक तरफ तो प्रधानमंत्री देश के लोगों से लॉकडाउन का सख्ती से पालन करने की अपील कर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ ना सिर्फ बीजेपी और जदयू बल्कि अन्य नेता भी लॉकडाउन का उल्लंघन करते दिख रहे हैं. एक दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, जिस तरह गया से पटना आए और फिर वापस गया लौट गए उसे लेकर अब सवाल खड़े हो रहे हैं.
'जीतन राम मांझी वरिष्ठ राजनेता'
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि जीतन राम मांझी वरिष्ठ राजनेता हैं. उन्हें नियम कानूनों के बारे में बेहतर तरीके से पता है, फिर भी उनकी यह लापरवाही समझ से परे है. प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि जब लॉकडाउन के दौरान किसी को भी घर से बाहर निकलना मना है. ऐसे में आखिर क्या ऐसी जरूरत आ पड़ी कि मांझी गया से पटना चले आए और फिर वापस गया लौट गए.
दो बॉडीगार्ड सस्पेंड
बता दें कि लॉकडाउन के दौरान लगातार अपने विधानसभा क्षेत्र में रह रहे पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी अचानक गया से पटना पहुंचे और फिर पटना से वापस गया भी लौट गए. इसके पहले कोटा जाकर अपनी बेटी को वापस लाने को लेकर बीजेपी विधायक अनिल सिंह पर भी सवाल खड़े हुए थे. इसे लेकर खासा हंगामा हुआ, जिसके बाद ना सिर्फ एसडीओ बल्कि विधायक के दो बॉडीगार्ड को भी सस्पेंड कर दिया गया.
राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने दी सफाई
लॉकडाउन के दौरान जीतन राम मांझी की यात्रा पर हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने सफाई दी है. दानिश रिजवान ने कहा कि जीतन राम मांझी विधानसभा की महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लेने के लिए आए थे. वे जेड प्रोटेक्टी हैं और उनकी यात्रा जिला प्रशासन के साथ साझा की जाती है. उन्होंने किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया है.
क्या है मामला
दरअसल, यह सारा बवाल कोटा मामले को लेकर हुआ. कोटा से बिहारी छात्रों को वापस लाने पर बिहार सरकार ने असहमति जता दी और साफ कह दिया कि लॉक डाउन का उल्लंघन नहीं करेंगे. लेकिन कोटा से ही अपने बच्चों को वापस लाने को लेकर पहले बीजेपी नेता और उसके बाद जदयू के नेता सवालों के घेरे में आ गए और अब जब जीतन राम मांझी गया से पटना और पटना से गया गए तो उनके यात्रा पर भी सवाल खड़ा हो गया.