ETV Bharat / city

जातिगत जनगणना की विपक्षी मुहिम को झटका: पसमांदा समाज की मांग, मुसलमानों में भी हो OBC-EBC की गणना

अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने मुस्लिमों की भी जातीय जनगणना (Cast Census) की मांग की है. ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के अध्यक्ष अली अनवर अंसारी (Ali Anwar Ansari) ने कहा कि हिंदू समुदाय के पिछड़ों और अति पिछड़ों की बात तो हो रही है, लेकिन अल्पसंख्यकों का जिक्र नहीं है. लिहाजा इसमें सुधार होना चाहिए.

पसमांदा समाज
पसमांदा समाज
author img

By

Published : Aug 12, 2021, 10:23 PM IST

Updated : Aug 12, 2021, 10:57 PM IST

पटना: बिहार में जातीय जनगणना (Cast Census) पर सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है. जेडीयू समेत तमाम विपक्षी दल इसके पक्ष में आवाज बुलंद कर रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के लेटर हेड से जो पत्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को सौंपा गया है, उसमें पसमांदा मुसलमान (Pasmanda Muslim) का जिक्र नहीं है. ऐसे में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने इस मुहिम पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

ये भी पढ़ें: जातीय जनगणना नहीं होने पर, लालू यादव ने जनगणना बहिष्कार की दी धमकी

दरअसल पिछले दिनों तेजस्वी यादव के नेतृत्व में तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात कर एक पत्र सौंपा था. नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मुलाकात के लिए समय भी मांगा था. मुख्यमंत्री को सौंपे गए पत्र में केवल हिंदुओं की बात कही गई है, जिस को लेकर ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज की ओर से चिंता व्यक्त की गई है.

देखें रिपोर्ट

ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के अध्यक्ष और पूर्व सांसद अली अनवर अंसारी (Ali Anwar Ansari) ने कहा है कि पत्र में हिंदू समुदाय के पिछड़े और अति पिछड़े की बात तो कही गई है, लेकिन अल्पसंख्यकों का जिक्र नहीं है. जिस पर हमें आपत्ति है.

अली अनवर ने कहा है कि जो पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा गया है, उसमें हिंदू शब्द का इस्तेमाल है. जबकि पिछड़ा और अति पिछड़ा के अलावा दूसरे शब्द की जरूरत नहीं थी. अगर हिंदू शब्द का समावेश किया गया तो मुस्लिम शब्द का भी जिक्र होना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होने से एक समुदाय के पिछड़े और अति पिछड़ों के हितों की उपेक्षा होगी.

पूर्व सांसद अली अनवर अंसारी ने कहा है कि अन्य पिछड़े वर्गों की सरकारी सूची में जब सभी धर्मों के लोग आते हैं, तो तब इसमें सिर्फ हिंदुओं की गणना की मांग करना सामाजिक न्याय के खिलाफ है. अगर अनजाने में इस तरह की गलती हुई है, तो तुरंत इसका सुधार भी होना चाहिए.

पसमांदा समाज
ईटीवी भारत GFX

मुस्लिम हितों के नाम पर सियासत करने वाले राजनीतिक दल कटघरे में खड़े होंगे. अगर जल्द सुधार नहीं हुआ तो हम आगे की रणनीति तय करेंगे"- अली अनवर अंसारी, पूर्व सांसद

दरअसल बिहार में तमाम राजनीतिक दल अल्पसंख्यक वोट बैंक की राजनीति करते हैं. आरजेडी की सियासी ताकत 'एमवाई' समीकरण (MY Equation) है, तो नीतीश कुमार भी पसमांदा अल्पसंख्यक वोट बैंक को साधने की कोशिश करते हैं. अली अनवर खुद जेडीयू के सांसद रह चुके हैं. फिलहाल गुलाम रसूल बलियावी और गुलाम गौस जेडीयू के विधान पार्षद हैं, दोनों नेता पसमांदा समाज से आते हैं.

माना जाता है कि मुसलमानों की कुल आबादी का सवर्ण मुसलमान लगभग 15 फीसद हैं. जबकि दलित, पिछड़े और आदिवासी मुसलमान को आबादी 85 प्रतिशत है.

पसमांदा समाज
ईटीवी भारत GFX

वहीं, वर्ष 2011 की जनगणना रिपोर्ट बताती है कि बिहार में 16.9 प्रतिशत मुसलमान हैं. एक अनुमान के मुताबिक इनमें 80 फीसदी पसमांदा मुसलमान हैं.

ये भी पढ़ें: 'जातिगत जनगणना' और 'जनसंख्या नियंत्रण' पर रार, BJP और JDU में छिड़ा शीत युद्ध

हालांकि आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद ने अली अनवर की आपत्ति को बेमतलब करार दिया. उन्होंने कहा कि पत्र में हिंदू शब्द का इस्तेमाल इसलिए किया गया है कि क्योंकि बीजेपी उसी के नाम पर राजनीति करती है. जबकि हम सभी के हितों की चिंता करते हैं. अली अनवर पूरे मसले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं.

वहीं, बीजेपी प्रवक्ता अखिलेश सिंह ने कहा है कि जातिगत जनगणना को लेकर केंद्र की सरकार ने रुख स्पष्ट कर दिया है. सरकार सब के हितों की चिंता करती है. उन्होंने कहा कि केंद्र और बिहार की सरकार सबके साथ न्याय करती है, चाहे वह किसी जाति या धर्म के हो.

पटना: बिहार में जातीय जनगणना (Cast Census) पर सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है. जेडीयू समेत तमाम विपक्षी दल इसके पक्ष में आवाज बुलंद कर रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के लेटर हेड से जो पत्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को सौंपा गया है, उसमें पसमांदा मुसलमान (Pasmanda Muslim) का जिक्र नहीं है. ऐसे में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने इस मुहिम पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

ये भी पढ़ें: जातीय जनगणना नहीं होने पर, लालू यादव ने जनगणना बहिष्कार की दी धमकी

दरअसल पिछले दिनों तेजस्वी यादव के नेतृत्व में तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात कर एक पत्र सौंपा था. नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मुलाकात के लिए समय भी मांगा था. मुख्यमंत्री को सौंपे गए पत्र में केवल हिंदुओं की बात कही गई है, जिस को लेकर ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज की ओर से चिंता व्यक्त की गई है.

देखें रिपोर्ट

ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के अध्यक्ष और पूर्व सांसद अली अनवर अंसारी (Ali Anwar Ansari) ने कहा है कि पत्र में हिंदू समुदाय के पिछड़े और अति पिछड़े की बात तो कही गई है, लेकिन अल्पसंख्यकों का जिक्र नहीं है. जिस पर हमें आपत्ति है.

अली अनवर ने कहा है कि जो पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा गया है, उसमें हिंदू शब्द का इस्तेमाल है. जबकि पिछड़ा और अति पिछड़ा के अलावा दूसरे शब्द की जरूरत नहीं थी. अगर हिंदू शब्द का समावेश किया गया तो मुस्लिम शब्द का भी जिक्र होना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होने से एक समुदाय के पिछड़े और अति पिछड़ों के हितों की उपेक्षा होगी.

पूर्व सांसद अली अनवर अंसारी ने कहा है कि अन्य पिछड़े वर्गों की सरकारी सूची में जब सभी धर्मों के लोग आते हैं, तो तब इसमें सिर्फ हिंदुओं की गणना की मांग करना सामाजिक न्याय के खिलाफ है. अगर अनजाने में इस तरह की गलती हुई है, तो तुरंत इसका सुधार भी होना चाहिए.

पसमांदा समाज
ईटीवी भारत GFX

मुस्लिम हितों के नाम पर सियासत करने वाले राजनीतिक दल कटघरे में खड़े होंगे. अगर जल्द सुधार नहीं हुआ तो हम आगे की रणनीति तय करेंगे"- अली अनवर अंसारी, पूर्व सांसद

दरअसल बिहार में तमाम राजनीतिक दल अल्पसंख्यक वोट बैंक की राजनीति करते हैं. आरजेडी की सियासी ताकत 'एमवाई' समीकरण (MY Equation) है, तो नीतीश कुमार भी पसमांदा अल्पसंख्यक वोट बैंक को साधने की कोशिश करते हैं. अली अनवर खुद जेडीयू के सांसद रह चुके हैं. फिलहाल गुलाम रसूल बलियावी और गुलाम गौस जेडीयू के विधान पार्षद हैं, दोनों नेता पसमांदा समाज से आते हैं.

माना जाता है कि मुसलमानों की कुल आबादी का सवर्ण मुसलमान लगभग 15 फीसद हैं. जबकि दलित, पिछड़े और आदिवासी मुसलमान को आबादी 85 प्रतिशत है.

पसमांदा समाज
ईटीवी भारत GFX

वहीं, वर्ष 2011 की जनगणना रिपोर्ट बताती है कि बिहार में 16.9 प्रतिशत मुसलमान हैं. एक अनुमान के मुताबिक इनमें 80 फीसदी पसमांदा मुसलमान हैं.

ये भी पढ़ें: 'जातिगत जनगणना' और 'जनसंख्या नियंत्रण' पर रार, BJP और JDU में छिड़ा शीत युद्ध

हालांकि आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद ने अली अनवर की आपत्ति को बेमतलब करार दिया. उन्होंने कहा कि पत्र में हिंदू शब्द का इस्तेमाल इसलिए किया गया है कि क्योंकि बीजेपी उसी के नाम पर राजनीति करती है. जबकि हम सभी के हितों की चिंता करते हैं. अली अनवर पूरे मसले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं.

वहीं, बीजेपी प्रवक्ता अखिलेश सिंह ने कहा है कि जातिगत जनगणना को लेकर केंद्र की सरकार ने रुख स्पष्ट कर दिया है. सरकार सब के हितों की चिंता करती है. उन्होंने कहा कि केंद्र और बिहार की सरकार सबके साथ न्याय करती है, चाहे वह किसी जाति या धर्म के हो.

Last Updated : Aug 12, 2021, 10:57 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.