ETV Bharat / city

Mohini Ekadashi 2022: मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु की ऐसे करें आराधना, जानें इस दिन का महत्व और शुभ मुहूर्त - etv bharat

गुरुवार को मोहिनी एकादशी का व्रत (Mohini Ekadashi 2022) रखा जाएगा. इस दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण करके देवताओं को अमृतपान कराया था. मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना की जाती है. इस व्रत के शुभ मुहूर्त, महत्व, पूजन विधि और व्रत पारण का समय जानने के लिए पढ़ें ये रिपोर्ट..

मोहिनी एकादशी 2022
मोहिनी एकादशी 2022
author img

By

Published : May 11, 2022, 9:37 PM IST

पटना: हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. मोहिनी एकादशी को सभी एकादशी तिथि में विशेष माना गया है. 12 मई दिन गुरुवार को मोहिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा. वैसे तो प्रत्येक मास में दो एकादशी कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की होती है. हर एकादशी का एक अलग नाम और महत्व होता है.

ये भी पढ़ें- पुलवामा में तीन सिर वाली भगवान विष्णु की मूर्ति मिली

विष्णु को समर्पित होती है एकादशी: प्रत्येक एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है. मान्यता है कि मोहिनी एकादशी के दिन व्रत रखने और विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से कष्टों से मुक्ति प्राप्त होती है. मोहिनी एकादशी को सब प्रकार के दुखों का निवारण करने वाला और सब पापों को हरने वाला माना जाता है. मोहिनी एकादशी व्रत की कथा समुद्र मंथन से जुड़ी हुई है.

मोहिनी एकादशी का पौराणिक महत्व: पौराणिक कथाओं के अनुसार जब देवताओं और असुरों ने समुद्र मंथन किया तो उससे अमृत कलश की प्राप्ति हुई थी. देवता और दानव दोनों पक्षों में अमृत को प्राप्त करने के लिए विवाद छिड़ गया. विवाद की स्थिति इतनी बढ़ने लगी की युद्ध की तरफ दोनों पक्ष अग्रसर होने लगे. ऐसे में इस विवाद को सुलझाने और देवताओं में अमृत वितरित करने के लिए भगवान विष्णु ने एक सुंदर स्त्री का रूप धारण किया था. इस सुंदर स्त्री का रूप देखकर असुर मोहित हो उठे.

मोहिनी रूप धारण किए हुए विष्णु जी ने देवताओं को एक कतार में और दानवों को एक कतार में बैठ जाने को कहा और देवताओं को अमृत पान करवा दिया. अमृत पीकर सभी देवता अमर हो गए. पौराणिक मान्यता के अनुसार जिस दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया था. उस दिन वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि थी. तभी से इस दिन को मोहिनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी रूप की पूजा की जाती है.

मोहिनी एकादशी व्रत विधि: मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi Vrat Vidhi) के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें. फिर घर के मंदिर की साफ सफाई करें और घी का दीपक जलाएं. भगवान विष्णु की आरती करें और उन्हें भोग लगाएं. भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें. इस व्रत में विशेष ध्यान रखें कि भगवान विष्णु को सिर्फ सात्विक चीजों का ही भोग लगाया जाता है.

मोहिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त: मोहिनी एकादशी तिथि (Mohini Ekadashi Shubh Muhurat) का प्रारंभ 11 मई 2022 शाम 7:31 से होगा और मोहिनी एकादशी तिथि का समापन 12 मई 2022 शाम 6:51 तक समाप्त होगी. 12 मई दिन गुरुवार को व्रत का अनुष्ठान करने वाले 13 मई दिन शुक्रवार को सुबह सूर्योदय के पश्चात अपने व्रत का पारण करेंगे.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

पटना: हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. मोहिनी एकादशी को सभी एकादशी तिथि में विशेष माना गया है. 12 मई दिन गुरुवार को मोहिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा. वैसे तो प्रत्येक मास में दो एकादशी कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की होती है. हर एकादशी का एक अलग नाम और महत्व होता है.

ये भी पढ़ें- पुलवामा में तीन सिर वाली भगवान विष्णु की मूर्ति मिली

विष्णु को समर्पित होती है एकादशी: प्रत्येक एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है. मान्यता है कि मोहिनी एकादशी के दिन व्रत रखने और विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से कष्टों से मुक्ति प्राप्त होती है. मोहिनी एकादशी को सब प्रकार के दुखों का निवारण करने वाला और सब पापों को हरने वाला माना जाता है. मोहिनी एकादशी व्रत की कथा समुद्र मंथन से जुड़ी हुई है.

मोहिनी एकादशी का पौराणिक महत्व: पौराणिक कथाओं के अनुसार जब देवताओं और असुरों ने समुद्र मंथन किया तो उससे अमृत कलश की प्राप्ति हुई थी. देवता और दानव दोनों पक्षों में अमृत को प्राप्त करने के लिए विवाद छिड़ गया. विवाद की स्थिति इतनी बढ़ने लगी की युद्ध की तरफ दोनों पक्ष अग्रसर होने लगे. ऐसे में इस विवाद को सुलझाने और देवताओं में अमृत वितरित करने के लिए भगवान विष्णु ने एक सुंदर स्त्री का रूप धारण किया था. इस सुंदर स्त्री का रूप देखकर असुर मोहित हो उठे.

मोहिनी रूप धारण किए हुए विष्णु जी ने देवताओं को एक कतार में और दानवों को एक कतार में बैठ जाने को कहा और देवताओं को अमृत पान करवा दिया. अमृत पीकर सभी देवता अमर हो गए. पौराणिक मान्यता के अनुसार जिस दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया था. उस दिन वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि थी. तभी से इस दिन को मोहिनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी रूप की पूजा की जाती है.

मोहिनी एकादशी व्रत विधि: मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi Vrat Vidhi) के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें. फिर घर के मंदिर की साफ सफाई करें और घी का दीपक जलाएं. भगवान विष्णु की आरती करें और उन्हें भोग लगाएं. भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें. इस व्रत में विशेष ध्यान रखें कि भगवान विष्णु को सिर्फ सात्विक चीजों का ही भोग लगाया जाता है.

मोहिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त: मोहिनी एकादशी तिथि (Mohini Ekadashi Shubh Muhurat) का प्रारंभ 11 मई 2022 शाम 7:31 से होगा और मोहिनी एकादशी तिथि का समापन 12 मई 2022 शाम 6:51 तक समाप्त होगी. 12 मई दिन गुरुवार को व्रत का अनुष्ठान करने वाले 13 मई दिन शुक्रवार को सुबह सूर्योदय के पश्चात अपने व्रत का पारण करेंगे.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.