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अब मंत्री बिजेंद्र यादव ने नीति आयोग से की विशेष दर्जा की मांग - बिहार को विशेष दर्जा

पहले बयान पर किरकिरी हुई, फिर पलटे. अब नीति आयोग के सामने रखी वही बात. जी हां हम बात कर रहे हैं राज्य के उर्जा मंत्री बिजेन्द्र यादव और उनके द्वारा उठायी गयी मांग बिहार के स्पेशल स्टेटस की. आगे पढ़ें पूरी खबर...

bijendra yadav
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Published : Oct 30, 2021, 8:42 AM IST

पटना : ऊर्जा और योजना विकास मंत्री बिजेंद्र यादव (Minister Bijendra Yadav) ने पिछले दिनों विशेष राज्य के दर्जे की जगह विशेष मदद की मांग की थी. इसको लेकर नीतीश सरकार की खूब किरकिरी हुई. लेकिन अब बिजेंद्र यादव ने नीति आयोग से विशेष दर्जे की मांग की है. नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद्र के साथ पटना सचिवालय में शुक्रवार को हुई बैठक में यह मांग की है.

ये भी पढ़ें- मंत्री बिजेंद्र यादव का यू-टर्न, बोले- कहां कहा था कि विशेष राज्य के दर्जा की मांग नहीं करेंगे

बिजेंद्र यादव ने बिहार की भौगोलिक आर्थिक और सामाजिक परिस्थिति को देखते हुए विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की है. मंत्री ने नीति आयोग के सदस्य को कहा है कि बाढ़ से जिस प्रकार से हर साल बिहार को नुकसान झेलना पड़ता है उसको देखते हुए विशेष राज्य का दर्जा जरूरी है.

बिजेंद्र यादव ने नीति आयोग को गंभीरता से बिहार के विशेष राज्य दर्जा की मांग पर विचार कर केंद्र सरकार को अनुशंसा करने का आग्रह किया है. नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद्र के साथ बैठक में बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि बिहार की आबादी का घनत्व सबसे अधिक है और हर साल बिहार बाढ़ जैसी आपदाओं को झेलता है.

ये भी पढ़ें- ईटीवी भारत के साथ बातचीत में ऊर्जा मंत्री ने गिनाए सरकार के काम, देखिए पूरा इंटरव्यू

''उत्तर बिहार के कई जिले जो हर साल बाढ़ अथवा जलजमाव से प्रभावित होता है. दो-तीन महीनों के लिए लोग दूसरे जगह शरण लेते हैं. बाढ़ से सड़क, पुल पुलिया और आधारभूत संरचना के साथ सरकारी और निजी संपत्ति को बहुत नुकसान पहुंचता है. वहीं दक्षिण बिहार सूखा से प्रभावित होता है.''- बिजेंद्र यादव, उर्जा मंत्री, बिहार सरकार

बिजेंद्र यादव ने कहा कि आजादी के बाद से ही प्राकृतिक संसाधनों में धनी होने के बाद भी बिहार माल भाड़ा समानीकरण नीति के कारण उद्योग नहीं लगा यहां की खनिज संपदा का उपयोग कर दक्षिण भारत और अन्य जगहों पर उद्योग लगे और उनका विकास हुआ लेकिन बिहार पिछड़ा रह गया. इसलिए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए और हम लोगों की यह पुरानी मांग है.

उर्जा मंत्री ने यह भी कहा कि राष्ट्र में बुनियादी संसाधनों की उपलब्धता रोजगार सृजन आधारभूत संरचना उच्च शिक्षा के क्षेत्र में समानता की नीति लागू होनी चाहिए, ताकि देश में मानव सूचकांक बेहतर हो सके. नीति आयोग की रिपोर्ट को लेकर पिछले दिनों बिजेंद्र यादव ने प्रेस कांफ्रेंस कर रैंकिंग के तरीके पर सवाल खड़ा किया था. बिहार सरकार की तरफ से आपत्ति जताई गयी थी कि बिहार ने जिन क्षेत्रों में प्रगति की है, सूचकांक में जगह नहीं दी गयी.

अब नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद्र से बिजेंदर यादव ने कहा कि विकसित राज्यों की तुलना पिछड़े राज्यों से नहीं करनी चाहिए राज्य की भौगोलिक आर्थिक सामाजिक परिस्थिति को देखते हुए समीक्षा होनी चाहिए. बता दें कि पिछले दिनों बिजेंद्र यादव के बयान पर नीतीश सरकार की खूब किरकिरी हुई थी हालांकि नीतीश कुमार ने उसके बाद सफाई भी दी अब एक बार फिर से बिजेंद्र यादव की तरफ से नीति आयोग से बिहार को अलग से विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग हुई है जिससे बिहार का तेजी से विकास हो सके.

पटना : ऊर्जा और योजना विकास मंत्री बिजेंद्र यादव (Minister Bijendra Yadav) ने पिछले दिनों विशेष राज्य के दर्जे की जगह विशेष मदद की मांग की थी. इसको लेकर नीतीश सरकार की खूब किरकिरी हुई. लेकिन अब बिजेंद्र यादव ने नीति आयोग से विशेष दर्जे की मांग की है. नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद्र के साथ पटना सचिवालय में शुक्रवार को हुई बैठक में यह मांग की है.

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बिजेंद्र यादव ने बिहार की भौगोलिक आर्थिक और सामाजिक परिस्थिति को देखते हुए विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की है. मंत्री ने नीति आयोग के सदस्य को कहा है कि बाढ़ से जिस प्रकार से हर साल बिहार को नुकसान झेलना पड़ता है उसको देखते हुए विशेष राज्य का दर्जा जरूरी है.

बिजेंद्र यादव ने नीति आयोग को गंभीरता से बिहार के विशेष राज्य दर्जा की मांग पर विचार कर केंद्र सरकार को अनुशंसा करने का आग्रह किया है. नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद्र के साथ बैठक में बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि बिहार की आबादी का घनत्व सबसे अधिक है और हर साल बिहार बाढ़ जैसी आपदाओं को झेलता है.

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''उत्तर बिहार के कई जिले जो हर साल बाढ़ अथवा जलजमाव से प्रभावित होता है. दो-तीन महीनों के लिए लोग दूसरे जगह शरण लेते हैं. बाढ़ से सड़क, पुल पुलिया और आधारभूत संरचना के साथ सरकारी और निजी संपत्ति को बहुत नुकसान पहुंचता है. वहीं दक्षिण बिहार सूखा से प्रभावित होता है.''- बिजेंद्र यादव, उर्जा मंत्री, बिहार सरकार

बिजेंद्र यादव ने कहा कि आजादी के बाद से ही प्राकृतिक संसाधनों में धनी होने के बाद भी बिहार माल भाड़ा समानीकरण नीति के कारण उद्योग नहीं लगा यहां की खनिज संपदा का उपयोग कर दक्षिण भारत और अन्य जगहों पर उद्योग लगे और उनका विकास हुआ लेकिन बिहार पिछड़ा रह गया. इसलिए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए और हम लोगों की यह पुरानी मांग है.

उर्जा मंत्री ने यह भी कहा कि राष्ट्र में बुनियादी संसाधनों की उपलब्धता रोजगार सृजन आधारभूत संरचना उच्च शिक्षा के क्षेत्र में समानता की नीति लागू होनी चाहिए, ताकि देश में मानव सूचकांक बेहतर हो सके. नीति आयोग की रिपोर्ट को लेकर पिछले दिनों बिजेंद्र यादव ने प्रेस कांफ्रेंस कर रैंकिंग के तरीके पर सवाल खड़ा किया था. बिहार सरकार की तरफ से आपत्ति जताई गयी थी कि बिहार ने जिन क्षेत्रों में प्रगति की है, सूचकांक में जगह नहीं दी गयी.

अब नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद्र से बिजेंदर यादव ने कहा कि विकसित राज्यों की तुलना पिछड़े राज्यों से नहीं करनी चाहिए राज्य की भौगोलिक आर्थिक सामाजिक परिस्थिति को देखते हुए समीक्षा होनी चाहिए. बता दें कि पिछले दिनों बिजेंद्र यादव के बयान पर नीतीश सरकार की खूब किरकिरी हुई थी हालांकि नीतीश कुमार ने उसके बाद सफाई भी दी अब एक बार फिर से बिजेंद्र यादव की तरफ से नीति आयोग से बिहार को अलग से विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग हुई है जिससे बिहार का तेजी से विकास हो सके.

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