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अमित शाह की रैली के जवाब में पूर्णिया में महागठबंधन की होगी रैली, तैयारी में जुटे दिग्गज

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के (Union Home Minister Amit Shah) 23 सितंबर के पूर्णिया में रैली (Rally In Purnea) के जवाब में महागठबंधन भी पूर्णिया में रैली करेगा. अमति शाह ने रैली में सीएम नीतीश कुमार के साथ-साथ आरजेडी समेत तमाम विपक्षी दलों पर निशाना साधा था. बिहार में जंगलराज की बात भी कही थी. जिसके जवाब में अब सीमांचल में अमित शाह के कार्यक्रम के बाद महागठबंधन भी पूर्णिया में रैली करेगा. पढ़ें पूरी खबर...

डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव
सीएम नीतीश कुमार
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Published : Sep 28, 2022, 7:42 PM IST

पटना: महागठबंधन पूर्णिया में रैली की तैयारी (Mahagathbandhan Rally Will Be Held In Purnea) कर रहा है. पहले जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने ऐलान किया था और अब सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने भी संकेत दिए हैं कि पूर्णिया में जाकर ही अमित शाह को जवाब देंगे. जदयू की कोशिश है कि इसी महीने एक रैली हो जाए. राजद पूरे बिहार में कार्यक्रम करना चाह रहा है. रैली को लेकर जदयू की तरफ से तैयारी भी हो रही है. जदयू नेताओं का तो यहां तक दावा है कि बीजेपी से कहीं बड़ी रैली महागठबंधन की होगी. वहीं बीजेपी ने कहा है कि जदयू की रैली जातीय उन्माद और धार्मिक उन्माद फैलाने के लिए होगी.

ये भी पढ़ें- 'नीतीश और लालू से आपको डरने की जरूरत नहीं, मोदी सरकार साथ है'

पूर्णिया में महागठबंधन की रैली होगी : सीमांचल में मुस्लिम आबादी अधिक है. शाह के दौरे से पहले जदयू की तरफ से यह माहौल बनाने की कोशिश लगातार होती रही कि अमित शाह हिंदू-मुस्लिम करने आ रहे हैंं. लेकिन रैली के दौरान उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया. केंद्रीय गृहमंत्री ने सीएम नीतीश कुमार पर जरूर निशाना साधा. धोखा देने का आरोप लगाया. साथ ही बिहार में जंगलराज की बात कही. अमित शाह के कार्यक्रम को लेकर बीजेपी लगातार दावा करती रही है कि सफल कार्यक्रम रहा. बड़ी भीड़ जुटी, हर वर्ग के बड़ी संख्या में लोगों ने इस रैली में भाग लिया. लेकिन अब जदयू की तरफ से भी महागठबंधन की रैली आयोजित करने की कोशिश हो रही है. पहले ललन सिंह ने इसका ऐलान किया था और फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पूर्णिया में जाकर अमित शाह को जवाब देने की बात कही है. हालांकि अभी रैली को लेकर तिथि तय नहीं हुआ है लेकिन जदयू की पूरी कोशिश है कि अक्टूबर में पूर्णिया में रैली हो जाए.

'सीमांचल में हम लोग अमित शाह को जवाब देंगे और उसकी तैयारी हो रही है. पूर्णिया में बीजेपी से महागठबंधन की कहीं बड़ी रैली होगी. अमित शाह ने पूर्णिया एयरपोर्ट और सड़क को लेकर जो झूठ बोला है उसका भी जवाब दिया जाएगा.' - अंजुम आरा, प्रवक्ता जदयू

'महागठबंधन के दोनों नेता, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने कहा है, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी कहा है तो सांप्रदायिक माहौल को लेकर हम लोग कार्यक्रम करेंगे. जवाब क्या देना है जो दिख रहा है, लोगों को फिर से एक बार दिखा देंगे. जो भय का माहौल है, बेरोजगारी की स्थिति है, उसका रैली के माध्यम से जवाब देंगे.' - शक्ति यादव, प्रवक्ता आरजेडी

'महागठबंधन की रैली जातीय उन्माद फैलाने के लिए होगी, धार्मिक उन्माद फैलाने के लिए की जाएगी.' - अरविंद सिंह, प्रवक्ता बीजेपी

अमित शाह की रैली के जवाब में महागठबंधन की रैली : सीमांचल के 4 जिले पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज में मुस्लिम आबादी काफी अधिक है और इस पर सबकी नजर है. विशेष तौर पर महागठबंधन इसे अपना वोट बैंक मानता रहा है. भले ही 2020 चुनाव में जदयू का एक भी मुस्लिम विधायक नहीं जीत पाया और इसलिए जदयू मुस्लिम वोटरों को लगातार अपने पक्ष में करने की कोशिश करता रहा है. सीमांचल के 24 विधानसभा सीटों पर तो नजर महागठबंधन खेमे की है ही साथ ही लोकसभा की सीटों पर भी नजर है.

मुस्लिम वोटरों पर सबकी नजर : महागठबंधन सीमांचल से ही अमित शाह को जवाब देने के साथ बीजेपी के खिलाफ एक माहौल बनाने की कोशिश पूर्णिया में प्रस्तावित रैली के माध्यम से करने की तैयारी कर रहा है. राजद की ओर से मुस्लिम वोट अपने पक्ष में करने की कोशिश सीमांचल में पहले भी होती रही है. अररिया लोकसभा सीट में 40 से 50% आबादी मुसलमानों की है. वहीं कटिहार में मुस्लिमों की आबादी 30 से 40% के बीच है. पूर्णिया लोकसभा में भी मुस्लिमों की आबादी 30 से 40 फीसदी के बीच है. किशनगंज में 60 से 70% आबादी माना जाता है.

पसमांदा मुसलमान वोटरों पर BJP की नजर : बीजेपी रोहिंग्या मुसलमानों के घुसपैठ का मामला उठाने के साथ-साथ पसमांदा मुसलमानों पर भी डोरे डालती है. जदयू की तरफ से भी पसमांदा मुसलमानों को रिझाने की कोशिश लंबे समय से होती रही है. इसी समाज से आने वाले अली अनवर को नीतीश कुमार ने राज्यसभा में भेजा था. हालांकि बाद में राज्यसभा नहीं भेजे जाने पर नीतीश कुमार से अली अनवर नाराज भी हो गए थे. विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने भी राजद के मंसूबे पूरे नहीं होने दिए थे. महागठबंधन के अन्य घटक दल भी रैली के माध्यम से बीजेपी को जवाब देने के लिए हर मोर्चे पर तैयारी कर रहा है.

नीतीश कुमार का अक्टूबर में नागालैंड का दौरा : ऐसे तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अक्टूबर में नागालैंड का दौरा करना है. 11 अक्टूबर को नागालैंड में कार्यक्रम आयोजित किया गया है. जिसमें नीतीश कुमार को भाग लेना है, उसकी भी तैयारी चल रही है. नागालैंड में विपक्ष को एकजुट नीतीश करेंगे लेकिन इसके बावजूद जदयू की तरफ से इस रैली की पूरी तैयारी है कि अक्टूबर में ही सीमांचल में रैली कर अमित शाह को जवाब दिया जाए. मिली जानकारी के अनुसार आरजेडी की तरफ से उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की बात भी इस रैली को लेकर हुई है. महागठबंधन के अन्य घटक दल रैली के लिए तैयार हो जाएंगे, कहीं से कोई समस्या नहीं होगी लेकिन अभी तिथि घोषित नहीं हुई है और आरजेडी यह भी चाहता है कि पूरे बिहार में कार्यक्रम हो तो उसके लिए भी प्लानिंग बन रही है. ऐसे में पूर्णिया की रैली के बाद लगातार यह कार्यक्रम चले, यह भी कोशिश हो रही है.

पटना: महागठबंधन पूर्णिया में रैली की तैयारी (Mahagathbandhan Rally Will Be Held In Purnea) कर रहा है. पहले जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने ऐलान किया था और अब सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने भी संकेत दिए हैं कि पूर्णिया में जाकर ही अमित शाह को जवाब देंगे. जदयू की कोशिश है कि इसी महीने एक रैली हो जाए. राजद पूरे बिहार में कार्यक्रम करना चाह रहा है. रैली को लेकर जदयू की तरफ से तैयारी भी हो रही है. जदयू नेताओं का तो यहां तक दावा है कि बीजेपी से कहीं बड़ी रैली महागठबंधन की होगी. वहीं बीजेपी ने कहा है कि जदयू की रैली जातीय उन्माद और धार्मिक उन्माद फैलाने के लिए होगी.

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पूर्णिया में महागठबंधन की रैली होगी : सीमांचल में मुस्लिम आबादी अधिक है. शाह के दौरे से पहले जदयू की तरफ से यह माहौल बनाने की कोशिश लगातार होती रही कि अमित शाह हिंदू-मुस्लिम करने आ रहे हैंं. लेकिन रैली के दौरान उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया. केंद्रीय गृहमंत्री ने सीएम नीतीश कुमार पर जरूर निशाना साधा. धोखा देने का आरोप लगाया. साथ ही बिहार में जंगलराज की बात कही. अमित शाह के कार्यक्रम को लेकर बीजेपी लगातार दावा करती रही है कि सफल कार्यक्रम रहा. बड़ी भीड़ जुटी, हर वर्ग के बड़ी संख्या में लोगों ने इस रैली में भाग लिया. लेकिन अब जदयू की तरफ से भी महागठबंधन की रैली आयोजित करने की कोशिश हो रही है. पहले ललन सिंह ने इसका ऐलान किया था और फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पूर्णिया में जाकर अमित शाह को जवाब देने की बात कही है. हालांकि अभी रैली को लेकर तिथि तय नहीं हुआ है लेकिन जदयू की पूरी कोशिश है कि अक्टूबर में पूर्णिया में रैली हो जाए.

'सीमांचल में हम लोग अमित शाह को जवाब देंगे और उसकी तैयारी हो रही है. पूर्णिया में बीजेपी से महागठबंधन की कहीं बड़ी रैली होगी. अमित शाह ने पूर्णिया एयरपोर्ट और सड़क को लेकर जो झूठ बोला है उसका भी जवाब दिया जाएगा.' - अंजुम आरा, प्रवक्ता जदयू

'महागठबंधन के दोनों नेता, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने कहा है, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी कहा है तो सांप्रदायिक माहौल को लेकर हम लोग कार्यक्रम करेंगे. जवाब क्या देना है जो दिख रहा है, लोगों को फिर से एक बार दिखा देंगे. जो भय का माहौल है, बेरोजगारी की स्थिति है, उसका रैली के माध्यम से जवाब देंगे.' - शक्ति यादव, प्रवक्ता आरजेडी

'महागठबंधन की रैली जातीय उन्माद फैलाने के लिए होगी, धार्मिक उन्माद फैलाने के लिए की जाएगी.' - अरविंद सिंह, प्रवक्ता बीजेपी

अमित शाह की रैली के जवाब में महागठबंधन की रैली : सीमांचल के 4 जिले पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज में मुस्लिम आबादी काफी अधिक है और इस पर सबकी नजर है. विशेष तौर पर महागठबंधन इसे अपना वोट बैंक मानता रहा है. भले ही 2020 चुनाव में जदयू का एक भी मुस्लिम विधायक नहीं जीत पाया और इसलिए जदयू मुस्लिम वोटरों को लगातार अपने पक्ष में करने की कोशिश करता रहा है. सीमांचल के 24 विधानसभा सीटों पर तो नजर महागठबंधन खेमे की है ही साथ ही लोकसभा की सीटों पर भी नजर है.

मुस्लिम वोटरों पर सबकी नजर : महागठबंधन सीमांचल से ही अमित शाह को जवाब देने के साथ बीजेपी के खिलाफ एक माहौल बनाने की कोशिश पूर्णिया में प्रस्तावित रैली के माध्यम से करने की तैयारी कर रहा है. राजद की ओर से मुस्लिम वोट अपने पक्ष में करने की कोशिश सीमांचल में पहले भी होती रही है. अररिया लोकसभा सीट में 40 से 50% आबादी मुसलमानों की है. वहीं कटिहार में मुस्लिमों की आबादी 30 से 40% के बीच है. पूर्णिया लोकसभा में भी मुस्लिमों की आबादी 30 से 40 फीसदी के बीच है. किशनगंज में 60 से 70% आबादी माना जाता है.

पसमांदा मुसलमान वोटरों पर BJP की नजर : बीजेपी रोहिंग्या मुसलमानों के घुसपैठ का मामला उठाने के साथ-साथ पसमांदा मुसलमानों पर भी डोरे डालती है. जदयू की तरफ से भी पसमांदा मुसलमानों को रिझाने की कोशिश लंबे समय से होती रही है. इसी समाज से आने वाले अली अनवर को नीतीश कुमार ने राज्यसभा में भेजा था. हालांकि बाद में राज्यसभा नहीं भेजे जाने पर नीतीश कुमार से अली अनवर नाराज भी हो गए थे. विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने भी राजद के मंसूबे पूरे नहीं होने दिए थे. महागठबंधन के अन्य घटक दल भी रैली के माध्यम से बीजेपी को जवाब देने के लिए हर मोर्चे पर तैयारी कर रहा है.

नीतीश कुमार का अक्टूबर में नागालैंड का दौरा : ऐसे तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अक्टूबर में नागालैंड का दौरा करना है. 11 अक्टूबर को नागालैंड में कार्यक्रम आयोजित किया गया है. जिसमें नीतीश कुमार को भाग लेना है, उसकी भी तैयारी चल रही है. नागालैंड में विपक्ष को एकजुट नीतीश करेंगे लेकिन इसके बावजूद जदयू की तरफ से इस रैली की पूरी तैयारी है कि अक्टूबर में ही सीमांचल में रैली कर अमित शाह को जवाब दिया जाए. मिली जानकारी के अनुसार आरजेडी की तरफ से उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की बात भी इस रैली को लेकर हुई है. महागठबंधन के अन्य घटक दल रैली के लिए तैयार हो जाएंगे, कहीं से कोई समस्या नहीं होगी लेकिन अभी तिथि घोषित नहीं हुई है और आरजेडी यह भी चाहता है कि पूरे बिहार में कार्यक्रम हो तो उसके लिए भी प्लानिंग बन रही है. ऐसे में पूर्णिया की रैली के बाद लगातार यह कार्यक्रम चले, यह भी कोशिश हो रही है.

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