पटना: दागी मंत्रियों को लेकर बिहार सरकार घिरी हुई है. इसी मामले में लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास (Lok Janshakti Party Ramvilas) ने निशाना साधते हुए कहा कि बिहार सरकार के नवगठित मंत्रिमंडल को देखने के बाद यह सुशासन की सरकार तो कतई नहीं लगती है, बल्कि दुराचारिओं की सरकार दिखती है. इस मंत्रिमंडल में 72% मंत्रियों पर अपराधिक मामले लंबित हैं और 53% संगीन अपराधी मामले में लिप्त (tainted ministers of Bihar) हैं.
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''मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) का अपराध के लिए जीरो टॉलरेंस वाले शिगूफे का क्या हुआ ? उनके कानून मंत्री एक दिन पहले शपथ लेते हैं और अगले दिन उनके नाम का वारंट निकल जाता है? अब आप कानून मंत्री का क्या करेंगे? क्या उन्हें पद से हटाएंगे? हालांकि यह सवाल मुख्यमंत्री से पूछना बेइमानी है. ये सुशासन की सरकार तो कतई नहीं लगती, बल्कि ये दुराचारियों की सरकार दिखती है'- प्रो. विनीत कुमार, प्रदेश प्रवक्ता, एलजेपी रामविलास
'सत्ता के लिए नैतिकता ताक पर' :लोजपा ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन्होंने सत्ता के लिए सारे मूल्य, नैतिकता को ताक पर रख दिया है. अंग्रेजी में एक कहावत है ' Necessity is the mother of all inventions' यानी 'आवश्यकता आविश्कार की जननी है' पर बिहार के मुखिया के लिए 'Convenience & Comfort are mother of all inventions and arrangements' अर्थात 'सुविधा और आराम सभी आविष्कारों और व्यवस्थाओं की जननी हैं' पर सटीक बैठता है.
ADR की रिपोर्ट: एडीआर की रिपोर्ट (ADR Report On Ministers of Bihar) के अनुसार नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल 22 मंत्रियों पर मामले दर्ज हैं. कई पर गंभीर आपराधिक मामले में हैं. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर ही 11 मामले दर्ज हैं. पटना से लेकर दिल्ली तक सीबीआई ने मामले दर्ज किए हैं. ईडी का मामला भी चल रहा है. लालू के बड़े पुत्र तेज प्रताप पर भी पांच मामले दर्ज हैं. कई मंत्रियों पर चुनाव आचार संहिता उल्लंघन से लेकर चुनाव के दौरान रुपए बांटने से लेकर लॉकडाउन उल्लंघन तक के मामले दर्ज हैं. लेकिन हम चर्चा बिहार के उन बाहुबलियों की कर रहे हैं जिनके कारण नीतीश कुमार की सुशासन वाली छवि पर अब सवाल उठने लगा है और सरकार के लिए चुनौती भी बन गई है.
राजद के 14..तो जदयू के 3 मंत्री पर केस: शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर की कारतूस लेकर यात्रा करने के कारण हवाई अड्डा पर गिरफ्तारी हुई थी. इन पर भी कई मामले हैं. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और बिहार इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के अनुसार राजद के 16 मंत्री में से 14 पर केस है और जदयू के 11 मंत्री में से 3 पर केस है. किसी में फिलहाल सजा नहीं हुई है.