पटना : बिहार विधानसभा का बजट सत्र (Bihar Assembly Budget Session) चल रहा है. आज बिहार विधानसभा में शराबबंदी संशोधन विधेयक (Liquor Prohibition Amendment Bill in Bihar Assembly) लाया जाएगा. चर्चा के बाद सरकार उसे पास कराएगी. बिहार में 2016 से पूर्ण शराब बंदी लागू (Liquor Ban In Bihar) है. शराब बंदी कानून को लेकर सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर रही है. इसलिए इसमें सरकार संशोधन करने जा रही है. जिसकी चर्चा लंबे समय से हो रही हैं. बिहार विधानसभा में प्रस्तावित मद्य निषेध और उत्पाद संशोधन विधेयक 2022 में शराब पीते या शराब के नशे में पकड़े गए व्यक्ति को जुर्माना का भुगतान करने पर छोड़ा जा सकता है. जुर्माना नहीं चुकाने पर 1 माह के साधारण कारावास का प्रावधान है. कैबिनेट ने पहले ही इसकी स्वीकृति दे दी है. विधायकों को विधेयक की कॉपी अध्ययन के लिए पहले दे दी गई है. ऐसे में देखना है कि विपक्ष और सत्ता पक्ष के सदस्यों का क्या रुख होता है.
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इन विभागों के लाए जाएंगे प्रश्न : विधानसभा की कार्यवाही 11बजे से शुरू होगी. आज प्रश्नकाल में ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, जल संसाधन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, पथ निर्माण, भवन निर्माण और श्रम संसाधन से संबंधित प्रश्न लाए जाएंगे, जिसका प्रभारी मंत्री जवाब देंगे. शून्यकाल भी होंगे और फिर ध्यान कर्षण में भी उत्तर होगा. लेकिन सबकी नजर आज शराबबंदी संशोधन विधायक पर होगी.
शराबबंदी संशोधन विधेयक में क्या है? : आज पेश किए जाने वाले मद्य निषेध और उत्पाद संशोधन विधेयक 2022 में शराब पीने के आरोप में पकड़े गए शख्स को नजदीक के कार्यपालक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा. यदि वह जुर्माना जमा करता है तो उसे मुक्त भी किया जा सकता है. मजिस्ट्रेट गिरफ्तार करने वाले पदाधिकारियों की रिपोर्ट पर फैसला लेंगे. शराबबंदी कानून के तहत दर्ज मामलों का अनुसंधान एएसआई रैंक से नीचे के पुलिस या उत्पाद विभाग के अधिकारी नहीं करेंगे. विधेयक में ड्रोन अन्य माध्यमों से ली गई तस्वीर को भी साक्ष्य के रूप में प्रयोग किया जाएगा.
प्रस्तावित विधेयक में हर जिले में एक विशेष न्यायालय का गठन होगा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से सेवानिवृत्त जजों को जो अपर सत्र न्यायाधीश रह चुके हैं को विशेष न्यायालय में पीठासीन होने के लिए नियुक्त सरकार कर सकेगी. मद्य निषेध और उत्पाद संशोधन विधेयक 2022 में कई प्रावधान किए गए हैं. कार्यपालक मजिस्ट्रेट की नियुक्ति उच्च न्यायालय के परामर्श से की जाएगी. वे द्वितीय श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट की शक्तियों का प्रयोग करेंगे. बिहार मद्य निषेध उत्पाद अधिनियम 2016 की धारा 81 के पश्चात अब एक नई धारा 81ए होगी. इसमें जब्त वस्तु या मादक द्रव्य को सुरक्षित रखना संभव न तो पुलिस या उत्पाद अधिकारी विशेष न्यायालय या कलेक्टर के आदेश के बिना भी छोटे नमूने को रखकर स्थल पर ही नष्ट कर सकेंगे.
SC ने खड़ा किया था सवाल : नए प्रावधान में अधिनियम के अधीन दंडनीय सभी अपराध धारा 35 के अधीन अपराधों को छोड़कर सुनवाई विशेष न्यायालय द्वारा की जाएगी. इन मामलों में गिरफ्तार व्यक्ति यदि अभी भी जेल में है तो उसे छोड़ दिया जाएगा, यदि वह धारा 37 में उल्लेखित कारावास की अवधि पूरा कर चुके होंगे. बिहार की शराब बंदी कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने के मुख्य न्यायाधीश ने भी सवाल खड़ा किया था और सहयोगी बीजेपी के तरफ से भी समीक्षा की मांग होती रही है जेल में शराबबंदी कानून के तहत पकड़े गए लोगों की बढ़ती संख्या से असहज स्थिति भी पैदा हो रही है और दबाव भी है. इसी कारण सरकार यह संशोधन विधेयक ला रही है.
विपक्ष का हंगामा : विधानसभा का बजट सत्र का आज 21 वां दिन है. केवल 2 दिन इस सत्र का बचा है. ऐसे सत्र के दौरान विपक्ष की ओर से सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश भी हुई है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार सदन से गायब भी रहे हैं. आज भी कानून व्यवस्था और अन्य मुद्दों पर विपक्ष सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकता है.
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