पटना: 18 जुलाई से जीएसटी परिषद (GST Council) की ओर से लिए गए फैसले को लागू कर दिया गया है. इसके कारण मछली, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर, आटा, दाल, दही, पनीर सहित कई जरूरी खाद्य पदार्थों और 1000 रुपए से कम के होटल पर 5 से 12 फीसदी तक जीएसटी लागू हो गया है. इसके कारण लोगों की जेबें ढीली करनी होगी. केंद्र सरकार के इस फैसले पर खाद्य आपूर्ति मंत्री लेसी सिंह (Food Supplies Minister Leshi Singh) का कहना है कि यह तो बिहार सरकार का मामला नहीं है, खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाने का केंद्र सरकार ने फैसला लिया है.
ये भी पढ़ें- बिहार में गेहूं अधिप्राप्ति लक्ष्य से पीछे, मंत्री लेसी सिंह ने कहा- 'बाजार में किसानों को मिल रहा अधिक मूल्य'
'केंद्र सरकार लोगों के हित में संज्ञान लेती रही है. जीएसटी को लेकर लोगों का विरोध हुआ तो केंद्र सरकार संज्ञान लेगी और संशोधन करेगी. जो जीएसटी लागू हुआ है, उसका असर गरीबों को दी जाने वाली मुख्य अनाज पर नहीं पड़ेगा. उन्हें पहले की तरह ही उसी तरह से जो भी सरकार की स्कीम है, उसका लाभ मिलता रहेगा. सरकार जो अच्छा काम कर रही है, उसके बारे में भी तो बोलना चाहिए.' - लेसी सिंह, खाद्य आपूर्ति मंत्री
खाद्य पदार्थों पर लगा है GST : आजादी के बाद पहली बार अनाज पर जीएसटी लगाया गया है. साथ ही दूध से बने कई पदार्थ पर जीएसटी लगाया गया है. गौरतलब है कि पैकेटबंद और लेबल वाले खाद्य पदार्थ मसलन आटा, दालें और अनाज सोमवार से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में आ गए हैं. इनके 25 किलोग्राम से कम वजन के पैक पर पांच प्रतिशत जीएसटी लागू हो गया है. वित्त मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी उन उत्पादों पर लगेगा, जिनकी आपूर्ति पैकेटबंद सामग्री के रूप में की जा रही है. हालांकि, इन पैकेटबंद सामान का वजन 25 किलोग्राम से कम होना चाहिए. दही और लस्सी जैसे पदार्थों के लिए यह सीमा 25 लीटर है.