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विवादों में घिरे कानून मंत्री कार्तिक सिंह ने की लालू से मुलाकात, कहा.. मेरे ऊपर कोई मामला नहीं

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Published : Aug 18, 2022, 7:48 AM IST

Law Minister Karthikeya Kumar को लेकर RJD Chief Lalu Yadav ने दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि सुशील मोदी क्या बोलते हैं उस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है. सुशील मोदी झूठा आदमी है. वहीं, अब कार्तिक सिंह ने भी कहा कि मेरे खिलाफ ऐसा कोई मामला नहीं है.

कार्तिकेय कुमार पर अपहरण का मुकदमा
कार्तिकेय कुमार पर अपहरण का मुकदमा

पटना: शपथ लेने के बाद कानून के फेर में फंसे बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार (Law Minister Karthikeya Kumar) उर्फ कार्तिक सिंह ने एक बार फिर अपने आपको बेकसूर बताया है. उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं है. वह पहले ही इस मामले पर बोल चुके हैं. दरअसल महागठबंधन की सरकार बनने के बाद पहली बार दिल्ली से पटना आए आरजेडी चीफ लालू यादव (RJD Chief Lalu Yadav) से उन्होंने पूर्व सीएम राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर भेंट करने आए थे. इसी दौरान मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि मुझ पर ऐसा कोई आरोप है, जिसके लिए इस्तीफा देना पड़े.

ये भी पढ़ें: कार्तिकेय सिंह के वारंटी होने के आरोप पर बोले लालू यादव, सुशील मोदी झूठा है

'मेरे ऊपर कोई मामला नहीं': लालू से मिलने आए कार्तिक सिंह पहले तो मीडिया से नजरें बचाते हुए दिखे लेकिन बार-बार पत्रकारों के सवाल पूछने पर उन्होंने सिर्फ इतना कहा, "मेरे ऊपर कोई मामला है ही नहीं. मैं तो पहले ही सारी बातें कह चुका हूं. अब इस पर कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है."

कार्तिकेय सिंह को लेकर विपक्ष तो पहले से ही हमलावर है, अब महागठबंधन में सहयोगी वाम दलों ने भी सीएम नीतीश से इस मामले पर संज्ञान लेने की बात कही है. वहीं इस मामले पर बुधवार को ही कार्तिक सिंह के वकील ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए 11 बिंदुओं पर अपनी बात रखी लेकिन विपक्ष इस मामले को लेकर इतना हमलावर है कि राज्य की नई महागठबंधन की सरकार अभी इस मामले को केवल शांति से देख रही है. हालांकि सीएम नीतीश कुमार से जब इस बारे में जब पत्रकारों द्वारा पूछा गया था तो उनका कहना था कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी ही नहीं है.

मंत्री के खिलाफ है कोर्ट का वारंटः आपको बता दें कि राजीव रंजन की 2014 में किडनैपिंग हुई थी. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था. राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में एक आरोपी बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह भी हैं. बिहटा थाना में उनके खिलाफ मामला दर्ज है. जिनके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया हुआ है. धारा 164 के तहत बयान में नाम आया है. कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है. कल यानी 16 अगस्त को इनको कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वो मंत्री पद की शपथ ले रहे थे.

अनंत सिंह के हैं बेहद 'खास' है कार्तिकेय सिंह: बता दें कि कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह आरजेडी के पूर्व विधायक अनंत सिंह (RJD Leader Anant Singh) के बेहद खास हैं. बताया जाता है कि अनंत सिंह के जेल में रहने पर कार्तिकेय सिंह उर्फ 'कार्तिकेय मास्टर' ही मोकामा से लेकर पटना तक उनके सारे काम को देखते हैं. इस साल उन्होंने आरजेडी से चुनाव लड़ा और एमएलसी बन गए. वर्ष 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कार्तिक मास्टर और अनंत सिंह की दोस्ती परवान चढ़ी थ. आगे अनंत सिंह के चुनावी रणनीतिकार के रूप में कार्तिकेय ने खुद को साबित किया. राजनीति में सक्रिय होने से पहले कार्तिकेय स्कूल में शिक्षक थे. वे मोकामा के रहनेवाले हैं और उनके गांव का नाम शिवनार है. कार्तिक मास्टर की पत्नी रंजना कुमारी लगातार दो बार मुखिया बनीं.

ये भी पढ़ें: बिहार के कानून मंत्री पर अपहरण का केस.. जिस दिन सरेंडर करना था उसी दिन ली शपथ

पटना: शपथ लेने के बाद कानून के फेर में फंसे बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार (Law Minister Karthikeya Kumar) उर्फ कार्तिक सिंह ने एक बार फिर अपने आपको बेकसूर बताया है. उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं है. वह पहले ही इस मामले पर बोल चुके हैं. दरअसल महागठबंधन की सरकार बनने के बाद पहली बार दिल्ली से पटना आए आरजेडी चीफ लालू यादव (RJD Chief Lalu Yadav) से उन्होंने पूर्व सीएम राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर भेंट करने आए थे. इसी दौरान मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि मुझ पर ऐसा कोई आरोप है, जिसके लिए इस्तीफा देना पड़े.

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'मेरे ऊपर कोई मामला नहीं': लालू से मिलने आए कार्तिक सिंह पहले तो मीडिया से नजरें बचाते हुए दिखे लेकिन बार-बार पत्रकारों के सवाल पूछने पर उन्होंने सिर्फ इतना कहा, "मेरे ऊपर कोई मामला है ही नहीं. मैं तो पहले ही सारी बातें कह चुका हूं. अब इस पर कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है."

कार्तिकेय सिंह को लेकर विपक्ष तो पहले से ही हमलावर है, अब महागठबंधन में सहयोगी वाम दलों ने भी सीएम नीतीश से इस मामले पर संज्ञान लेने की बात कही है. वहीं इस मामले पर बुधवार को ही कार्तिक सिंह के वकील ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए 11 बिंदुओं पर अपनी बात रखी लेकिन विपक्ष इस मामले को लेकर इतना हमलावर है कि राज्य की नई महागठबंधन की सरकार अभी इस मामले को केवल शांति से देख रही है. हालांकि सीएम नीतीश कुमार से जब इस बारे में जब पत्रकारों द्वारा पूछा गया था तो उनका कहना था कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी ही नहीं है.

मंत्री के खिलाफ है कोर्ट का वारंटः आपको बता दें कि राजीव रंजन की 2014 में किडनैपिंग हुई थी. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था. राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में एक आरोपी बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह भी हैं. बिहटा थाना में उनके खिलाफ मामला दर्ज है. जिनके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया हुआ है. धारा 164 के तहत बयान में नाम आया है. कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है. कल यानी 16 अगस्त को इनको कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वो मंत्री पद की शपथ ले रहे थे.

अनंत सिंह के हैं बेहद 'खास' है कार्तिकेय सिंह: बता दें कि कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह आरजेडी के पूर्व विधायक अनंत सिंह (RJD Leader Anant Singh) के बेहद खास हैं. बताया जाता है कि अनंत सिंह के जेल में रहने पर कार्तिकेय सिंह उर्फ 'कार्तिकेय मास्टर' ही मोकामा से लेकर पटना तक उनके सारे काम को देखते हैं. इस साल उन्होंने आरजेडी से चुनाव लड़ा और एमएलसी बन गए. वर्ष 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कार्तिक मास्टर और अनंत सिंह की दोस्ती परवान चढ़ी थ. आगे अनंत सिंह के चुनावी रणनीतिकार के रूप में कार्तिकेय ने खुद को साबित किया. राजनीति में सक्रिय होने से पहले कार्तिकेय स्कूल में शिक्षक थे. वे मोकामा के रहनेवाले हैं और उनके गांव का नाम शिवनार है. कार्तिक मास्टर की पत्नी रंजना कुमारी लगातार दो बार मुखिया बनीं.

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