पटना: बिहार सरकार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन (Industries Minister Shahnawaz Hussain) ने उद्योग विभाग के सभागार में स्टार्टअप नीति 2022 की लॉन्चिंग की साथ ही साथ इस मौके पर उन्होंने स्टार्टअप नीति 2022 को लेकर के पोर्टल का भी शुभारंभ किया. बिहार स्टार्टअप पॉलिसी 2022 की सुविधा के लिए बिहार स्टार्टअप पोर्टल www.startup.indbih.com पर जाकर आवेदकों का निबंधन कराना होगा. इस मौके पर शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए मौर्या लोक परिसर के पांचवें तल और बीएसएफसी बिल्डिंग फ्रेजर रोड में स्टार्टअप बिजनेस सेंटर के नाम से कोवर्किंग स्पेस का निर्माण किया जा रहा है.
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'उन लोगों का प्रयास था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों ही स्टार्टअप नीति 2022 की शुरुआत की जाए, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तबीयत थोड़ी नासाज चल रही है और स्टार्टअप नीति को लागू करना था. ऐसे में मुख्यमंत्री के निर्देशन में वो इस नई स्टार्टअप नीति 2022 के साथ-साथ स्टार्टअप पोर्टल की लॉन्चिंग कर रहे हैं. उनका प्रयास है कि जिस प्रकार एमएसएमई में बिहार देश भर में दूसरे नंबर पर है, उसी प्रकार स्टार्टअप के मामले में बिहार देश का स्टार्टअप कैपिटल बने. बिहार में स्टार्टअप के ग्रोथ के लिए शानदार इकोसिस्टम तैयार हो रहा है और मार्केटिंग के साथ-साथ हर प्रकार का सहयोग मिले, इसके लिए सरकार काम कर रही है.' - शाहनवाज हुसैन, उद्योग मंत्री
स्टार्टअप नीति 2022 की लॉन्चिंग : शाहनवाज हुसैन ने कहा कि स्टार्टअप नीति 2022 के तहत स्टार्टअप्स को 10 लाख का सीड फंड दिया जाएगा जो 10 साल तक ब्याज मुक्त रहेगा. यदि कोई महिला उद्यमी स्टार्टअप शुरू कर रही है तो उसे मिलने वाली सुविधाएं 5% अतिरिक्त मिलेगी. जैसे महिला उद्यमियों को सीडफंड 10 लाख की जगह 10 लाख 50 हजार रुपए मिलेंगे. इसी प्रकार यदि कोई एससी, एसटी और दिव्यांग है, तो उसे 15% अधिक सुविधा मिलेगा. यानी कि सीडफंड की राशि 11.50 लाख दी जाएगी. उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि यदि कोई स्टार्टअप कंपनी किसी एक्सीलरेशन प्रोग्राम में हिस्सा लेना चाहती है तो उसके लिए तीन लाख तक के अनुदान का प्रावधान है और यदि कोई स्टार्टअप कंपनी एंजेल निवेशकों से निवेश प्राप्त करने में सफल रहती है तो सरकार की तरफ से कुल प्राप्त निवेश का 2% सफलता शुल्क के तौर पर दिया जाएगा.
पोर्टल का भी शुभारंभ : उन्होंने कहा कि इसके साथ ही अगर कोई स्टार्टअप कंपनी किसी एंजल इन्वेस्टर से फंड उठाने में सफल रहती है और उसके बाद भी अतिरिक्त फंड की जरूरत रहती है तो उसके लिए उद्योग विभाग के स्टार्टअप फंड ट्रस्ट से मैचिंग लोन का भी प्रावधान है. उन्होंने कहा कि अगर कोई इनक्यूबेटर की मदद से कोई स्टार्टअप एंजल फंड हासिल करने में कामयाब होता है तो इनक्यूबेटर के लिए भी प्राप्त एंजल इन्वेस्टर फंड का 2% सफलता शुल्क का प्रावधान है. इनक्यूबेशन सेंटर के द्वारा स्टार्टअप्स की हैंड होल्डिंग और नर्चरिंग के लिए 2 लाख तक का प्रति स्टार्टअप का प्रावधान है.