पटना: चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार मामले (Doranda Treasury case of fodder scam) में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू यादव को दोषी (Lalu Yadav convicted in fodder scam) करार दिया गया है. उन्हें 21 फरवरी को सजा सुनाई जाएगी. इधर, इस मामले को लेकर राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री मोदी पर हमला (Shivanand Tiwari attacked PM Modi and CM Nitish) बोला है. उन्होंने पूछा है कि क्या अकेले लालू यादव ही पापी हैं. वर्ष 2015 में नीतीश और मोदी ने एक दूसरे पर जो गंभीर आरोप लगाए थे, उन आरोपों का क्या हुआ.
राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी (RJD National Vice President Shivanand Tiwari) ने कहा कि सियासत की दुनिया में लालू यादव अकेला पापी हैं, बाकी तो सभी साधु संत हैं. अभी रांची की अदालत से लालू यादव को सजा मिली. सजा मिलनी ही थी क्योंकि यह अदालत इसी से जुड़े हुए बाकी मामलों में सजा दे चुकी थी. इसलिए यह तय था कि इस मामले में भी सजा मिलेगी ही. वरिष्ठ राजद नेता ने कहा कि सब जानते हैं कि यह एक ही मामला है जिसको पांच मानकर सुनवाई हो रही है. इसलिए सजा तो प्रत्याशित थी.
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उन्होंने कहा कि सजा सुनाये जाने के बाद लालू यादव के विरोधी जिस तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं, जैसे ये सब लोग साधू हैं. हमारे देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई होने या नहीं होने के पीछे भी राजनीतिक मकसद होता है. शिवानंद तिवारी ने कहा कि 2015 के विधानसभा चुनाव का स्मरण कीजिए. नीतीश कुमार उस चुनाव में महागठबंधन के मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रूप में अभियान चला रहे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा की ओर से उस चुनाव में अभियान की कमान अपने हाथ में ले ली थी. उस दरमियान उन्होंने नीतीश कुमार पर भ्रष्टाचार और घोटाले के कितने आरोप लगाए थे.
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शिवानंद तिवारी ने कहा कि गोपालगंज और मुजफ्फरपुर की चुनावी सभाओं में उन्होंने नीतीश कुमार की सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार और घोटाले के 22 आरोप गिनाए थे. उन आरोपों का क्या हुआ? क्या वे ही आरोप नीतीश कुमार के पाला बदलकर प्रधानमंत्री वाले गठबंधन में चले जाने का कारण तो नहीं बने थे. शिवानंद तिवारी ने कहा कि विडंबना देखिए. जिन पीएम मोदी ने नीतीश कुमार पर भ्रष्टाचार और घोटालों का आरोप लगाया था, वे ही आज उनको सच्चा समाजवादी का प्रमाणपत्र दे रहे हैं. यह भी देखिए. नीतीश कुमार ने कभी कहा था कि जिस आदमी का नाम लेने से करोड़ों अल्पसंख्यकों के मन में भय समा जाता है, उसके साथ मैं हाथ मिलाऊंगा? वहीं नीतीश कुमार पीएम मोदी से सच्चे समाजवादी का प्रमाणपत्र उनकी कृपा मानकर ग्रहण कर रहे हैं.
'नीतीश कुमार इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उन्हें समाजवादी नेता का प्रमाण पत्र दिए जाने के बाद मुखर हो गए हैं. भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया था कि नीतीश कुमार भी चारा घोटाले में शामिल थे और झारखंड (तब बिहार का हिस्सा था) के खजाने से अवैध निकासी के बाद पैसे लेते थे. क्या नीतीश कुमार में सुशील कुमार मोदी द्वारा लगाए गए आरोप को स्वीकार करने की हिम्मत है. मैं सुशील कुमार मोदी को फिर से नीतीश कुमार पर लगाए गए आरोपों को दोहराने के लिए चुनौती दे रहा हूं.' - शिवानंद तिवारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, राजद
तिवारी ने कहा कि श्याम बिहारी सिन्हा चारा घोटाले के सरगना थे. क्या नीतीश कुमार इस बात से इनकार कर सकते हैं कि वह अपने पूरे जीवन में श्याम बिहारी सिन्हा से नहीं मिले हैं. मैं चुनौती दे रहा हूं कि श्याम बिहारी के साथ उनके करीबी संबंध थे और उन्होंने इस मामले में रिश्वत ली थी. उन्होंने कहा कि उन्हें यह कहने में कोई झिझक नहीं है कि वह मामले की सीबीआई जांच की मांग करने के लिए अदालत में लालू प्रसाद के खिलाफ याचिकाकर्ताओं में से एक थे.
आरजेडी नेता ने कहा कि चारा घोटाले का पता पहली बार 1996 की पहली तिमाही में चाईबासा जिले के उपायुक्त और जिला मजिस्ट्रेट (अब झारखंड में) ने लगाया था. उन्होंने पाया कि पशुपालन विभाग द्वारा जिला कोषागार से कुछ अवैध निकासी की गई थी. मामला बिहार के वित्त सचिव बीएस दुबे तक पहुंचा. उस समय लालू प्रसाद सत्ता में थे, उन्होंने मामले की जांच के निर्देश दिए थे. उनके निर्देश के बाद, बीएस दुबे ने विभिन्न कोषागारों की जांच शुरू की और दुमका, डोरंडा और चाईबासा कोषागारों से अवैध निकासी पाई.
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