पटना: लालू यादव ( Lalu Yadav ) की पार्टी और परिवार में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. भले ही लालू दिल्ली से कहें कि 'ऑल इज वेल', लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का बयान, तेज प्रताप ( Tej Pratap Yadav ) का तेवर बता रहा है कि कुछ तो गड़बड़ है. सबसे बडी बात ये है कि शिवानंद तिवारी के 'OUT' वाले बयान पर लालू परिवार पूरी तरह खामोश है और पार्टी के नेता कह रहे हैं कि आधिकारिक जानकारी नहीं है.
दरअसल, बुधवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ( Shivanand Tiwari ) ने कहा था कि तेजप्रताप के आरजेडी ( RJD ) में होने या निष्कासन करने की जरूरत ही कहां है. वे तो खुद ही निष्कासित हो चुके हैं. उन्होंने नया संगठन बनाकर पार्टी के सिंबल का इस्तेमाल किया था, जिसे पार्टी ने ऐसा करने से रोक दिया था.
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"तेजप्रताप जी पार्टी में कहां हैं. पार्टी से अलग उन्होंने एक नया संगठन बनाया है. पार्टी में नहीं हैं वो अब. निष्कासित करने की क्या जरूरत है, वो खुद ही निष्कासित हो चुके हैं. उन्होंने जो संगठन बनाया है, उसमें उन्होंने लालटेन का सिम्बल लगाया था, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें मना कर दिया था"- शिवानंद तिवारी, उपाध्यक्ष, आरजेडी
शिवानंद तिवारी के इस बयान पर बिहार में सियासी भूचाल आ गया. पार्टी के प्रवक्ता कुछ भी बोलने से बचते रहे हैं. पत्रकारों ने इस बाबत पार्टी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी से पूछा तो उन्होंने कहा कि इस बात की आधिकारिक जानकारी उनके पास नहीं है. शिवानंद तिवारी के बयान का हवाला दिया गया तो मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि इस पर हम कुछ नहीं बोल सकते.
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बता दें कि शिवानंद तिवारी ने हाजीपुर में आरजेडी के प्रशिक्षण शिविर में यह बयान दिया था. 24 घंटे के बाद भी लालू परिवार से सियासी मसलों पर बयान देने वाले लोगों में से किसी ने एक ट्वीट तक नहीं किया. ना ही मीडिया के सामने आकर पक्ष रखा है.
गौरतलब है कि लालू परिवार के कुल 6 लोग ऐसे हैं जो सियासी मसलों पर बयान देते रहते हैं. उनमें लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, रोहिणी आचार्य, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव शामिल हैं. ये सभी सोशल मीडिया पर खूब एक्टिव रहते हैं लेकिन किसी ने भी अभी तक शिवानंद तिवारी के बयान का खंडन नहीं किया है, ना ही समर्थन किया है. ऐसे में इस खामोशी का मतलब क्या निकाला जाए?