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संक्रमण के आंकड़े घटे, लेकिन कोविड से हो रही मौत के आंकड़ों में बढ़ोत्तरी क्यों? जानें वजह

बिहार में कोरोना के मामले पर लगाम लगाने को लेकर जब लाॅकडाउन लगाया गया है, सकरात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं. कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट आई है, लेकिन इस बीच कोरोना से हो रही मौत के मामले बढ़ रहे हैं, जानिए ऐसा क्यों है...

patna
संक्रमण के आंकड़े घटे
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Published : May 21, 2021, 3:05 AM IST

Updated : May 21, 2021, 9:07 AM IST

पटनाः बिहार में लॉकडाउन लगाए जाने के वक्त हर दिन करीब 15,000 कोरोना संक्रमण के नए मामले आ रहे थे. लेकिन लॉकडाउन के बाद से ही बिहार में कोरोना के मामलो में गिरावट आई है. राज्य में कोरोना संक्रमण के आंकड़े में अब प्रतिदिन 6000 या उससे कम सामने आ रहे हैं. लेकिन इस बीच कोरोना से होनोवाली मौतों ने सबकी चिंता बढ़ा दी है. हर दिन हो रही मौतों का आंकड़ा अब रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. ईटीवी ने इसके पीछे की वजह जानना का प्रयास किया है.

इसे भी पढ़ेंः बिहार में 24 घंटे में मिले कोरोना के 5,871 नए मरीज, रिकवरी रेट 91.32 प्रतिशत

मौतों का आंकड़ा बढ़ा
दरअसल बिहार सहित पूरे देश में कोविड संक्रमण के मामले पिछले एक हफ्ते में तेजी से घटे हैं. हालांकि कोविड-19 से हो रही मौत के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह लगातार बढ़ रहा है. आंकड़ों के मुताबिक 6 मई तक चार लाख से ज्यादा संक्रमण के मामले हर दिन देश में रिकॉर्ड हो रहे थे. लेकिन 1 हफ्ते के बाद यह 2.65 लाख प्रति दिन पर आ गए हैं. लेकिन 18 मई के आंकड़ों पर गौर करें तो एक तरफ जहां 2.67 लाख नए कोविड-19 के केस रिकॉर्ड हुए वहीं उसी दिन कोरोना से होनेवाली मौतों का आंकड़ा 4,529 दर्ज किया गया. करीब 1 महीने पहले 18 अप्रैल को जब 2.75 लाख केस 1 दिन में सामने आए थे उस दिन मौत का आंकड़ा 1620 था.

एक नजर बिहार के सात दिन के आंकड़ों पर

दिन नए मरीज रिकवरी रेटमौत
14 मई7494 85.63%77
15 मई733686.63%73
16 मई689487.89% 89
17 मई5920 88.81% 96
18 मई628689.65%111
19 मई6059 90.64%104
20 मई5871 91.32% 98

पिछले 4 दिन में ही रिकवरी रेट जहां ढाई प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गया, वहीं 4 दिनों में 409 लोगों की आधिकारिक तौर पर मौत कोरोना के कारण हुई है. ऐसे में एक सवाल जो सबके जेहन में आ रहा है कि जब संक्रमण तेजी से घट रहा है तो मौतों का आंकड़ा इतनी तेजी से कैसे बढ़ रहा है?

क्या कहते हैं मेडिकल एक्सपर्ट
इस बारे में मेडिकल एक्सपर्ट डॉ. दिवाकर तेजस्वी कहते हैं कि लॉक डाउन की वजह से काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ा है और सीधा असर दिख रहा है कि किस तरह कोविड संक्रमण की दर तेजी से घटी है. वे कहते हैं कि मौत के आंकड़ों पर अगर नजर डालें तो यह ज्यादा नजर आ रहे हैं. इसके पीछे वजह संक्रमण का दौर है, जो करीब 2 हफ्ते पहले था. उस संक्रमण की वजह से जो लोग गंभीर संक्रमित हुए और उनकी मौत हुई, उसी को हम फिलहाल के आंकड़ों में देख रहे हैं. लेकिन अब जब संक्रमण तेजी से घटा है उसका असर आने वाले समय में दिखेगा... जब डेथ रेट भी कम नजर आएंगी.

डॉ. दिवाकर तेजस्वी

B3 कांसेप्ट पर ध्यान दें
कोविड संक्रमण और इससे जुड़े मामलों को अत्यंत नजदीक से देखने वाले पटना एम्स ट्रॉमा एवं इमरजेंसी के हेड डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि ज्यादातर मौत की वजह पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त होना और देरी से अस्पताल पहुंचना है. उन्होंने B3 कांसेप्ट के तहत कहा कि बूढ़े, बच्चे और बीमार को विशेष रूप से घर में ध्यान रखना है. डॉक्टर अनिल कुमार ने कहा कि अगर किसी को संक्रमण है तो समय पर अस्पताल पहुंचाना बहुत जरूरी है ताकि डेथ रेट को कम किया जा सके। डॉक्टर अनिल कुमार ने भी यह स्वीकार किया है कि संक्रमण की दर तेजी से घटी है और आने वाले वक्त में डेथ रेट में भी कमी नजर आएगी.

डॉ. अनिल कुमार

पटनाः बिहार में लॉकडाउन लगाए जाने के वक्त हर दिन करीब 15,000 कोरोना संक्रमण के नए मामले आ रहे थे. लेकिन लॉकडाउन के बाद से ही बिहार में कोरोना के मामलो में गिरावट आई है. राज्य में कोरोना संक्रमण के आंकड़े में अब प्रतिदिन 6000 या उससे कम सामने आ रहे हैं. लेकिन इस बीच कोरोना से होनोवाली मौतों ने सबकी चिंता बढ़ा दी है. हर दिन हो रही मौतों का आंकड़ा अब रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. ईटीवी ने इसके पीछे की वजह जानना का प्रयास किया है.

इसे भी पढ़ेंः बिहार में 24 घंटे में मिले कोरोना के 5,871 नए मरीज, रिकवरी रेट 91.32 प्रतिशत

मौतों का आंकड़ा बढ़ा
दरअसल बिहार सहित पूरे देश में कोविड संक्रमण के मामले पिछले एक हफ्ते में तेजी से घटे हैं. हालांकि कोविड-19 से हो रही मौत के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह लगातार बढ़ रहा है. आंकड़ों के मुताबिक 6 मई तक चार लाख से ज्यादा संक्रमण के मामले हर दिन देश में रिकॉर्ड हो रहे थे. लेकिन 1 हफ्ते के बाद यह 2.65 लाख प्रति दिन पर आ गए हैं. लेकिन 18 मई के आंकड़ों पर गौर करें तो एक तरफ जहां 2.67 लाख नए कोविड-19 के केस रिकॉर्ड हुए वहीं उसी दिन कोरोना से होनेवाली मौतों का आंकड़ा 4,529 दर्ज किया गया. करीब 1 महीने पहले 18 अप्रैल को जब 2.75 लाख केस 1 दिन में सामने आए थे उस दिन मौत का आंकड़ा 1620 था.

एक नजर बिहार के सात दिन के आंकड़ों पर

दिन नए मरीज रिकवरी रेटमौत
14 मई7494 85.63%77
15 मई733686.63%73
16 मई689487.89% 89
17 मई5920 88.81% 96
18 मई628689.65%111
19 मई6059 90.64%104
20 मई5871 91.32% 98

पिछले 4 दिन में ही रिकवरी रेट जहां ढाई प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गया, वहीं 4 दिनों में 409 लोगों की आधिकारिक तौर पर मौत कोरोना के कारण हुई है. ऐसे में एक सवाल जो सबके जेहन में आ रहा है कि जब संक्रमण तेजी से घट रहा है तो मौतों का आंकड़ा इतनी तेजी से कैसे बढ़ रहा है?

क्या कहते हैं मेडिकल एक्सपर्ट
इस बारे में मेडिकल एक्सपर्ट डॉ. दिवाकर तेजस्वी कहते हैं कि लॉक डाउन की वजह से काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ा है और सीधा असर दिख रहा है कि किस तरह कोविड संक्रमण की दर तेजी से घटी है. वे कहते हैं कि मौत के आंकड़ों पर अगर नजर डालें तो यह ज्यादा नजर आ रहे हैं. इसके पीछे वजह संक्रमण का दौर है, जो करीब 2 हफ्ते पहले था. उस संक्रमण की वजह से जो लोग गंभीर संक्रमित हुए और उनकी मौत हुई, उसी को हम फिलहाल के आंकड़ों में देख रहे हैं. लेकिन अब जब संक्रमण तेजी से घटा है उसका असर आने वाले समय में दिखेगा... जब डेथ रेट भी कम नजर आएंगी.

डॉ. दिवाकर तेजस्वी

B3 कांसेप्ट पर ध्यान दें
कोविड संक्रमण और इससे जुड़े मामलों को अत्यंत नजदीक से देखने वाले पटना एम्स ट्रॉमा एवं इमरजेंसी के हेड डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि ज्यादातर मौत की वजह पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त होना और देरी से अस्पताल पहुंचना है. उन्होंने B3 कांसेप्ट के तहत कहा कि बूढ़े, बच्चे और बीमार को विशेष रूप से घर में ध्यान रखना है. डॉक्टर अनिल कुमार ने कहा कि अगर किसी को संक्रमण है तो समय पर अस्पताल पहुंचाना बहुत जरूरी है ताकि डेथ रेट को कम किया जा सके। डॉक्टर अनिल कुमार ने भी यह स्वीकार किया है कि संक्रमण की दर तेजी से घटी है और आने वाले वक्त में डेथ रेट में भी कमी नजर आएगी.

डॉ. अनिल कुमार
Last Updated : May 21, 2021, 9:07 AM IST
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