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कभी सोचा है.! दोनों टीका लेने के बाद भी लोग क्यों हो रहे हैं कोरोना पॉजिटिव, जानें इम्यूनिटी से जुड़ी तमाम बातें

बिहार में कोरोनी की तीसरी लहर के आते ही एक बार फिर शरीर में इम्यूनिटी की बात होने लगी है. लोग सवाल करने लगे हैं कि आखिर इम्यून सिस्टम बढ़िया है तो कोरोना कैसे हो गया. आखिर इम्यून सिस्टम कैसे ठीक करें. डॉक्टरों ने बताया कि क्या होती है इम्यूनिटी और यह कैसे बेहतर हो सकती है. पढ़ें रिपोर्ट.

कैसे बढ़ाए इम्यूनिटी
कैसे बढ़ाए इम्यूनिटी
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Published : Jan 7, 2022, 7:07 PM IST

पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण एक बार फिर से बहुत तेजी से फैल रहा है. कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona In Bihar) में प्रतिदिन नए मामले की संख्या पिछले दिन के अपेक्षाकृत दोगुने मिल रहे हैं. ऐसे में एक बार फिर से इम्यून सिस्टम और इम्यूनिटी की चर्चा लोगों के बीच होने लगी है. इम्यून सिस्टम को किस प्रकार मजबूत रखा जाए, इसके लिए लोग तरह-तरह के प्रयास करने लगे हैं. लोगों के मन में यह भी सवाल आ रहा है कि वैक्सीन लेने के बाद कोरोना के खिलाफ शरीर में इम्यूनिटी जब आ जाती है, तब भी लोग संक्रमित क्यों हो रहे हैं.

यह भी पढ़ें- सरेआम मंडरा रहा कोरोना का खतरा, पटना जंक्शन पर जांच में घोर लापरवाही

लोग यह भी जानना चाहते हैं कि कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज में एस्ट्राइड का प्रयोग किया जाता है, तो यह एस्ट्राइड इम्यून सिस्टम को कमजोर कैसे कर देता है. इन तमाम प्रश्नों को लेकर पटना के चिकित्सा जगत के विशेषज्ञों से ईटीवी भारत से बातचीत की है. जानिए क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ..

देखें वीडियो और जानें इम्यूनिटी सिस्टम से जुड़ी तमाम बातें..

'इम्यूनिटी का मतलब यह होता है कि हमारे बॉडी में कोई भी फ्वायल पार्टिकल जैसे वायरस, बैक्टीरिया या कोई भी डिसऑर्डर जब शरीर में प्रवेश करता है, तो हमारा शरीर खुद इसके खिलाफ एंटीबॉडी बनाने लगता है. उस डिजीज से फाइट करता है. जो शरीर कोमोरबिड होता है, यानी कि जिसके शरीर में पहले से कई बीमारियां होती हैं, उनके शरीर में इस प्रकार के वायरस, बैक्टीरिया और अन्य डिसऑर्डर के खिलाफ एंटीबॉडी कम बनती है. सामान्य आदमी के लिए शरीर में एंटीबॉडी का फॉर्मेशन अच्छा होता है. यह एंटीबॉडी फॉरमेशन का काम शरीर का इम्यून सिस्टम करता है.' -डॉ. मनोज कुमार सिन्हा, वरिष्ठ चिकित्सक, पटना

डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि हमारे शरीर में इम्यून सिस्टम 2 लेवल पर काम करता है. एक होता है एक्टिव लेवल और दूसरा होता है पैसिव लेवल. उदाहरण के तौर पर यदि कोरोना के वैक्सीन की बात करें तो वैक्सीन लेने के बाद शरीर में इम्यूनिटी दो फॉर्म में डेवलप होता है. पहला यह कि यह वायरस के अगेंस्ट शरीर में एंटीबॉडी बनाता है. दूसरा यह कि यह मेमोरी सेल और मास सेल में एंटीबॉडी बनाने की शक्ति रखता है.

उन्होंने बताया कि कई लोग एंटीबॉडी चेक करा लेने के बाद कह रहे हैं कि उन्होंने कोरोना का टीका लगवाया है लेकिन शरीर में एंटीबॉडी कम है. वह लोग इस बात को लेकर चिंतित हो जाते हैं. यह कोई चिंता करने वाली बात नहीं है, क्योंकि उनके मेमोरी सेल और मास सेल में वैक्सीन का असर हो चुका होता है. शरीर में जैसे ही वायरस प्रवेश करता है, मेमोरी सेल एक्टिव हो जाता है और वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी तैयार करने लगता है. यही कारण है कि संक्रमण होता है और अभी हल्के लक्षण ही आते हैं तभी बीमारी ठीक हो जाती है. इसका मतलब यह है कि शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत है और मेमोरी सेल ने समय पर काम करना शुरू कर दिया, जिससे कि बीमारी के खिलाफ एंटीबॉडी बनने लगा.

डॉक्टर ने कहा कि जहां तक इम्यूनिटी बूस्ट अप की बात है तो नेचुरल तरीके से अपनी लाइफस्टाइल को यदि हम मेंटेन रखें, प्रॉपर न्यूट्रिशंस डायट लें और खाने में हरी साग-सब्जी का प्रयोग करें, सीजनल फल और सब्जी का सेवन करें, दूध का सेवन करें और इसके साथ कुछ फिजिकल एक्सरसाइज करें, तो शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत बना रहेगा. खाने-पीने में विटामिन सी और जिंक युक्त भोजन का इस्तेमाल अगर हम प्रॉपर तरीके से करते हैं तो इम्यून सिस्टम मजबूत होगा. इम्यून सिस्टम शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता तैयार करता है. ऐसे में जिसका इम्यून सिस्टम मजबूत होगा, उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता उतनी मजबूत होगी.

डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि कोरोना के दूसरे लहर में जब डेल्टा वैरिएंट का असर था, तब यह देखा गया था कि एस्ट्राइड के अधिक इस्तेमाल की वजह से शरीर में कई अन्य बीमारियां भी हो रही हैं, जैसे कि फंगल इनफेक्शन, डायबिटीज, हाइपरटेंशन इत्यादि. उन्होंने बताया कि एस्ट्राइड लाइफ सेविंग ड्रग है और इसका अधिक इस्तेमाल सेहत के लिए हानिकारक होता है. चिकित्सक के बिना परामर्श के एस्ट्राइड का इस्तेमाल ना करें और जब एस्ट्रॉयड का इस्तेमाल किया जाए तो कम से कम ही इसका इस्तेमाल किया जाए. क्योंकि एस्ट्राइड शरीर के इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है, जिससे शरीर में अन्य बीमारियां हावी हो जाती हैं.

पटना के एक और वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एसपी विनायक ने बताया कि, 'कोरोना के मामले बढ़ते ही लोग इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए तरह-तरह के उपाय करने लगे हैं. बाजार में बहुत सारी दवाइयां हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने का दावा करती हैं. इन सब के चक्कर में लोग लग जाते हैं. लेकिन मैं कहूंगा कि इन सबके फेरे में ना रहें. नेचुरल तरीके से अपनी इम्यून सिस्टम को बूस्ट अप करने का काम करें. इसके लिए जरूरी है कि जो मांसाहारी हैं वे मीट, मछली, मुर्गा, अंडा का सेवन करें और जो शाकाहारी हैं वे दूध, दही का सेवन करें. इसके अलावा सभी लोग खाने-पीने में ग्रीन वेजिटेबल, सिजनल फल और ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें. खाने-पीने में तेल, मसाला, स्पाइसी फूड और फास्ट फूड कम करें. कम से कम आधे घंटे फिजिकल एक्सरसाइज करें और कुछ समय मेडिटेशन करें, जिससे मानसिक तनाव दूर हो. अच्छा खाएंगे, फिजिकल एक्सरसाइज करेंगे और मानसिक तनाव को दूर रखेंगे, तो निश्चित रूप से शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत बना रहेगा और हर बीमारी से लड़ने की अच्छी क्षमता रखेगा.'

यह भी पढ़ें- बिहार में 7.5 गुना तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामले, पटना में सबसे अधिक एक्टिव केस

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पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण एक बार फिर से बहुत तेजी से फैल रहा है. कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona In Bihar) में प्रतिदिन नए मामले की संख्या पिछले दिन के अपेक्षाकृत दोगुने मिल रहे हैं. ऐसे में एक बार फिर से इम्यून सिस्टम और इम्यूनिटी की चर्चा लोगों के बीच होने लगी है. इम्यून सिस्टम को किस प्रकार मजबूत रखा जाए, इसके लिए लोग तरह-तरह के प्रयास करने लगे हैं. लोगों के मन में यह भी सवाल आ रहा है कि वैक्सीन लेने के बाद कोरोना के खिलाफ शरीर में इम्यूनिटी जब आ जाती है, तब भी लोग संक्रमित क्यों हो रहे हैं.

यह भी पढ़ें- सरेआम मंडरा रहा कोरोना का खतरा, पटना जंक्शन पर जांच में घोर लापरवाही

लोग यह भी जानना चाहते हैं कि कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज में एस्ट्राइड का प्रयोग किया जाता है, तो यह एस्ट्राइड इम्यून सिस्टम को कमजोर कैसे कर देता है. इन तमाम प्रश्नों को लेकर पटना के चिकित्सा जगत के विशेषज्ञों से ईटीवी भारत से बातचीत की है. जानिए क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ..

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'इम्यूनिटी का मतलब यह होता है कि हमारे बॉडी में कोई भी फ्वायल पार्टिकल जैसे वायरस, बैक्टीरिया या कोई भी डिसऑर्डर जब शरीर में प्रवेश करता है, तो हमारा शरीर खुद इसके खिलाफ एंटीबॉडी बनाने लगता है. उस डिजीज से फाइट करता है. जो शरीर कोमोरबिड होता है, यानी कि जिसके शरीर में पहले से कई बीमारियां होती हैं, उनके शरीर में इस प्रकार के वायरस, बैक्टीरिया और अन्य डिसऑर्डर के खिलाफ एंटीबॉडी कम बनती है. सामान्य आदमी के लिए शरीर में एंटीबॉडी का फॉर्मेशन अच्छा होता है. यह एंटीबॉडी फॉरमेशन का काम शरीर का इम्यून सिस्टम करता है.' -डॉ. मनोज कुमार सिन्हा, वरिष्ठ चिकित्सक, पटना

डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि हमारे शरीर में इम्यून सिस्टम 2 लेवल पर काम करता है. एक होता है एक्टिव लेवल और दूसरा होता है पैसिव लेवल. उदाहरण के तौर पर यदि कोरोना के वैक्सीन की बात करें तो वैक्सीन लेने के बाद शरीर में इम्यूनिटी दो फॉर्म में डेवलप होता है. पहला यह कि यह वायरस के अगेंस्ट शरीर में एंटीबॉडी बनाता है. दूसरा यह कि यह मेमोरी सेल और मास सेल में एंटीबॉडी बनाने की शक्ति रखता है.

उन्होंने बताया कि कई लोग एंटीबॉडी चेक करा लेने के बाद कह रहे हैं कि उन्होंने कोरोना का टीका लगवाया है लेकिन शरीर में एंटीबॉडी कम है. वह लोग इस बात को लेकर चिंतित हो जाते हैं. यह कोई चिंता करने वाली बात नहीं है, क्योंकि उनके मेमोरी सेल और मास सेल में वैक्सीन का असर हो चुका होता है. शरीर में जैसे ही वायरस प्रवेश करता है, मेमोरी सेल एक्टिव हो जाता है और वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी तैयार करने लगता है. यही कारण है कि संक्रमण होता है और अभी हल्के लक्षण ही आते हैं तभी बीमारी ठीक हो जाती है. इसका मतलब यह है कि शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत है और मेमोरी सेल ने समय पर काम करना शुरू कर दिया, जिससे कि बीमारी के खिलाफ एंटीबॉडी बनने लगा.

डॉक्टर ने कहा कि जहां तक इम्यूनिटी बूस्ट अप की बात है तो नेचुरल तरीके से अपनी लाइफस्टाइल को यदि हम मेंटेन रखें, प्रॉपर न्यूट्रिशंस डायट लें और खाने में हरी साग-सब्जी का प्रयोग करें, सीजनल फल और सब्जी का सेवन करें, दूध का सेवन करें और इसके साथ कुछ फिजिकल एक्सरसाइज करें, तो शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत बना रहेगा. खाने-पीने में विटामिन सी और जिंक युक्त भोजन का इस्तेमाल अगर हम प्रॉपर तरीके से करते हैं तो इम्यून सिस्टम मजबूत होगा. इम्यून सिस्टम शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता तैयार करता है. ऐसे में जिसका इम्यून सिस्टम मजबूत होगा, उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता उतनी मजबूत होगी.

डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि कोरोना के दूसरे लहर में जब डेल्टा वैरिएंट का असर था, तब यह देखा गया था कि एस्ट्राइड के अधिक इस्तेमाल की वजह से शरीर में कई अन्य बीमारियां भी हो रही हैं, जैसे कि फंगल इनफेक्शन, डायबिटीज, हाइपरटेंशन इत्यादि. उन्होंने बताया कि एस्ट्राइड लाइफ सेविंग ड्रग है और इसका अधिक इस्तेमाल सेहत के लिए हानिकारक होता है. चिकित्सक के बिना परामर्श के एस्ट्राइड का इस्तेमाल ना करें और जब एस्ट्रॉयड का इस्तेमाल किया जाए तो कम से कम ही इसका इस्तेमाल किया जाए. क्योंकि एस्ट्राइड शरीर के इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है, जिससे शरीर में अन्य बीमारियां हावी हो जाती हैं.

पटना के एक और वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एसपी विनायक ने बताया कि, 'कोरोना के मामले बढ़ते ही लोग इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए तरह-तरह के उपाय करने लगे हैं. बाजार में बहुत सारी दवाइयां हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने का दावा करती हैं. इन सब के चक्कर में लोग लग जाते हैं. लेकिन मैं कहूंगा कि इन सबके फेरे में ना रहें. नेचुरल तरीके से अपनी इम्यून सिस्टम को बूस्ट अप करने का काम करें. इसके लिए जरूरी है कि जो मांसाहारी हैं वे मीट, मछली, मुर्गा, अंडा का सेवन करें और जो शाकाहारी हैं वे दूध, दही का सेवन करें. इसके अलावा सभी लोग खाने-पीने में ग्रीन वेजिटेबल, सिजनल फल और ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें. खाने-पीने में तेल, मसाला, स्पाइसी फूड और फास्ट फूड कम करें. कम से कम आधे घंटे फिजिकल एक्सरसाइज करें और कुछ समय मेडिटेशन करें, जिससे मानसिक तनाव दूर हो. अच्छा खाएंगे, फिजिकल एक्सरसाइज करेंगे और मानसिक तनाव को दूर रखेंगे, तो निश्चित रूप से शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत बना रहेगा और हर बीमारी से लड़ने की अच्छी क्षमता रखेगा.'

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