पटना : वैदिक ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं तब एक माह के लिए खरमास शुरू हो जाता है. खरमास लगने पर किसी भी तरह का शुभ कार्य करना वर्जित हो जाता है. सूर्यदेव जैसे ही धनु राशि की अपनी यात्रा समाप्त कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं वैसे खरमास का समय खत्म हो (Kharmas Month End ) जाता है और सभी तरह के शुभ कार्य दोबारा से आरंभ हो जाते हैं. बीते 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर सूर्य का राशि परिवर्तन मकर राशि में होने से खरमास खत्म हो गया है.
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खरमास खत्म होने के बाद मांगलिक कार्यों की शुभ तिथि ( Auspisious Work Start ) और वैवाहिक कार्यों के शुभ दिन इनकी जानकारी देते हुए प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि, वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्यदेव अपने धनु राशि की यात्रा समाप्त करके मकर राशि में प्रवेश करते हैं वैसे ही खरमास खत्म हो जाता है. उसके बाद फिर सभी मांगलिक और व्यवाहिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है.
'अगर मार्च माह की बात करें तो मार्च माह में विवाह और मांगलिक कार्यों के लिए कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है. आगे विवाह और मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त की शुरुआत अप्रैल से होगी.' :- श्रीपति त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य
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श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि, जब बात विवाह की होती है तो लोग शुभ मुहूर्त पर विचार करते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुभ मुहूर्त निकालने के लिए ग्रह नक्षत्रों की गणना की जाती है. इस वर्ष विवाह का पहला शुभ मुहूर्त खरमास खत्म होने के बाद 22 जनवरी को है. इसके बाद 23 , 24 , 25 जनवरी के बाद 30 जनवरी को विवाह के शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. फरवरी की अगर बात करें तो फरवरी माह में विवाह का शुभ मुहूर्त 5 फरवरी को है. उसके बाद 6, 7, 8 फरवरी के बाद 10 फरवरी और उसके बाद सीधे 18 और 22 फरवरी को बन रहा है.
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