पटना: बिहार वन विभाग वाल्मीकि टाइगर रिजर्व ( Valmiki Tiger Reserve ) के बाद कैमूर अभयारण्य ( Kaimur Sanctuary ) को सबसे बड़े इको टूरिज्म स्पॉट ( Eco Tourism Spot ) के रूप में डेवलप कर रहा है. इसकी पुष्टि खुद बिहार के वन पर्यावरण मंत्री नीरज कुमार सिंह ने की है. वहीं विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि यह इलाका बिहार के सबसे समृद्ध प्राकृतिक संसाधन वाला है, जहां बड़ी संख्या में वाटरफॉल, पहाड़, मंदिर के साथ शेरगढ़ किला और रोहतासगढ़ किला भी स्थित है.
रोहतासगढ़ और कैमूरगढ़ को मिलाकर 1300 वर्ग किलोमीटर से भी ज्यादा क्षेत्रफल वाले कैमूर अभ्यारण्य में ताराचंडी मंदिर, मुंडेश्वरी मंदिर, तुतला भवानी धाम और गुप्ता धाम के अलावा शेरगढ़ का किला, रोहतासगढ़ का किला और कई अन्य दर्शनीय स्थल हैं. इसके अलावा करकटगढ़ जलप्रपात, तेलहरकुंड झरना और कई अन्य जलप्रपात भी हैं, जो अत्यंत मनोरम हैं.
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वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि कैमूर अभयारण्य में पर्यटकों के लिए कई तरह की सुविधाएं विकसित की जा रही हैं. तुतला भवानी मंदिर तक पहुंचने के लिए झूले का निर्माण कराया गया है. इसके अलावा वहां सड़क बिजली पानी की व्यवस्था भी लगातार की जा रही है ताकि लोग ना सिर्फ आसानी से पहुंच सके बल्कि वहां प्राकृतिक और ऐतिहासिक महत्व के तमाम स्थानों का भरपूर आनंद ले सकें.
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दीपक कुमार सिंह ने बताया कि कैमूर वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी का सर्वे भी वन विभाग करा रहा है, जिससे यह पता चल सके कि यहां कौन-कौन से जानवर हैं. उन्होंने कहा कि यहां टाइगर भी देखे गए हैं, इसलिए इस बात की भी संभावना है कि इसे टाइगर रिजर्व के रूप में डिवेलप किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि कैमूर अभयारण्य के आसपास के स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने की कोशिश भी सरकार कर रही है.