पटना: नीट पीजी काउंसलिंग 2021 में देरी के खिलाफ देशभर के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल (Junior Doctors Strike) जारी हैं. ऐसे में बुधवार को बिहार सरकार के अधीन सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टरों ने अस्पतालों में ओपीडी सेवा का बहिष्कार किया. हालांकि, इमरजेंसी और ऑपरेशन थिएटर में कार्य सुचारू ढंग से चल रहा है. पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टर्स का कार्य बहिष्कार रेडियोलॉजी विभाग के बाहर जमकर प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी की.
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जूनियर डॉक्टरों का कहना था कि नया सत्र 1 साल लेट हो चुका है, ऐसे में उन लोगों पर कार्य बोझ काफी अधिक बढ़ गया है. बिहार जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (Bihar Junior Doctors Association) के प्रेसिडेंट डॉक्टर कुंदन सुमन ने बताया कि पीजी में नए सत्र में नामांकन के लिए काफी देर हो रही है. ऐसे में देशभर के जूनियर डॉक्टर्स ने नामांकन प्रक्रिया जल्द शुरू करने की मांग को लेकर ओपीडी कार्य का बहिष्कार किया है. इसमें बिहार सरकार के अधीनस्थ सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर्स शामिल हैं. अस्पतालों में ओपीडी सेवा बाधित की गई है.
''सीनियर डॉक्टर जरूर मरीजों को ओपीडी में देख रहे हैं, लेकिन पीएमसीएच के 32 विभागों में लगभग 60 के करीब सीनियर डॉक्टर्स ओपीडी के मरीजों की जांच कर रहे हैं. ऐसे में संभव नहीं है कि सभी मरीजों को वह देख पाए, क्योंकि 350 के करीब जूनियर डॉक्टर्स कार्य बहिष्कार पर हैं. सीनियर डॉक्टर्स के ओपीडी में कार्य करने पर कोई रोक नहीं है, लेकिन जूनियर डॉक्टर ओपीडी में कोई सहयोग नहीं दे रहे हैं.''- डॉक्टर कुंदन सुमन, प्रेसिडेंट, बिहार जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन
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नीट पीजी 2021 सत्र के लिए लगभग 40,000 नामांकन होने हैं और ऐसे में नामांकन प्रक्रिया नहीं होने की वजह से जो जूनियर डॉक्टर कार्य कर रहे हैं. अस्पतालों में उन पर काफी वर्क लोड है. उनकी मांग है कि सरकार जल्द से जल्द नीट पीजी 2021 सत्र के लिए काउंसलिंग और नामांकन की प्रक्रिया शुरू करें. उन्होंने कहा कि इस विरोध प्रदर्शन का उन्हें देशभर के कई चिकित्सा संगठनों का समर्थन मिल रहा है.
जूनियर डॉक्टर वंशिका ने बताया कि नए सत्र में नामांकन प्रक्रिया नहीं होने से वर्तमान समय में अस्पतालों में 2 बैच के जूनियर डॉक्टर काम कर रहे हैं और उन पर वर्क लोड अधिक हो गया है. कार्य बोझ अधिक होने से जूनियर डॉक्टर्स एग्जास्टेड हो चुके हैं और जब कोरोना की तीसरी लहर की संभावना व्यक्त की जा रही है. ऐसे में जरूरी हो गया है कि जल्द से जल्द नए सत्र में नामांकन की प्रक्रिया शुरू की जाए, क्योंकि अगर तीसरी लहर आती है तो हॉस्पिटल सिस्टम कोलैप्स कर जाएगा, क्योंकि अस्पताल में अभी डॉक्टरों की भारी कमी है. बिहार में नए सत्र में नीट पीजी 2021 के लिए लगभग 1200 नामांकन होने हैं.
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