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'तीन तलाक बिल पर जेडीयू का वॉकआउट अल्पसंख्यक वोट साधने की कोशिश'

विशेषज्ञों का मानना है कि तीन तलाक बिल पर जेडीयू का विरोध सिर्फ एक दिखावा. उनके मुताबिक अगर नीतीश कुमार तीन तलाक बिल का वाकई विरोध करना चाहते थे तो सदन में बिल के विरोध में अपना वोट करते, जैसा उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान किया था.

नीतीश कुमार, सीएम
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Published : Aug 1, 2019, 8:47 PM IST

पटना: तीन तलाक बिल पर जेडीयू के वॉकआउट करने पर लगातार सवाल उठ रहे है. विरोधी खेमे से कहा जा रहा है कि बीजेपी को फायदा पहुंचाने और मुस्लिम वोटरों को साधने के लिए जेडीयू ने सदन से वॉकआउट किया.

'विरोध के लिए करनी चाहिए थी वोटिंग'
वरिष्ठ पत्रकार संतोष कुमार का मानना है कि तीन तलाक बिल पर जेडीयू का विरोध सिर्फ एक दिखावा है. यह पार्टी की मजबूरी है कि वह बीजेपी के साथ सरकार में है और इन सभी विवादित मुद्दों पर वह विरोध कर रहे हैं. अगर नीतीश कुमार तीन तलाक बिल का वाकई विरोध करना चाहते थे तो सदन में बिल के विरोध में अपना वोट करते, जैसा उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान किया था.

'मुस्लिम वोटरों को साधने की कोशिश'
बकौल संतोष कुमार जेडीयू ने मुस्लिम वोटरों को साधने के लिए विरोध का दिखावा किया. नीतीश कुमार अगर भविष्य में बीजेपी के साथ छोड़ते हैं तो उस दौरान अपने मुस्लिम वोट के लिए वह इस बिल का विरोध कर रहे हैं. पहले भी तीन तलाक बिल पर लोकसभा राज्यसभा में बहस हुई है, लेकिन बिल पास नहीं हो पाया. इस बार भी जेडीयू और दूसरे दल जिन्होंने सदन से वॉक आउट किया उसके बजाए अगर वे बिल के विरोध में अपना वोट करते तो इस बार भी यह बिल पास नहीं हो पाता.

बोले विशेषज्ञ तीन तलाक बिल पर जेडीयू का विरोध सिर्फ एक दिखावा

'समुदाय विशेष को पक्ष में करने की कोशिश'
वहीं राजनीतिक विशेषज्ञ संजय कुमार का मानना है कि जेडीयू एक समुदाय को अपने पक्ष में करने के लिए बिल का विरोध किया. नीतीश कुमार सारे विवादित मुद्दों पर बीजेपी के खिलाफ हैं. पार्टी ने लोकसभा में बिल का विरोध किया. उनका यह कदम जताता हैं कि वे तीन तलाक बिल पर बीजेपी के खिलाफ हैं. लेकिन, राज्यसभा में बिल को लेकर वोटिंग की बारी आती है तो वे सदन से वॉकआउट कर जाते हैं जो कि प्रमुख कदम था.

'सदन से वॉकआउट दिखावा'
संजय कुमार ने कहा कि बिल का विरोध कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अल्पसंख्यक समुदाय को संदेश देना चाहते हैं कि हम आपके साथ हैं. जो भी विवादित मुद्दे हैं, जो आपके धर्म समुदाय से जुड़ा है वह हमारे साथ भी जुड़ा है. लेकिन, बिल का विरोध करके सदन से वॉकआउट कर जाना जेडीयू और सीएम नीतीश कुमार का सिर्फ एक दिखावा है.

पटना: तीन तलाक बिल पर जेडीयू के वॉकआउट करने पर लगातार सवाल उठ रहे है. विरोधी खेमे से कहा जा रहा है कि बीजेपी को फायदा पहुंचाने और मुस्लिम वोटरों को साधने के लिए जेडीयू ने सदन से वॉकआउट किया.

'विरोध के लिए करनी चाहिए थी वोटिंग'
वरिष्ठ पत्रकार संतोष कुमार का मानना है कि तीन तलाक बिल पर जेडीयू का विरोध सिर्फ एक दिखावा है. यह पार्टी की मजबूरी है कि वह बीजेपी के साथ सरकार में है और इन सभी विवादित मुद्दों पर वह विरोध कर रहे हैं. अगर नीतीश कुमार तीन तलाक बिल का वाकई विरोध करना चाहते थे तो सदन में बिल के विरोध में अपना वोट करते, जैसा उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान किया था.

'मुस्लिम वोटरों को साधने की कोशिश'
बकौल संतोष कुमार जेडीयू ने मुस्लिम वोटरों को साधने के लिए विरोध का दिखावा किया. नीतीश कुमार अगर भविष्य में बीजेपी के साथ छोड़ते हैं तो उस दौरान अपने मुस्लिम वोट के लिए वह इस बिल का विरोध कर रहे हैं. पहले भी तीन तलाक बिल पर लोकसभा राज्यसभा में बहस हुई है, लेकिन बिल पास नहीं हो पाया. इस बार भी जेडीयू और दूसरे दल जिन्होंने सदन से वॉक आउट किया उसके बजाए अगर वे बिल के विरोध में अपना वोट करते तो इस बार भी यह बिल पास नहीं हो पाता.

बोले विशेषज्ञ तीन तलाक बिल पर जेडीयू का विरोध सिर्फ एक दिखावा

'समुदाय विशेष को पक्ष में करने की कोशिश'
वहीं राजनीतिक विशेषज्ञ संजय कुमार का मानना है कि जेडीयू एक समुदाय को अपने पक्ष में करने के लिए बिल का विरोध किया. नीतीश कुमार सारे विवादित मुद्दों पर बीजेपी के खिलाफ हैं. पार्टी ने लोकसभा में बिल का विरोध किया. उनका यह कदम जताता हैं कि वे तीन तलाक बिल पर बीजेपी के खिलाफ हैं. लेकिन, राज्यसभा में बिल को लेकर वोटिंग की बारी आती है तो वे सदन से वॉकआउट कर जाते हैं जो कि प्रमुख कदम था.

'सदन से वॉकआउट दिखावा'
संजय कुमार ने कहा कि बिल का विरोध कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अल्पसंख्यक समुदाय को संदेश देना चाहते हैं कि हम आपके साथ हैं. जो भी विवादित मुद्दे हैं, जो आपके धर्म समुदाय से जुड़ा है वह हमारे साथ भी जुड़ा है. लेकिन, बिल का विरोध करके सदन से वॉकआउट कर जाना जेडीयू और सीएम नीतीश कुमार का सिर्फ एक दिखावा है.

Intro:जदयू के तीन तलाक बिल का विरोध को विशेषज्ञों ने कहा जदयू का विरोध एक दिखावा मुस्लिम वोट के लिए जदयू ने बिल का किया विरोध---


Body:पटना--- लोकसभा के बाद मंगलवार को राज्यसभा में भी तीन तलाक विधायक पास हो गया कई पार्टियों के वॉक आउट करने और सांसद के अनुपस्थित रहने की वजह से या विल आसानी से पास हो गया, तीन तलाक बिल का विरोध करने वाली पार्टी जदयू ने भी बिल का विरोध करके सदन से वॉक आउट कर गया, जेडीयू को वकआउट पर अब सवाल उठने लगे हैं जदयू लंबे समय से तीन तलाक बिल का विरोध करते आ रही है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बिल को लेकर कई बार अपनी प्रतिक्रिया भी दे चुके हैं तीन तलाक बिल के साथ साथ 35A 370 और राम मंदिर का विरोध करते आ रही है लेकिन जब 3 तलाक पर राज्य सभा में बहस चल रही थी तभी जेडीयू वोटिंग करने के बजाय बायकॉट कर गई जिसका फायदा बीजेपी को मिल गया अब जानकार कह रहे हैं कि नीतीश कुमार का यह स्टैंड शुरू से ही रहा है जब महागठबंधन में थे दों राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार को अपना वोट दिए थे। वरिष्ठ पत्रकार संतोष कुमार का मानना है कि तीन तलाक बिल पर जदयू का विरोध सिर्फ एक दिखावा है जदयू के पास मजबूरी है कि वह बीजेपी के साथ सरकार में है और इन सभी विवादित मुद्दे पर वह विरोध कर रहे हैं साथ रहकर यह विरोध जताना नहीं हुआ यदि नीतीश कुमार तीन तलाक बिल का विरोध करते तो सदन में बिल के विरोध में अपना वोट करते। जदयू भविष्य में यदि बीजेपी के साथ छोड़ती है तो मुस्लिम वोट के लिए वह इस बिल का विरोध कर रहे हैं। पहले भी तीन तलाक बिल पर लोकसभा राज्यसभा में बहस हुई है लेकिन बिल पास नहीं हो पाया। इस बार भी जदयू और अन्य दल जो सदन से वॉक आउट कर गए थे यदि यह बिल के विरोध में अपना वोट करते तो इस बार भी यह बिल पास नहीं हो पाता। मोदी सरकार का यह एक एजेंडा था जिसमें मुस्लिम को 1 पक्ष के वोट को अपने पाली में यह बिल को पास करवाया है लेकिन जदयू ने जिस तरह से सदन से वॉकआउट किया वह सिर्फ एक दिखावा वॉक आउट करके जदयू ने एक तरफ से बीजेपी की ही मदद की है।

वहीं राजनीतिक विशेषज्ञ संजय कुमार का मानना है कि तीन तलाक बिल पर जदयू का स्टैंड बिल के विरोध में था बीजेपी के पास आज भी राज्यसभा में बहुमत नहीं है यदि सदन में जितने भी दल वॉकआउट की है यदि वह सदन में रहते और बिल का विरोध करते तो बिल को पास कराने में सरकार को बड़ी मशक्कत करनी पड़ती। जदयू को सदन से वॉकआउट करना बीजेपी को फायदा पहुंचा देते है जदयू एक समुदाय को अपने पक्ष में करने के लिए बिल का विरोध करते हैं नीतीश कुमार सारे विवादित मुद्दे के खिलाफ हैं जदयू भाजपा को लोकसभा में बिल के विरोध करना यह जताते हैं कि हम बिल के खिलाफ हैं हम आपके साथ नहीं हैं, लेकिन जब वही राज्यसभा में बिल को लेकर वोटिंग की बारी आती है तो आप सदन से वॉकआउट कर जाते हैं। बिल का विरोध करके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक माइनॉरिटी को संदेश देना चाहते हैं कि हम आपके साथ हैं जो विवादित मुद्दे हैं जो आपके धर्म समुदाय से जुड़ा है वह हमारे साथ भी जुड़ा है माइनॉरिटी भी अब इनके साथ जुड़ती जा रही है क्योंकि बाढ़ प्रभावित इलाकों में मुख्यमंत्री का दौरा और आरजेडी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी से इनकी मुलाकात हो ना, आरजेडी से निलंबित नेता फातमी को जदयू में शामिल होना यह एक बढ़ा संदेश भी जा रहा है कि माइनॉरिटी भी इनके साथ आ रही हैं लेकिन बिल का विरोध करके सदन से वॉकआउट कर जाना इनका एक सिर्फ दिखावा ही है।


Conclusion:बाहर हाल मंगलवार को राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास हो गया लेकिन जदयू ने इस बिल का विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट कर गया उसको लेकर अब राजनीतिक विशेषज्ञ जदयू के स्टैंड पर ही सवाल उठा रहे हैं अब देखना है कि जदयू के तरफ एक माइनॉरिटी का झुकाव कितना होता है।

ईटीवी भारत के लिए पटना से अरविंद राठौर की रिपोर्ट
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