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CJI एनवी रमना की शराबबंदी कानून पर टिप्पणी पर बोली JDU, कहा- 'ये बयान उचित नहीं' - etv bharat

सुप्रीम कोर्ट के CJI एनवी रमना ने हाल ही में बिहार में शराबबंदी कानून का (Liquor Ban Law In BIhar) हवाला देते हुए इसे किसी कानून का मसौदा तैयार करने में दूरदर्शिता की कमी का उदाहरण बताया था. इसके बाद मुख्य विपक्षी दल राजद ने एक बार फिर शराबबंदी काननू पर सवाल खड़े किये हैं. हालांकि, जदयू अपने रुख पर कायम है. पढ़ें पूरी खबर...

CJI एनवी रमना की शराबबंदी कानून पर टिप्पणी बोली JDU
CJI एनवी रमना की शराबबंदी कानून पर टिप्पणी बोली JDU
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Published : Dec 29, 2021, 6:48 PM IST

पटना: सुप्रीम कोर्ट के CJI एनवी रमना ने हाल ही में बिहार में शराबबंदी कानून का (Liquor Ban Law In BIhar) हवाला देते हुए इसे किसी कानून का मसौदा तैयार करने में दूरदर्शिता की कमी का उदाहरण बताया था. इसके बाद मुख्य विपक्षी दल राजद ने एक बार फिर शराबबंदी काननू पर सवाल खड़े किये हैं. वहीं, अब JDU ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की टिप्पणी पर कहा कि उनका बयान उचित नहीं है.

इसे भी पढ़ें : SC के मुख्य न्यायाधीश के बयान पर बिहार में सियासत, बीजेपी और कांग्रेस के बीच होने लगी बयानबाजी

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्‍यायाधीश एनवी रमना (CJI NV Ramana) ने कहा था कि बिहार में शराबबंदी कानून के बाद हालत यह है कि पटना हाइकोर्ट में जमानत की याचिका पर एक-एक साल पर सुनवाई के लिए आती है. ऐसे में CJI के बयान के बाद इस पर सियासी बयानबाजी तेज हो गयी है. जहां एक ओर विपक्षी पार्टियां नीतीश के इस अभियान को लेकर सवाल खड़े करने शुरू कर दिये हैं. वहीं, जदयू के प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा है कि देश मुख्य न्यायाधीश का यह बयान उचित नहीं है.

जदयू प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि अगर इस तरह न्यायपालिका और विधायिका ऐसे मामले में उलझेगी तो समाज पर इसका असर पड़ेगा. 243 विधायक और 75 विधान पार्षद के सहमति के बाद बिहार में शराबबंदी कानून बनाया गया है. ऐसे में इसको लेकर ऐसा कुछ कहना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून से पहले से भारत के न्यायालयों में 4 लाख से ज्यादा मामले पेंडिंग हैं. ये कोई नई बात नही है. शराबबंदी कानून के बाद ही ऐसी बात हुई है, ये कहना कहीं से उचित नहीं है.

शराबबंदी कानून बिहार में लागू है. मुख्यमंत्री इसे समाज सुधार का एक अभियान बनाए हुए हैं. इसका राज्यभर में भी असर दिख रहा है. फिर किस तरह लोग इस कानून को लेकर तरह-तरह की बात करते हैं. लोग इस कानून का समर्थन करें ताकि राज्य में एक अच्छे समाज का निर्माण हो. :- अजय आलोक, जदयू प्रवक्ता

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें : ...तो बिना होमवर्क के लाया गया शराबबंदी कानून! जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ

शराबबंदी काननू को लेकर राष्ट्रीय जनता दल सवाल उठाने के सवाल पर अजय आलोक ने कहा कि उनको कानून से क्या मतलब है. वे क्या सवाल उठायेंगे. राष्ट्रीय जनता जनता दल को राष्ट्रीय जंगल दल करार दिया है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने बिहार की शराबबंदी कानून पर चिंता व्यक्त की थी. उन्होंने कहा था कि बिहार में शराबबंदी कानून के केसों की बाढ़ आ गयी है. पटना हाईकोर्ट में जमानत की याचिका एक साल पर सुनवाई के लिए आती है. मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि बिहार में शराबबंदी कानून का मसौदा तैयार करने में दूरदर्शिता की कमी दिखी.

ये भी पढ़ें : चीफ जस्टिस एन वी रमना की शराबबंदी कानून पर टिप्पणी का पटना हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता ने किया समर्थन

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पटना: सुप्रीम कोर्ट के CJI एनवी रमना ने हाल ही में बिहार में शराबबंदी कानून का (Liquor Ban Law In BIhar) हवाला देते हुए इसे किसी कानून का मसौदा तैयार करने में दूरदर्शिता की कमी का उदाहरण बताया था. इसके बाद मुख्य विपक्षी दल राजद ने एक बार फिर शराबबंदी काननू पर सवाल खड़े किये हैं. वहीं, अब JDU ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की टिप्पणी पर कहा कि उनका बयान उचित नहीं है.

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्‍यायाधीश एनवी रमना (CJI NV Ramana) ने कहा था कि बिहार में शराबबंदी कानून के बाद हालत यह है कि पटना हाइकोर्ट में जमानत की याचिका पर एक-एक साल पर सुनवाई के लिए आती है. ऐसे में CJI के बयान के बाद इस पर सियासी बयानबाजी तेज हो गयी है. जहां एक ओर विपक्षी पार्टियां नीतीश के इस अभियान को लेकर सवाल खड़े करने शुरू कर दिये हैं. वहीं, जदयू के प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा है कि देश मुख्य न्यायाधीश का यह बयान उचित नहीं है.

जदयू प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि अगर इस तरह न्यायपालिका और विधायिका ऐसे मामले में उलझेगी तो समाज पर इसका असर पड़ेगा. 243 विधायक और 75 विधान पार्षद के सहमति के बाद बिहार में शराबबंदी कानून बनाया गया है. ऐसे में इसको लेकर ऐसा कुछ कहना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून से पहले से भारत के न्यायालयों में 4 लाख से ज्यादा मामले पेंडिंग हैं. ये कोई नई बात नही है. शराबबंदी कानून के बाद ही ऐसी बात हुई है, ये कहना कहीं से उचित नहीं है.

शराबबंदी कानून बिहार में लागू है. मुख्यमंत्री इसे समाज सुधार का एक अभियान बनाए हुए हैं. इसका राज्यभर में भी असर दिख रहा है. फिर किस तरह लोग इस कानून को लेकर तरह-तरह की बात करते हैं. लोग इस कानून का समर्थन करें ताकि राज्य में एक अच्छे समाज का निर्माण हो. :- अजय आलोक, जदयू प्रवक्ता

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शराबबंदी काननू को लेकर राष्ट्रीय जनता दल सवाल उठाने के सवाल पर अजय आलोक ने कहा कि उनको कानून से क्या मतलब है. वे क्या सवाल उठायेंगे. राष्ट्रीय जनता जनता दल को राष्ट्रीय जंगल दल करार दिया है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने बिहार की शराबबंदी कानून पर चिंता व्यक्त की थी. उन्होंने कहा था कि बिहार में शराबबंदी कानून के केसों की बाढ़ आ गयी है. पटना हाईकोर्ट में जमानत की याचिका एक साल पर सुनवाई के लिए आती है. मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि बिहार में शराबबंदी कानून का मसौदा तैयार करने में दूरदर्शिता की कमी दिखी.

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