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JDU अध्यक्ष की रेस: 'शनि' देव किसकी कराएंगे ताजपोशी, किसका बिगाड़ेंगे 'खेल'

आज JDU की राष्ट्रीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी (National Executive Meeting) की बैठक कुछ ही घंटों में दिल्ली में शुरू होने वाली है. पार्टी के नये अध्यक्ष पद को लेकर लगायी जा रही अटकलों के बीच सबकी नजर उस बैठक पर टिकी हैं. जेडीयू और बिहार की राजनीति के लिए यह दिन काफी अहम होने वाला है.

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Published : Jul 31, 2021, 9:50 AM IST

पटना/नई दिल्ली: आज शनिवार को जेडीयू (JDU) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी (National Executive Meeting) की बैठक दिल्ली में कुछ घंटों में होगी. जेडीयू के लिए यह बैठक काफी अहम है. इसमें पार्टी के मुखिया के नाम पर मुहर लगेगी. इस बैठक में शामिल होने के लिए सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) समेत पार्टी के कई वरीय नेता दिल्ली पहुंच चुके हैं. अब देखना है कि शनिदेव किसकी ताजपोशी कराते हैं और किसका खेल बिगड़ता है.

ये भी पढ़ें: जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठेगा कौन? फैसला आज

यह बैठक जेडीयू के साथ ही बिहार की राजनीति के लिए काफी अहम है. पार्टी के प्रमुख के चयन पर पार्टी की आगे की दिशा तय होगी. साथ ही जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर जारी अटकलों पर भी विराम लगने की संभावना है. यह तय माना जा रहा है कि जेडीयू का मुखिया बदलेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अप्रत्यक्ष रूप से यह कह चुके हैं. दिल्ली पहुंचने के बाद मीडिया कर्मियों से बातचीत में उन्होंने कहा कि अभी तो हम आये ही हैं, उसी के लिए. कई अहम मुद्दों पर उसमें चर्चा होगी. पार्टी के संगठन को लेकर भी उसमें बातचीत होगी. रात में सरकारी आवास पर पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर लूंगा कि कार्यकारिणी में किन-किन विषयों पर मंथन होना चाहिए. अभी किसी भी संभावना पर विचार करना ठीक नहीं रहेगा.

जेडीयू के लोकसभा और राज्यसभा सांसद भी पहले से दिल्ली में हैं. बिहार के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा (Umesh Kushwaha) भी दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं. बिहार से राष्ट्रीय कार्यकारिणी के कई सदस्य दिल्ली पहुंच चुके हैं और कुछ पहुंचने वाले हैं. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में संगठन विस्तार पर विचार होगा. साथ ही पांच राज्यों में होने वाले चुनाव पर भी चर्चा होगी. उत्तर प्रदेश में पार्टी अपनी ताकत दिखाने की कोशिश करने वाली है. इसको लेकर फैसला होगा. बैठक में जदयू को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है.

राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए कई नामों पर चर्चा हो रही है क्योंकि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह केंद्र में मंत्री बन चुके हैं. नीतीश कुमार ने एक नेता एक पद की बात कही थी. उस हिसाब से आरसीपी सिंह (RCP Singh) पर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ने का दबाव है. पिछले दिनों आरसीपी सिंह ने मजबूत साथी मिलने पर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ने की बात भी कही थी. चर्चा है कि आरसीपी सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ सकते हैं.

राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर कई नाम चर्चा में है. जदयू सांसद ललन सिंह भी चर्चा में हैं. ललन सिंह (Lalan Singh) के नाम की चर्चा केंद्रीय मंत्रिमंडल में जदयू की तरफ से बनने वाले मंत्री में भी थी. लेकिन ललन सिंह केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुए. अब राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर उनके नाम की चर्चा हो रही है. उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) का नाम भी अध्यक्ष की रेस में है. यह भी चर्चा है कि नीतीश कुमार खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेवारी फिर संभाल सकते हैं. यह भी हो सकता है कि आरसीपी सिंह अध्यक्ष बने रहें. हालांकि अभी सभी विकल्प सिर्फ कयासों में हैं.

नीतीश कुमार हमेशा चौकानेवाले फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं. पहले भी कई चौंकाने वाले फैसले ले चुके हैं. जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला सबसे बड़ा उदाहरण है. हाल ही में उमेश कुशवाहा को प्रदेश अध्यक्ष बनाने का फैसला भी चौकाने वाला था. कई नामों की चर्चा हो रही थी. लेकिन मीटिंग के दौरान ही उमेश कुशवाहा को बुलाकर प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेवारी दे दी गई.बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जदयू के खराब परफॉर्मेंस के बाद नीतीश कुमार ने लव-कुश समीकरण को फिर से साधने की कोशिश की है.

उपेंद्र कुशवाहा को इसी मकसद से जदयू में शामिल भी कराया है. उपेंद्र कुशवाहा के नाम की चर्चा भी खूब हो रही है. लेकिन प्रदेश अध्यक्ष भी कुशवाहा को ही बनाया गया है.ऐसे में कुशवाहा समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाए जाएं, इसकी संभावना कम लग रही है. नीतीश कुमार पिछड़ा, अति पिछड़ा वर्ग से आने वाले किसी नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेवारी भी दे सकते हैं. राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पार्टी के संगठन के साथ पांच राज्यों में होने वाले चुनाव को लेकर भी चर्चा होगी.

नीतीश कुमार की कोशिश रहेगी कि बीजेपी के साथ जदयू का यूपी में गठबंधन हो जाए. जदयू का बीजेपी के साथ बिहार के बाहर केवल दिल्ली में अब तक विधानसभा चुनाव में गठबंधन हुआ है. दिल्ली में बीजेपी ने 2 सीट दिए थे. जदयू बंगाल में भी बीजेपी के साथ गठबंधन करना चाहती थी लेकिन बीजेपी ने तवज्जो नहीं दिया और यूपी में भी बीजेपी तवज्जो नहीं दे रही है. जदयू ने यूपी में 200 सीट पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. नीतीश मॉडल के सहारे जदयू यूपी में उतरेगी.

बता दें कि जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी के 75 सदस्य हैं. सांसद, लोकसभा, राज्यसभा आमंत्रित सदस्य 20 हैं. सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष और सभी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बैठक में शामिल होंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पहुंचे हैं.जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक इससे पहले 27 दिसंबर को पटना में हुई थी. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में देरी हुई है. लेकिन बिहार के सभी दलों की नजर इस बैठक पर है. सहयोगी बीजेपी और प्रमुख विपक्षी दल आरजेडी की भी है कि जदयू में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद किसे दिया जाता है.

पटना/नई दिल्ली: आज शनिवार को जेडीयू (JDU) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी (National Executive Meeting) की बैठक दिल्ली में कुछ घंटों में होगी. जेडीयू के लिए यह बैठक काफी अहम है. इसमें पार्टी के मुखिया के नाम पर मुहर लगेगी. इस बैठक में शामिल होने के लिए सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) समेत पार्टी के कई वरीय नेता दिल्ली पहुंच चुके हैं. अब देखना है कि शनिदेव किसकी ताजपोशी कराते हैं और किसका खेल बिगड़ता है.

ये भी पढ़ें: जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठेगा कौन? फैसला आज

यह बैठक जेडीयू के साथ ही बिहार की राजनीति के लिए काफी अहम है. पार्टी के प्रमुख के चयन पर पार्टी की आगे की दिशा तय होगी. साथ ही जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर जारी अटकलों पर भी विराम लगने की संभावना है. यह तय माना जा रहा है कि जेडीयू का मुखिया बदलेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अप्रत्यक्ष रूप से यह कह चुके हैं. दिल्ली पहुंचने के बाद मीडिया कर्मियों से बातचीत में उन्होंने कहा कि अभी तो हम आये ही हैं, उसी के लिए. कई अहम मुद्दों पर उसमें चर्चा होगी. पार्टी के संगठन को लेकर भी उसमें बातचीत होगी. रात में सरकारी आवास पर पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर लूंगा कि कार्यकारिणी में किन-किन विषयों पर मंथन होना चाहिए. अभी किसी भी संभावना पर विचार करना ठीक नहीं रहेगा.

जेडीयू के लोकसभा और राज्यसभा सांसद भी पहले से दिल्ली में हैं. बिहार के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा (Umesh Kushwaha) भी दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं. बिहार से राष्ट्रीय कार्यकारिणी के कई सदस्य दिल्ली पहुंच चुके हैं और कुछ पहुंचने वाले हैं. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में संगठन विस्तार पर विचार होगा. साथ ही पांच राज्यों में होने वाले चुनाव पर भी चर्चा होगी. उत्तर प्रदेश में पार्टी अपनी ताकत दिखाने की कोशिश करने वाली है. इसको लेकर फैसला होगा. बैठक में जदयू को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है.

राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए कई नामों पर चर्चा हो रही है क्योंकि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह केंद्र में मंत्री बन चुके हैं. नीतीश कुमार ने एक नेता एक पद की बात कही थी. उस हिसाब से आरसीपी सिंह (RCP Singh) पर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ने का दबाव है. पिछले दिनों आरसीपी सिंह ने मजबूत साथी मिलने पर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ने की बात भी कही थी. चर्चा है कि आरसीपी सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ सकते हैं.

राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर कई नाम चर्चा में है. जदयू सांसद ललन सिंह भी चर्चा में हैं. ललन सिंह (Lalan Singh) के नाम की चर्चा केंद्रीय मंत्रिमंडल में जदयू की तरफ से बनने वाले मंत्री में भी थी. लेकिन ललन सिंह केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुए. अब राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर उनके नाम की चर्चा हो रही है. उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) का नाम भी अध्यक्ष की रेस में है. यह भी चर्चा है कि नीतीश कुमार खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेवारी फिर संभाल सकते हैं. यह भी हो सकता है कि आरसीपी सिंह अध्यक्ष बने रहें. हालांकि अभी सभी विकल्प सिर्फ कयासों में हैं.

नीतीश कुमार हमेशा चौकानेवाले फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं. पहले भी कई चौंकाने वाले फैसले ले चुके हैं. जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला सबसे बड़ा उदाहरण है. हाल ही में उमेश कुशवाहा को प्रदेश अध्यक्ष बनाने का फैसला भी चौकाने वाला था. कई नामों की चर्चा हो रही थी. लेकिन मीटिंग के दौरान ही उमेश कुशवाहा को बुलाकर प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेवारी दे दी गई.बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जदयू के खराब परफॉर्मेंस के बाद नीतीश कुमार ने लव-कुश समीकरण को फिर से साधने की कोशिश की है.

उपेंद्र कुशवाहा को इसी मकसद से जदयू में शामिल भी कराया है. उपेंद्र कुशवाहा के नाम की चर्चा भी खूब हो रही है. लेकिन प्रदेश अध्यक्ष भी कुशवाहा को ही बनाया गया है.ऐसे में कुशवाहा समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाए जाएं, इसकी संभावना कम लग रही है. नीतीश कुमार पिछड़ा, अति पिछड़ा वर्ग से आने वाले किसी नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेवारी भी दे सकते हैं. राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पार्टी के संगठन के साथ पांच राज्यों में होने वाले चुनाव को लेकर भी चर्चा होगी.

नीतीश कुमार की कोशिश रहेगी कि बीजेपी के साथ जदयू का यूपी में गठबंधन हो जाए. जदयू का बीजेपी के साथ बिहार के बाहर केवल दिल्ली में अब तक विधानसभा चुनाव में गठबंधन हुआ है. दिल्ली में बीजेपी ने 2 सीट दिए थे. जदयू बंगाल में भी बीजेपी के साथ गठबंधन करना चाहती थी लेकिन बीजेपी ने तवज्जो नहीं दिया और यूपी में भी बीजेपी तवज्जो नहीं दे रही है. जदयू ने यूपी में 200 सीट पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. नीतीश मॉडल के सहारे जदयू यूपी में उतरेगी.

बता दें कि जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी के 75 सदस्य हैं. सांसद, लोकसभा, राज्यसभा आमंत्रित सदस्य 20 हैं. सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष और सभी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बैठक में शामिल होंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पहुंचे हैं.जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक इससे पहले 27 दिसंबर को पटना में हुई थी. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में देरी हुई है. लेकिन बिहार के सभी दलों की नजर इस बैठक पर है. सहयोगी बीजेपी और प्रमुख विपक्षी दल आरजेडी की भी है कि जदयू में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद किसे दिया जाता है.

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