नई दिल्ली: जदयू सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी ( JDU MP Dulal Chandra Goswami ) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि बिना चर्चा के ही कृषि कानून वापसी बिल ( Agricultural Law Withdrawal Bill ) लोकसभा और राज्यसभा में केंद्र सरकार द्वारा पारित कराने का निर्णय काफी सही है. विपक्षी दल ही इस कानून को समाप्त करने की मांग कर रहे थे. जब समाप्त कर दिया तो फिर उस पर चर्चा क्यों की जाए? जो बिल एक बार खत्म हो गया उस पर बातचीत की जरूरत नहीं.
उन्होंने कहा कि यह तीनों कृषि कानून सीमांत एवं छोटे किसानों के हित के लिए थे. देश के कई किसान शांति पूर्वक इस बिल को देख रहे थे कि इससे क्या फायदा और क्या लाभ होगा. कुछ किसान इसका विरोध कर रहे थे. लेकिन इतना न हंगामा मचाया गया जिसके चलते पीएम मोदी ( PM Narendra Modi ) को इस कानून को वापस लेना पड़ा.
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जेडीयू सांसद ने कहा कि विपक्ष का काम सिर्फ हंगामा करना है. नकारात्मक राजनीति विपक्ष लगातार कर रहा है. उसको केंद्र सरकार को सहयोग करना चाहिए. बेहतर सुझाव देना चाहिए. केंद्र सरकार तो आज सदन में चर्चा को तैयार थी लेकिन विपक्ष के लोग ही लगातार हंगामा कर रहे थे.
बता दें जदयू सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी ने खुलकर केंद्र सरकार का समर्थन किया है जबकि जदयू के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने तीनों कृषि कानूनों को हमेशा के लिए हटाने की मांग की थी. तीनों कृषि कानूनों को पीएम मोदी ने जब वापस लेने का ऐलान किया था तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( Bihar CM Nitish Kumar ) ने कहा था कि केंद्र सरकार खुद बिल लेकर आई और खुद ही इसको वापस लेली, इसलिए मैं इस पर क्या प्रतिक्रिया दूं. इस लिहाज से गोस्वामी का बयान अपने आप में अहम है.
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बता दें पीएम मोदी ने कुछ समय पहले ऐलान किया था कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले रही है. सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन लोकसभा और राज्यसभा में कृषि कानून वापसी बिल पारित हो गया. विपक्ष हंगामा करता रहा कि बिना चर्चा के ही बिल को पारित कर दिया गया. चर्चा होती तो MSP की कानूनी गारंटी, किसान आंदोलन में 700 से ज्यादा शहीद हुए किसानों पर चर्चा होती, मृतक किसान के परिजनों को मुआवजा देने की बात होती लेकिन आनन-फानन में सरकार ने तानाशाही रुख अपनाते हुए बिल को पारित कर दिया.
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