पटना: बिहार में इस साल विधानसभा के चुनाव होने हैं. सीएम नीतीश कुमार ने सीएए का समर्थन किया था. माना जा रहा है कि इसको लेकर अल्पसंख्यक वोटरों के एक बड़े वर्ग में नाराजगी है और विपक्ष उसे भुनाने में लगा है. कहा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नीतीश कुमार ने अपने अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ को भी एक्टिव कर दिया है और उनकी नजर विपक्ष के मुस्लिम चेहरों पर भी है.
'बिहार में एक भी मुस्लिम सीएए से प्रभावित नहीं होगा'
नीतीश कुमार पिछले 15 सालों से बिहार के सत्ता के केंद्र बिंदु बने हुए हैं और इस साल विधानसभा चुनाव में भी एनडीए का नेतृत्व करेंगे. हालांकि सीएए का समर्थन करने के बाद वे एनआरसी लागू नहीं करने की बात कर रहे हैं. जेडीयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष तनवीर अख्तर भी यही कहते हैं. उनका कहना है कि सीएए को लेकर विपक्ष अल्पसंख्यकों को बेवकूफ बनाने में लगा है. जबकि बिहार में एक भी मुस्लिम सीएए से प्रभावित नहीं होने वाला है, नीतीश कुमार पर सबको भरोसा है.
'नीतीश कुमार ए टू जेड की बात करते हैं'
वहीं जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने भी कहा कि आरजेडी एमवाई समीकरण की बात करती है, लेकिन नीतीश कुमार ए टू जेड की बात करते हैं. इसलिए सभी जाति और धर्म के लोग नीतीश कुमार को पसंद करते हैं. विपक्ष चाहे जैसे भी लोगों को भ्रमित करने की कोशिश करे, इससे कुछ नहीं होने वाला है.