पटना: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. इसी क्रम में राजद ने भी बिहार बंद का आगाज किया है. वहीं, राजधानी की सड़कों पर कुछ लड़कियां अलग तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रही है. उनका कहना है कि जब देश में बेरोजगारी, महंगाई जैसी अन्य कई समस्याएं हैं, तो ऐसे समय में सीएए लाने की क्या जरुरत है.
जामिया की छात्राओं ने किया सवाल
प्रदर्शन कर रही छात्राएं जामिया में पढ़ाई करती है. छात्राओं ने कहा कि जामिया के हालात को देखकर उन्हें हॉस्टल छोड़कर वापस अपने घर आना पड़ा. छात्राओं ने सीएए और एनआरसी को लेकर सरकार के दावे झूठे बताए. उन्होंने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि देश में बेरोजगारी, महंगाई जैसी अन्य कई समस्याएं हैं. बेरोजगारों को रोजगार देने के बजाय सीएए जैसे कानून को लाने की क्या जरुरत है. एनआरसी के खिलाफ छात्राओं ने कहा कि जब नागरिकता के लिए आधार कार्ड काफी होगा, तो ऐसे में एनआरसी लाने की भी क्या जरुरत है.
किन हालातों में जामिया से वापस आई छात्राएं?
जामिया से आई छात्राओं ने बताया कि जामिया में वे सभी शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान पुलिस ने कॉलेज के अंदर लाइब्रेरी, कैंटिन और हॉस्टल में घुसकर छात्र-छात्राओं पर लाठीचार्ज किया और आंसु गैस के गोले भी छोड़े. उन्हें हॉस्टल से बाहर निकलने के लिए मना कर दिया गया. ऐसे हालात में उन्हें वापस अपने घर आना पड़ा.
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