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जेल प्रशासन को सता रहा है कैदियों में कोरोना संक्रमण का भय, ऑनलाइन हाजिरी का किया आग्रह

जेल प्रशासन कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर चिंतित है. कैदियों की हाजिरी के लिए न्यायालय ले जाया जा रहा है. जिससे उनके कोरोना संक्रमित होने का डर है. जेल आईजी ने आग्रह किया है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कैदियों की हाजिरी करवायी जाए. पढ़ें रिपोर्ट..

पटना बेऊर जेल
पटना बेऊर जेल
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Published : Jan 12, 2022, 3:41 PM IST

पटना: बिहार में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. इसके बावजूद न्यायालय को फिजिकली चलाया जा रहा है. सैकड़ों कैदियों को न्यायालय में हाजिर करने के लिए जेल से बाहर ले जाया जा रहा है. जहां पर उनके परिजनों और बाहर के लोगों से उनकी मुलाकात होती है. जेल प्रशासन को डर है (Jail Administration Afraid About Corona) कि कोई एक भी कैदी संक्रमित हो जाता है, तो पूरे जेल में कोरोना फैल जाएगा. इसको लेकर जेल आईजी ने न्यायाधीश से आग्रह किया है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कैदियों की हाजिरी करवायी जाए.

यह भी पढ़ें- कोरोना को लेकर जेल प्रशासन अलर्टः कैदियों को दिया जाने लगा काढ़ा, गर्म पानी, सैनेटाइजर और लेमन जूस

बता दें कि पूरे पटना में कोरोना विस्फोट हो चुका है. बिहार में पटना कोरोना का हॉट स्पॉट भी बन गया है. इसके अलावा कई जिलों के कैदी, न्यायाधीश और सुरक्षाकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं. इसके बावजूद कोर्ट को फिजिकली चलाया जा रहा है. न्यायालय में हजारों की संख्या में लोग बाहर से आ रहे हैं.

पटना में जेल प्रशासन को कोरोना संक्रमण को लेकर भय

दरअसल, राजधानी पटना के बेऊर जेल और फुलवारी जेल में बंद सैकड़ों कैदी दिन-प्रतिदिन जेल से बाहर न्यायालय जा रहे हैं. उनके परिजनों के साथ-साथ कई अन्य लोगों से उनकी मुलाकात हो रही है. ऐसे में जेलों में कोरोना संक्रमण की संभावना काफी बढ़ गई है.

बता दें कि पटना सिविल कोर्ट के कई जज भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. मुंगेर के साथ-साथ कई जिलों में कैदी भी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं. जेल प्रशासन को सुरक्षा के मद्देनजर कैदियों को लेकर डर सता रहा है. जेल प्रशासन के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार जेल आईजी द्वारा माननीय न्यायाधीश से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई करने को लेकर अनुरोध किया गया है.

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच जेल प्रशासन ने निर्णय लिया है कि जो भी नए कैदी जेलों में आएंगे और जेलों से छूटेंगे, सभी की कोरोना जांच की जाएगी. अगर निगेटिव पाए जाएंगे, तभी वह जेल के अंदर या बाहर जा सकेंगे. इसके साथ-साथ कोरोना के मद्देनजर कैदियों और उनके परिजनों की सीधी मुलाकात पर बंदिश लगा दी गई है. अब सिर्फ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही परिजनों से मुलाकात हो सकेगी. जेल प्रशासन द्वारा सभी तरह की साावधानी बरती जा रही है.

जेल प्रशासन को इस बात का डर है कि जब तक जेल से बाहर कैदियों का जाना बंद नहीं होगा, तब तक कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराता रहेगा. कोरोना की पहली और दूसरी लहर में संक्रमण के बढ़ते ही न्यायालय को ऑनलाइन कर दिया गया था. ऑनलाइन न्यायालय चलने से मामलों के निपटारे में जरूर कमी आई थी, लेकिन काफी लोग कोरोना संक्रमित होने से बच गए थे.

यह भी पढ़ें- बिहार की जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी, पैरोल पर अंडर ट्रायल कैदियों को छोड़ने का है आदेश

यह भी पढ़ें- मधेपुरा जेल में कोरोना महामारी ने दिया दस्तक, दो कैदी निकले संक्रमित

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पटना: बिहार में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. इसके बावजूद न्यायालय को फिजिकली चलाया जा रहा है. सैकड़ों कैदियों को न्यायालय में हाजिर करने के लिए जेल से बाहर ले जाया जा रहा है. जहां पर उनके परिजनों और बाहर के लोगों से उनकी मुलाकात होती है. जेल प्रशासन को डर है (Jail Administration Afraid About Corona) कि कोई एक भी कैदी संक्रमित हो जाता है, तो पूरे जेल में कोरोना फैल जाएगा. इसको लेकर जेल आईजी ने न्यायाधीश से आग्रह किया है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कैदियों की हाजिरी करवायी जाए.

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बता दें कि पूरे पटना में कोरोना विस्फोट हो चुका है. बिहार में पटना कोरोना का हॉट स्पॉट भी बन गया है. इसके अलावा कई जिलों के कैदी, न्यायाधीश और सुरक्षाकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं. इसके बावजूद कोर्ट को फिजिकली चलाया जा रहा है. न्यायालय में हजारों की संख्या में लोग बाहर से आ रहे हैं.

पटना में जेल प्रशासन को कोरोना संक्रमण को लेकर भय

दरअसल, राजधानी पटना के बेऊर जेल और फुलवारी जेल में बंद सैकड़ों कैदी दिन-प्रतिदिन जेल से बाहर न्यायालय जा रहे हैं. उनके परिजनों के साथ-साथ कई अन्य लोगों से उनकी मुलाकात हो रही है. ऐसे में जेलों में कोरोना संक्रमण की संभावना काफी बढ़ गई है.

बता दें कि पटना सिविल कोर्ट के कई जज भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. मुंगेर के साथ-साथ कई जिलों में कैदी भी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं. जेल प्रशासन को सुरक्षा के मद्देनजर कैदियों को लेकर डर सता रहा है. जेल प्रशासन के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार जेल आईजी द्वारा माननीय न्यायाधीश से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई करने को लेकर अनुरोध किया गया है.

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच जेल प्रशासन ने निर्णय लिया है कि जो भी नए कैदी जेलों में आएंगे और जेलों से छूटेंगे, सभी की कोरोना जांच की जाएगी. अगर निगेटिव पाए जाएंगे, तभी वह जेल के अंदर या बाहर जा सकेंगे. इसके साथ-साथ कोरोना के मद्देनजर कैदियों और उनके परिजनों की सीधी मुलाकात पर बंदिश लगा दी गई है. अब सिर्फ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही परिजनों से मुलाकात हो सकेगी. जेल प्रशासन द्वारा सभी तरह की साावधानी बरती जा रही है.

जेल प्रशासन को इस बात का डर है कि जब तक जेल से बाहर कैदियों का जाना बंद नहीं होगा, तब तक कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराता रहेगा. कोरोना की पहली और दूसरी लहर में संक्रमण के बढ़ते ही न्यायालय को ऑनलाइन कर दिया गया था. ऑनलाइन न्यायालय चलने से मामलों के निपटारे में जरूर कमी आई थी, लेकिन काफी लोग कोरोना संक्रमित होने से बच गए थे.

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