पटना: कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona) को देखते हुए जेल प्रशासन भी काफी सतर्क (Bihar jail administration alert on corona infection) हो गया है. बिहार सहित पूरे देश में फिर से कोरोना के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए अब जेलो में बंद कैदियों के परिजनों को उनसे मुलाकात के लिए कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना पड़ रहा है. जेल प्रशासन द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार कैदियों के परिजनों को बिना कोरोना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के उनसे सीधी मुलाकात नहीं करवाई जा रही है.
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साथ ही कैदी और उनके परिजनों के लिए मास्क का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है. इसका सख्ती से पालन कराया जा रहा है. जेल प्रशासन का मानना है कि किसी भी तरह की छोटी सी चूक से जेल के अंदर बड़ा खतरा हो सकता है. इस वजह से इसे कड़ाई से पालन करवाया जा रहा है.
बिहार में कोरोना महामारी के मद्देनजर परिजनों को कैदी से मिलने के लिए पहले रजिस्ट्रेशन करवाना होता है. इसके बाद उनकी इच्छा पर डिपेंड करता है कि वह ऑनलाइन या सीधी मुलाकात करना पसंद करते हैं. एक कैदी से उनके परिजन हफ्ते में एक बार ही सीधी मुलाकात कर सकते हैं. हालांकि जेल प्रशासन की मानें तो कोरोना की तीसरी लहर को लेकर राज्य सरकार की जो गाइडलाइंस आएगी, उसका पालन किया जाएगा. अगर कोरोना संक्रमण की संख्या में बढ़ोतरी होगी तो मुलाकात पर भी रोक लग सकती है.
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जेल आईजी मिथिलेश मिश्रा लगातार बिहार के सभी जेलों का निरीक्षण कर रहे हैं. निरीक्षण के दौरान यह पता लगाया जा रहा है कि दिए गए गाइडलाइंस का उस जेल द्वारा कितना पालन करवाया जा रहा है.
वही ठंड के मद्देनजर जेल प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार सभी जेलों में सुबह शाम-कैदियों के लिए अलाव की व्यवस्था की गई है. राजधानी पटना के बेउर जेल के अधीक्षक जितेंद्र सिंह की मानें तो यहां के सभी वार्डों में सुबह शाम अलाव की व्यवस्था है. इसके अलावा बेऊर जेल में करीबन 700 बुजुर्ग कैदी हैं. उनका पूरा ख्याल जेल प्रशासन द्वारा रखा जा रहा है.
आपको बता दें कि बिहार में कुल 59 जेल हैं जिसमें 46000 कैदियों की रखने की क्षमता है. मौजूदा वक्त में बिहार के जेलों में करीब 67,000 कैदी हैं. इनमें लगभग 18 से 20,000 कैदी शराबबंदी कानून के तहत जेलों में बंद हैं जो की क्षमता से काफी अधिक है.
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