पटना: झारखंड के दुमका में गैंगरेप के बाद बिहार में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जिसके बाद सियासी गलियारों में दोनों राज्यों में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठ रहे है. वहीं, इन घटनाओं पर आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने विवादित बयान दिया है.
आरजेडी नेता ने कहा कि, 'कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था कि इस तरह की हरकत किसी आदिवासी महिला के साथ होगी, इस घटना ने एक बार फिर से मानवता को शर्मसार कर दिया है.'
'आदिवासी संस्कृति में कभी कोई बलात्कार नहीं था, आदिवासी महिला के साथ रेप का मतलब यह हुआ कि आज महिलाओं के प्रति जघन्य अपराध समाज के सबसे आंतरिक भाग तक पहुंच चुका है. हाल के वर्षों में इस तरह की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं, इसके पीछे वजह आधुनिकता के नाम पर जो अश्लील सामग्री फैलाई जा रही है वो है.' - शिवानंद तिवारी, आरजेडी नेता
'ये ही चीजें समाज को प्रदूषित कर रही हैं'
शिवानंद तिवारी ने आगे कहा कि, 'सिनेमा में आइटम डांस हो, विज्ञापन हो या मोबाइल फोन में पॉर्न वाली तस्वीर हो सभी मिलकर बलात्कार की मानसिकता को तैयार करते हैं. इसका आदिवासी इलाके में जाने का मतलब है कि ये समाज के अंतिम हिस्से तक चला गया है और देश में कई इलाके ऐसे हैं, जहां इस तरह की घटनाएं हो रही हैं.'
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''दिल्ली में निर्भया केस हुआ, उस पर न्यायिक आयोग बना, उसके बाद औरतों के बचाने के लिए सख्त कानून बना, फांसी तक का प्रावधान किया गया. उस समय भी मैंने राज्यसभा में कहा था कि सजा बढ़ा देने से मामला रूक जाएगा. इस गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए. जब तक वो परिस्तिथियां रहेंगी, जो बलात्कार की ओर लोगों को उकसाती हैं, तब तक आप बलात्कार को रोक नहीं सकते हैं. आज भी मेरा कहना वही है.' - शिवानंद तिवारी, आरजेडी नेता