पटना: इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान यानि आइजीआइएमएस पटना में पहली बार ब्रेन डेड मरीज के परिजनों ने उसका अंगदान किया. इससे 6 लोगों को नई जिंदगी मिली है. इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में ही ब्रेन डेड मरीज के अंगों को दूसरे मरीज में सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया गया. सड़क दुर्घटना में घायल किशोर के ब्रेन डेड होने पर डॉक्टरों की टीम ने मरीज का अंग दूसरे मरीज में ट्रांसप्लांट किया है.
6 लोगों को ऑर्गन ट्रांसप्लांट से मिली नई जिंदगी
दरअसल मुजफ्फरपुर निवासी 17 साल का रोहित सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद आइजीआइएमएस में भर्ती हुआ था. यहां पहुंचने पर डॉक्टरों की टीम ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया था. इसके बाद परिजनों ने इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान से उसके अंग दान करने की सिफारिश की. परिजनों के आग्रह पर डॉक्टरों ने दूसरे मरीज को उसके ऑर्गन ट्रांसप्लांट कर नई जिंदगी दी.
आइजीआइएमएस के डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किए ऑर्गन
इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के अधीक्षक मनीष मंडल ने बताया कि ब्रेन डेड मरीज के परिजनों ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट की इच्छा जताई थी. इसके संस्थान ने तैयारी की सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किए गए. रोहित के परिजनों के इस फैसले से 6 मरीजों को नई जिंदगी मिली है. उन्होंने बताया कि किडनी और लीवर को स्थानीय मरीजों में ट्रांसप्लांट कर दिया गया है. आंखों का भी ट्रांसप्लांटेशन भी यही के मरीजों में होगा. रोहित का हार्ट कोलकाता के एक मरीज में ट्रांसप्लांट करने के लिए भेज दिया गया है.