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बिहार में होमगार्ड जवानों को सिखाये जाएंगे आपदा से निपटने के गुर, 28 जिलों का चयन

सिविल डिफेंस के पुलिस महानिदेशक अरविंद पांडेय ने बताया कि होमगार्ड के जवानों को आपदा के दौरान राहत और बचाव के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके लिए 28 जिलों को चुना गया है.

होमगार्ड (फाइल फोटो)
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Published : Jul 27, 2019, 12:55 PM IST

पटना: बिहार में प्रतिवर्ष बाढ़ का संकट बना रहता है. बाढ़ आने के बाद तटबंधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सहित कई आपदा प्रबंधन (राहत एवं बचाव) के कामों में होमगार्ड (गृह रक्षा वाहिनी) के जवानों को लगाया जाता है. ऐसे में सिविल डिफेंस (नागरिक सुरक्षा) ने अब होमगार्ड के जवानों को आपदा प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित करने का बीड़ा उठाया है.

28 जिलों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

सिविल डिफेंस के पुलिस महानिदेशक अरविंद पांडेय ने बताया कि होमगार्ड के जवानों को आपदा के दौरान राहत और बचाव के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके लिए 28 जिलों को चुना गया है. उन्होंने बताया कि चुने गए जिलों में आपदा के लिए संवदेनशील जिले माने जाते हैं.

उन्होंने बताया कि आम तौर पर होमगार्ड की संख्या अधिक है, जिस कारण वे गांवों से लेकर कस्बों तक में रहते हैं. ऐसे में बाढ़, आग लगने की घटना सहित कई आपदा के मौके पर सबसे पहले पहुंच जाते हैं. ऐसे में उन्हें अगर प्रशिक्षित कर दिया जाए तो ये काफी मदद पहुंचा सकते हैं.

45 वर्ष के उम्र से कम लोगों का होगा चयन

उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के लिए 45 वर्ष के उम्र से कम लोगों का चयन किया जाएगा. प्रशिक्षण के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी. उन्होंने कहा कि बिहटा के नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण संस्थान (सीडीटीआई) में 10 दिनों का प्रशिक्षण दिया जाएगा.

उल्लेखनीय है कि बिहार में बाढ़ से प्रभावित जिलों में तटबंधों की निगरानी के लिए आमतौर पर होमगार्डों की ही तैनाती की जाती है. इसके अलावे भी बाढ़ के दौरान होमगार्ड के जवानों को राहत और बचाव कार्यो में भी प्रतिनियुक्ति की जाती है.

पटना: बिहार में प्रतिवर्ष बाढ़ का संकट बना रहता है. बाढ़ आने के बाद तटबंधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सहित कई आपदा प्रबंधन (राहत एवं बचाव) के कामों में होमगार्ड (गृह रक्षा वाहिनी) के जवानों को लगाया जाता है. ऐसे में सिविल डिफेंस (नागरिक सुरक्षा) ने अब होमगार्ड के जवानों को आपदा प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित करने का बीड़ा उठाया है.

28 जिलों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

सिविल डिफेंस के पुलिस महानिदेशक अरविंद पांडेय ने बताया कि होमगार्ड के जवानों को आपदा के दौरान राहत और बचाव के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके लिए 28 जिलों को चुना गया है. उन्होंने बताया कि चुने गए जिलों में आपदा के लिए संवदेनशील जिले माने जाते हैं.

उन्होंने बताया कि आम तौर पर होमगार्ड की संख्या अधिक है, जिस कारण वे गांवों से लेकर कस्बों तक में रहते हैं. ऐसे में बाढ़, आग लगने की घटना सहित कई आपदा के मौके पर सबसे पहले पहुंच जाते हैं. ऐसे में उन्हें अगर प्रशिक्षित कर दिया जाए तो ये काफी मदद पहुंचा सकते हैं.

45 वर्ष के उम्र से कम लोगों का होगा चयन

उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के लिए 45 वर्ष के उम्र से कम लोगों का चयन किया जाएगा. प्रशिक्षण के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी. उन्होंने कहा कि बिहटा के नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण संस्थान (सीडीटीआई) में 10 दिनों का प्रशिक्षण दिया जाएगा.

उल्लेखनीय है कि बिहार में बाढ़ से प्रभावित जिलों में तटबंधों की निगरानी के लिए आमतौर पर होमगार्डों की ही तैनाती की जाती है. इसके अलावे भी बाढ़ के दौरान होमगार्ड के जवानों को राहत और बचाव कार्यो में भी प्रतिनियुक्ति की जाती है.

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बिहार में होमगार्ड के जवान सीखेंगे आपदा से निपटने के गुर



पटना: बिहार में प्रतिवर्ष बाढ़ का संकट बना रहता है. बाढ़ आने के बाद तटबंधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सहित कई आपदा प्रबंधन (राहत एवं बचाव) के कामों में होमगार्ड (गृह रक्षा वाहिनी) के जवानों के लगाया जाता है. ऐसे में सिविल डिफेंस (नागरिक सुरक्षा) ने अब होमगार्ड के जवानों को आपदा प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित करने का बीड़ा उठाया है. सिविल डिफेंस के पुलिस महानिदेशक अरविंद पांडेय ने बताया कि होमगार्ड के जवानों को आपदा के दौरान राहत और बचाव के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके लिए 28 जिलों के चुना गया है. उन्होंने बताया कि चुने गए जिलों में आपदा के लिए संवदेनशील जिले माने जाते हैं.



उन्होंने बताया कि आम तौर पर होमगार्ड की संख्या अधिक है, जिस कारण वे गांवों से लेकर कस्बों तक में रहते हैं. ऐसे में बाढ़, आग लगने की घटना सहित कई आपदा के मौके पर सबसे पहले पहुंच जाते हैं. ऐसे में उन्हें अगर प्रशिक्षित कर दिया जाए तो ये काफी मदद पहुंचा सकते हैं.



उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के लिए 45 वर्ष के उम्र से कम लोगों का चयन किया जाएगा. प्रशिक्षण के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी. उन्होंने कहा कि बिहटा के नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण संस्थान (सीडीटीआई) में 10 दिनों का प्रशिक्षण दिया जाएगा.



उल्लेखनीय है कि बिहार में बाढ़ से प्रभावित जिलों में तटबंधों की निगरानी के लिए आमतौर पर होमगार्डों की ही तैनाती की जाती है. इसके अलावे भी बाढ़ के दौरान होमगार्ड के जवानों को राहत और बचाव कार्यो में भी प्रतिनियुक्ति की जाती है.


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