पटना: बिहार में साइबर अपराध (Cyber Crimes) के बढ़ते मामलों को लेकर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने सख्ती दिखाई है. जस्टिस संदीप कुमार ने मामले में सुनवाई करते हुए पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है कि राजधानी पटना में घटना वाले और संबंधित थानों में इस मामले को लेकर दर्ज प्राथमिकी का पर्यवेक्षण अपने स्तर से करें. साथ ही अगली सुनवाई पर कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट भी जमा करें.
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साइबर अपराध पर हाईकोर्ट में सुनवाई: सुनवाई के दौरान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, राजीव नगर शाखा के शाखा प्रबंधक कोर्ट में उपस्थित थे. जेल में बंद एक व्यक्ति के खाते से साइबर अपराधियों द्वारा उनके बैंक से पैसा निकाल लिए जाने के मामले पर कोर्ट ने पूछताछ की. बैंक के शाखा प्रबंधक ने बताया कि इस मामले में पैसे की निकासी दिल्ली के वसंत विहार शाखा से की गई है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि यह काम किसी नजदीकी ने किया है.
शाखा प्रबंधक को कोर्ट का निर्देश: कोर्ट ने जब उनसे पूछा कि निकाले गए पैसे में फिक्स्ड पैसा भी शामिल है, वह कैसे निकला. इस पर शाखा प्रबंधक का कहना था कि यह सब साइबर अपराधियों ने गलत गलत तरीके से एटीएम बनवा कर ऐसा काम किया है. कोर्ट ने शाखा प्रबंधक को कहा कि अगर उन्हें जानकारी मिलती है, उनके बैंक के खाताधारकों का पैसा साइबर अपराधियों द्वारा गलत तरीके से निकाल लिया गया है तो तत्काल इस मामले की जांच अपने स्तर से करें.
ग्राहकों के पैसे वापस करें: इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि बैंक के संबंधित दोषी कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाएं और ग्राहकों का पैसा उन्हें लौटाने की दिशा में कार्रवाई करें ताकि ग्राहकों का विश्वास बैंक पर बना रहे. अदालत ने स्पष्ट किया कि बैंक में जमा पैसा ग्राहकों का है ना कि सरकार का. लिहाजा उनका पैसा उन्हें वापस मिलना चाहिए. इस मामले पर आगे भी सुनवाई होगी.
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