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नेपाली नगर में अतिक्रमण हटाने पर HC में हुई सुनवाई, अगली सुनवाई तक यथा स्थिति का आदेश

राजीव नगर स्थित नेपाली नगर में अगली सुनवाई तक पटना हाईकोर्ट ने यथा स्थिति बनाये रखने का आदेश दिया. साथ ही बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो पाने (Unable to Restore Power Supply) पर सरकारी बिजली कंपनी को भी मामले में पार्टी बनाने का आदेश दिया. पढ़ें पूरी खबर..

File Photo Patna High Court
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Published : Jul 14, 2022, 6:51 PM IST

पटना: राजधानी पटना के राजीव नगर स्थित नेपाली नगर में अतिक्रमण हटाने (Encroachment Removal Campaign In Patna) के मामले की सुनवाई गुरुवार को पटना हाईकोर्ट में सुनवाई (Hearing In Patna High Court) हुई. हाईकोर्ट में राज्य सरकार और बिहार राज्य आवास बोर्ड ने मामले में जवाब दायर किया. जस्टिस संदीप कुमार ने मामले की सुनवाई करते हुए जानना चाहा कि जब हाउसिंग बोर्ड को खुद अतिक्रमण हटाने की शक्ति है, तो जिला प्रशासन क्यों अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की. जिला प्रशासन को अतिक्रमण हटाने को कब कहा गया.

पढ़ें- पटना: राजीव नगर में चले बुलडोजर, 2000 पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में 70 मकान जमींदोज

अगली सुनवाई 19 जुलाई कोः इस मामले पर अगली सुनवाई 19 जुलाई 2022 को होगी. कोर्ट ने अगली सुनवाई तक मामले में यथास्थिति बहाल रखने का आदेश जारी किया. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने वहां रह रहे नागरिकों को बिजली और पानी आपूर्ति बहाल करने का आदेश दिया था, लेकिन कोर्ट को बताया गया कि बिजली विभाग ने विद्युत आपूर्ति अब तक बहाल नहीं की है. इस पर कोर्ट ने साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड को पार्टी बनाने का आदेश देते हुए उन्हें बिजली आपूर्ति जारी करने का आदेश दिया.


आवास बोर्ड और पुलिस बोर्ड के रहते कैसे बड़े पैमाने पर हुआ अतिक्रमणः कोर्ट ने भूमि बेचने और खरीदने के मामले में को-ऑपरेटिवों के घोटालेबाजों ने नियमों का उल्लंघन किये जाने पर सख्त नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने राज्य सरकार को ऐसे लोगों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने का कहा. कोर्ट ने बिहार राज्य आवास बोर्ड और संबंधित थाने की पुलिस के रवैये को काफी गंभीरता से लिया. आवास बोर्ड के अधिकारियों और पुलिस के होते हुए इतने बड़े पैमाने पर अतिक्रमण कैसे हो गया.

कोरोना को ले कोर्ट रूम में बढ़ी सख्तीः इस मामले पर सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने कोर्ट में कहा कि सुनवाई के दौरान इतनी बड़ी संख्या में कोर्ट में वकीलों की उपस्थिति सही नहीं है. अभी पुनः कोरोना के मामले अभी बढ़ने लगे हैं. ऐसे में आवश्यक है कि केसों से सम्बंधित वकील और पार्टी कोर्ट रूम में प्रवेश करें. कोर्ट ने इस सुझाव को मानते हुए कहा कि अब कोर्ट रूम में वहीं वकील और पार्टी आ सकते हैं, जो केस से जुड़े हैं. कोर्ट ने विधि पत्रकारों को भी प्रवेश की अनुमति दी है.

पढ़ें- पटना के राजीव नगर इलाके में 70 अवैध मकानों को तोड़ने के दौरान बवाल, एसपी सिटी जख्मी

पटना: राजधानी पटना के राजीव नगर स्थित नेपाली नगर में अतिक्रमण हटाने (Encroachment Removal Campaign In Patna) के मामले की सुनवाई गुरुवार को पटना हाईकोर्ट में सुनवाई (Hearing In Patna High Court) हुई. हाईकोर्ट में राज्य सरकार और बिहार राज्य आवास बोर्ड ने मामले में जवाब दायर किया. जस्टिस संदीप कुमार ने मामले की सुनवाई करते हुए जानना चाहा कि जब हाउसिंग बोर्ड को खुद अतिक्रमण हटाने की शक्ति है, तो जिला प्रशासन क्यों अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की. जिला प्रशासन को अतिक्रमण हटाने को कब कहा गया.

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अगली सुनवाई 19 जुलाई कोः इस मामले पर अगली सुनवाई 19 जुलाई 2022 को होगी. कोर्ट ने अगली सुनवाई तक मामले में यथास्थिति बहाल रखने का आदेश जारी किया. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने वहां रह रहे नागरिकों को बिजली और पानी आपूर्ति बहाल करने का आदेश दिया था, लेकिन कोर्ट को बताया गया कि बिजली विभाग ने विद्युत आपूर्ति अब तक बहाल नहीं की है. इस पर कोर्ट ने साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड को पार्टी बनाने का आदेश देते हुए उन्हें बिजली आपूर्ति जारी करने का आदेश दिया.


आवास बोर्ड और पुलिस बोर्ड के रहते कैसे बड़े पैमाने पर हुआ अतिक्रमणः कोर्ट ने भूमि बेचने और खरीदने के मामले में को-ऑपरेटिवों के घोटालेबाजों ने नियमों का उल्लंघन किये जाने पर सख्त नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने राज्य सरकार को ऐसे लोगों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने का कहा. कोर्ट ने बिहार राज्य आवास बोर्ड और संबंधित थाने की पुलिस के रवैये को काफी गंभीरता से लिया. आवास बोर्ड के अधिकारियों और पुलिस के होते हुए इतने बड़े पैमाने पर अतिक्रमण कैसे हो गया.

कोरोना को ले कोर्ट रूम में बढ़ी सख्तीः इस मामले पर सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने कोर्ट में कहा कि सुनवाई के दौरान इतनी बड़ी संख्या में कोर्ट में वकीलों की उपस्थिति सही नहीं है. अभी पुनः कोरोना के मामले अभी बढ़ने लगे हैं. ऐसे में आवश्यक है कि केसों से सम्बंधित वकील और पार्टी कोर्ट रूम में प्रवेश करें. कोर्ट ने इस सुझाव को मानते हुए कहा कि अब कोर्ट रूम में वहीं वकील और पार्टी आ सकते हैं, जो केस से जुड़े हैं. कोर्ट ने विधि पत्रकारों को भी प्रवेश की अनुमति दी है.

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