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हाईवे निर्माण के लिए पेड़ों की कटाई पर पटना HC में हुई सुनवाई, रिज्वाइंडर दायर करने का निर्देश

हाईवे निर्माण के दौरान पेड़ों की कटाई रोकने के लिए दायर एक जनहित याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल के खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए रिज्वाइंडर दायर करने का निर्देश दिया.

Patna High Court
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Published : Nov 2, 2021, 9:00 PM IST

पटना: नारायणपुर-मनहारी-पूर्णिया हाईवे के निर्माण के दौरान पेड़ों की कटाई को रोकने के लिये दायर एक जनहित याचिका पर पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस संजय करोल (Sanjay Karol) के खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को रिज्वाइंडर दायर करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को यह बताने को कहा कि कार्बन के उत्सर्जन को कैसे कम किया जा सकता है. इसके साथ ही कोर्ट ने पेडों को एक स्थान से हटा कर दूसरे स्थान पर लगाने की अनुमति दे दी है.

ये भी पढ़ें: हेडमास्टर के पद पर भर्ती के नियम के तहत निर्धारित शर्तों के मामले पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई

इस बीच एनएचएआई (नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया) द्वारा दायर जवाबी हलफनामा में कहा गया है कि पेडों को ट्रांसलोकेट करने की कार्रवाई की जा रही है. कोर्ट को बताया गया कि पेड़ों को गिराने व ट्रांसलोकेट करने की कार्रवाई 3 फरवरी, 2021 और 23 फरवरी, 2021 को जिला वन अधिकारी द्वारा दिये गए आदेश के आलोक में किया जा रहा है.

इसके साथ ही बताया गया कि 8340 पेड़ों को गिराया गया था और 2045 पेड़ों को ट्रांसलोकेट किया जा रहा है. 90 सेंटीमीटर से अधिक घेरा वाले पेड़ों को गिराया जा रहा है और इससे नीचे के घेरा वाले पेड़ों को ट्रांसलोकेट किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: मजार अतिक्रमण मामले में पटना हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, बिहार सरकार समेत कई लोगों को नोटिस

याचिकाकर्ता शाश्वत ने पूर्व में ही कोर्ट को बताया था कि विकास व निर्माण के दौरान पेड़ों की कटाई पर रोक को लेकर 26 जुलाई 2019 को राज्य सरकार के पर्यावरण, वन व मौसम विभाग द्वारा भी कार्यालय आदेश भी जारी किया गया है. याचिकाकर्ता ने संबंधित विभागों से विस्तृत योजना रिपोर्ट, क्लीयरेंस सर्टिफिकेट, योजना पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर रिपोर्ट उपलब्ध करवाने की मांग की.

याचिकाकर्ता ने मांग की है कि काटे जाने वाले पेड़ों की संख्या, पेड़ों की उम्र, पर्यावरण के लिए महत्व व पेड़ों की कटाई से आसपास के पशु-पक्षियों पर पड़ने वाले प्रभाव के आकलन करने को लेकर विशेषज्ञों की एक कमेटी बनायी जाये. याचिका में इस प्रकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट व पटना हाई कोर्ट द्वारा पूर्व में दिये गए आदेशों का भी जिक्र किया गया है. इस मामले की आगली सुनवाई 23 नवंबर को होगी.

ये भी पढ़ें: हाईकोर्ट ने थैलेसीमिया के इलाज पर सरकार की कार्रवाई को बताया संतोषजनक, जनहित याचिका निष्पादित

पटना: नारायणपुर-मनहारी-पूर्णिया हाईवे के निर्माण के दौरान पेड़ों की कटाई को रोकने के लिये दायर एक जनहित याचिका पर पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस संजय करोल (Sanjay Karol) के खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को रिज्वाइंडर दायर करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को यह बताने को कहा कि कार्बन के उत्सर्जन को कैसे कम किया जा सकता है. इसके साथ ही कोर्ट ने पेडों को एक स्थान से हटा कर दूसरे स्थान पर लगाने की अनुमति दे दी है.

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इस बीच एनएचएआई (नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया) द्वारा दायर जवाबी हलफनामा में कहा गया है कि पेडों को ट्रांसलोकेट करने की कार्रवाई की जा रही है. कोर्ट को बताया गया कि पेड़ों को गिराने व ट्रांसलोकेट करने की कार्रवाई 3 फरवरी, 2021 और 23 फरवरी, 2021 को जिला वन अधिकारी द्वारा दिये गए आदेश के आलोक में किया जा रहा है.

इसके साथ ही बताया गया कि 8340 पेड़ों को गिराया गया था और 2045 पेड़ों को ट्रांसलोकेट किया जा रहा है. 90 सेंटीमीटर से अधिक घेरा वाले पेड़ों को गिराया जा रहा है और इससे नीचे के घेरा वाले पेड़ों को ट्रांसलोकेट किया जा रहा है.

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याचिकाकर्ता शाश्वत ने पूर्व में ही कोर्ट को बताया था कि विकास व निर्माण के दौरान पेड़ों की कटाई पर रोक को लेकर 26 जुलाई 2019 को राज्य सरकार के पर्यावरण, वन व मौसम विभाग द्वारा भी कार्यालय आदेश भी जारी किया गया है. याचिकाकर्ता ने संबंधित विभागों से विस्तृत योजना रिपोर्ट, क्लीयरेंस सर्टिफिकेट, योजना पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर रिपोर्ट उपलब्ध करवाने की मांग की.

याचिकाकर्ता ने मांग की है कि काटे जाने वाले पेड़ों की संख्या, पेड़ों की उम्र, पर्यावरण के लिए महत्व व पेड़ों की कटाई से आसपास के पशु-पक्षियों पर पड़ने वाले प्रभाव के आकलन करने को लेकर विशेषज्ञों की एक कमेटी बनायी जाये. याचिका में इस प्रकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट व पटना हाई कोर्ट द्वारा पूर्व में दिये गए आदेशों का भी जिक्र किया गया है. इस मामले की आगली सुनवाई 23 नवंबर को होगी.

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