पटना: पटना हाईकोर्ट ने कैमूर किसान विकास समिति की जनहित याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान बिहार विधानमंडल से 2011 में पारित सर्वे कानून पर संजय करोल की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब देने का निर्देश दिया है.
सर्वे कानून को लेकर मांगा जवाब
कोर्ट ने पूछा कि इस कानून को राज्य के चकबंदी कानून के विरोधाभासी होने के कारण असंवैधानिक क्यों नही घोषित किया जाए? सरकार के जवाबी हलफनामा में यह स्पष्ट है कि अधिकतम संसाधन मिलने के बाद सूबे के एक जिले में हवाई सर्वे और उसके बाद चकबंदी करने में करीब 2 साल लग जाएंगे.
31 जनवरी को अगली सुनवाई
इसको लेकर खण्डपीठ ने कहा कि यदि एक जिले में कृषि भूमि के चकबंदी करने में 2 साल लगेंगे, तो फिर 38 जिलों में तो कई साल लग जाएंगे. इस मामले पर अगली सुनवाई 31 जनवरी को होगी.
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