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पटना मेट्रो के संपत्ति अधिग्रहण में घरों को मुक्त करने पर HC में सुनवाई, कोर्ट ने किसी तरह का हस्तक्षेप से किया इंकार - etv news

पटना मेट्रो के संपत्ति अधिग्रहण के दौरान घरों को अधिग्रहण से मुक्त करने की याचिका (Hearing In HC Regarding Property Acquisition of Patna Metro) पर पटना हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मामले में पटना हाई कोर्ट ने किसी तरह का हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. पढ़े पूरी खबर...

पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट
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Published : Jul 19, 2022, 11:12 PM IST

पटना: पटना मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड प्रोजेक्ट (Patna Metro Rail Corporation Limited Project) के लिए संपत्ति अधिग्रहण के दौरान याचिकाकर्ताओं के घरों को अधिग्रहण से अलग रखने हेतु दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट ने किसी तरह का हस्तक्षेप करने से इनकार किया है. जस्टिस संदीप कुमार ने रजनीश कुमार और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस आदेश को पारित किया. याचिकाकर्ताओं ने इस प्रोजेक्ट के निर्माण से अपने घरों को अलग रखने के लिए हाईकोर्ट से आदेश देने का आग्रह किया था.

ये भी पढ़ें- बिहार में एयरपोर्ट से संबंधित मामलों पर अब 20 जुलाई को होगी सुनवाई, कोर्ट ने किया एयरपोर्ट निदेशक को तलब

PMRCLP में घरों को अधिग्रहण से अलग रखने पर सुनवाई : घरों का पटना मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड प्रोजेक्ट याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता का कहना था कि भूमि अधिग्रहण के मामले में अपने भूमि को अधिग्रहण से अलग रखने का भी प्रावधान है. गया स्थित बिहार प्रशासनिक भवन के अधिग्रहण के मामले को अधिसूचना से अलग रखने को अधिसूचना को समाप्त किया गया था. किन्तु याचिकाकर्ताओं के मामलों में ऐसा नहीं किया जा रहा है. यदि सरकार उचित समझती है, तो इस तरह का निर्णय लेती है. पहाड़ी मौजा के संबंधित वार्ड नम्बर 56 के वार्ड से सम्बंधित है. कोर्ट ने मेट्रो रेल को चार सप्ताह में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. चार सप्ताह बाद इस मामले पर सुनवाई होगी.

जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया जारी : बता दें कि पटना मेट्रो परियोजना में जमीन की बाधा दूर हो गयी है. पटना मेट्रो की ताजा प्रगति रिपोर्ट के अनुसार 72.56 प्रतिशत जमीन उपलब्ध हो गई है. पटना मेट्रो परियोजना के लिए 43.95 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है. जिसमें 31 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में है. जिसमें मीठापुर बस स्टैंड की 76 एकड़ जमीन भी शामिल है. जिसे मेट्रो डिपो के रूप में विकसित किया जा रहा है. मेट्रो परियोजना के लिए करीब 10.95 हेक्टेयर सरकारी जमीन की दरकार है. जिसमें एनएचएआई से 6.35 हेक्टेयर की जमीन पर काम करने की अनुमति मिल चुकी है. वहीं केंद्र सरकार के अधीन 4 संस्थानों में मेट्रो की जमीन फंसी है. जिसमें दानापुर छावनी क्षेत्र की 934 स्क्वायर मीटर जमीन, राजेंद्र नगर रेलवे स्टेशन की 1277 स्क्वायर मीटर जमीन, आकाशवाणी दूरदर्शन केंद्र पटना की 1121 स्क्वायर मीटर जमीन, एलआईसी की 219 स्क्वायर मीटर स्थाई और 234 स्क्वायर मीटर अस्थाई जमीन शामिल है. इसके हस्तांतरण की प्रक्रिया अभी जारी है. जिस पर जल्द निर्णय होने की उम्मीद है.

पटना: पटना मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड प्रोजेक्ट (Patna Metro Rail Corporation Limited Project) के लिए संपत्ति अधिग्रहण के दौरान याचिकाकर्ताओं के घरों को अधिग्रहण से अलग रखने हेतु दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट ने किसी तरह का हस्तक्षेप करने से इनकार किया है. जस्टिस संदीप कुमार ने रजनीश कुमार और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस आदेश को पारित किया. याचिकाकर्ताओं ने इस प्रोजेक्ट के निर्माण से अपने घरों को अलग रखने के लिए हाईकोर्ट से आदेश देने का आग्रह किया था.

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PMRCLP में घरों को अधिग्रहण से अलग रखने पर सुनवाई : घरों का पटना मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड प्रोजेक्ट याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता का कहना था कि भूमि अधिग्रहण के मामले में अपने भूमि को अधिग्रहण से अलग रखने का भी प्रावधान है. गया स्थित बिहार प्रशासनिक भवन के अधिग्रहण के मामले को अधिसूचना से अलग रखने को अधिसूचना को समाप्त किया गया था. किन्तु याचिकाकर्ताओं के मामलों में ऐसा नहीं किया जा रहा है. यदि सरकार उचित समझती है, तो इस तरह का निर्णय लेती है. पहाड़ी मौजा के संबंधित वार्ड नम्बर 56 के वार्ड से सम्बंधित है. कोर्ट ने मेट्रो रेल को चार सप्ताह में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. चार सप्ताह बाद इस मामले पर सुनवाई होगी.

जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया जारी : बता दें कि पटना मेट्रो परियोजना में जमीन की बाधा दूर हो गयी है. पटना मेट्रो की ताजा प्रगति रिपोर्ट के अनुसार 72.56 प्रतिशत जमीन उपलब्ध हो गई है. पटना मेट्रो परियोजना के लिए 43.95 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है. जिसमें 31 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में है. जिसमें मीठापुर बस स्टैंड की 76 एकड़ जमीन भी शामिल है. जिसे मेट्रो डिपो के रूप में विकसित किया जा रहा है. मेट्रो परियोजना के लिए करीब 10.95 हेक्टेयर सरकारी जमीन की दरकार है. जिसमें एनएचएआई से 6.35 हेक्टेयर की जमीन पर काम करने की अनुमति मिल चुकी है. वहीं केंद्र सरकार के अधीन 4 संस्थानों में मेट्रो की जमीन फंसी है. जिसमें दानापुर छावनी क्षेत्र की 934 स्क्वायर मीटर जमीन, राजेंद्र नगर रेलवे स्टेशन की 1277 स्क्वायर मीटर जमीन, आकाशवाणी दूरदर्शन केंद्र पटना की 1121 स्क्वायर मीटर जमीन, एलआईसी की 219 स्क्वायर मीटर स्थाई और 234 स्क्वायर मीटर अस्थाई जमीन शामिल है. इसके हस्तांतरण की प्रक्रिया अभी जारी है. जिस पर जल्द निर्णय होने की उम्मीद है.

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