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पटना: स्वास्थ्य विभाग सभी आशा वर्करों को देगा मास्क और ग्लव्स - बीएमएसआईसीएल

प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि आशा वर्कर ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं मुहैया कराती हैं, साथ ही इनकी निगरानी भी करती है. कोरोना संक्रमण के बीच अपने घर लौटे मजदूर और कामगारों की पहचान के लिए आशा वर्कर को ही जिम्मेदारी दी गई थी.

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Published : Sep 6, 2020, 12:28 PM IST

पटना: कोरोना वायरस से निपटने के लिए राज्य भर में स्वास्थ्य कर्मियों को तमाम संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं. इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग ने निर्णय लिया है कि राज्य की सभी आशा वर्करों को भी मास्क और ग्लब्स उपलब्ध कराए जाएंगे.

आशा कार्यकर्ताओं की संख्या 90 हजार
कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं को क्रियान्वित करने वाली आशा कार्यकर्ताओं की संख्या तकरीबन 90 हजार है. जब से कोरोना महामारी का संक्रमण देश में फैला है, आशा वर्कर हर मोर्चे पर इससे लड़ने के लिए सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन कर रहीं हैं.

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स्वास्थ्य विभाग

प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने दी जानकारी
स्वास्थ विभाग के बिहार स्वास्थ्य सेवा एवं आधारभूत संरचना निगम (बीएमएसआईसीएल) के जरिए मास्क और ग्लब्स की आपूर्ति की जाएगी. ईटीवी भारत से बातचीत में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने इसकी जानकारी दी.

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पीपीई किट में स्वास्थ्य कर्मी

कोरोना संक्रमण के बीच निभाई जिम्मेदारी
प्रधान सचिव ने कहा कि आशा वर्कर ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं मुहैया कराती हैं, साथ ही इनकी निगरानी भी करती है. कोरोना संक्रमण के बीच अपने घर लौटे मजदूर और कामगारों की पहचान के लिए आशा वर्कर को ही जिम्मेदारी दी गई थी.

संक्रमित व्यक्तियों के सर्वे में भी सहयोग
प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत कहा कि आशा वर्कर ने घर-घर जाकर संक्रमित व्यक्तियों के सर्वे में भी सहयोग किया. बाद में क्वॉरंटीन सेंटर से घर लौटे लक्षणों वाले मरीजों की पहचान में भी जिम्मेदारी निभाई. इसके अलावा आशा कार्यकर्ताओं की मदद से ही ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं की जांच कराने और बच्चों के टीकाकरण का भी काम कराया जाता है.

पटना: कोरोना वायरस से निपटने के लिए राज्य भर में स्वास्थ्य कर्मियों को तमाम संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं. इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग ने निर्णय लिया है कि राज्य की सभी आशा वर्करों को भी मास्क और ग्लब्स उपलब्ध कराए जाएंगे.

आशा कार्यकर्ताओं की संख्या 90 हजार
कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं को क्रियान्वित करने वाली आशा कार्यकर्ताओं की संख्या तकरीबन 90 हजार है. जब से कोरोना महामारी का संक्रमण देश में फैला है, आशा वर्कर हर मोर्चे पर इससे लड़ने के लिए सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन कर रहीं हैं.

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स्वास्थ्य विभाग

प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने दी जानकारी
स्वास्थ विभाग के बिहार स्वास्थ्य सेवा एवं आधारभूत संरचना निगम (बीएमएसआईसीएल) के जरिए मास्क और ग्लब्स की आपूर्ति की जाएगी. ईटीवी भारत से बातचीत में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने इसकी जानकारी दी.

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पीपीई किट में स्वास्थ्य कर्मी

कोरोना संक्रमण के बीच निभाई जिम्मेदारी
प्रधान सचिव ने कहा कि आशा वर्कर ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं मुहैया कराती हैं, साथ ही इनकी निगरानी भी करती है. कोरोना संक्रमण के बीच अपने घर लौटे मजदूर और कामगारों की पहचान के लिए आशा वर्कर को ही जिम्मेदारी दी गई थी.

संक्रमित व्यक्तियों के सर्वे में भी सहयोग
प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत कहा कि आशा वर्कर ने घर-घर जाकर संक्रमित व्यक्तियों के सर्वे में भी सहयोग किया. बाद में क्वॉरंटीन सेंटर से घर लौटे लक्षणों वाले मरीजों की पहचान में भी जिम्मेदारी निभाई. इसके अलावा आशा कार्यकर्ताओं की मदद से ही ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं की जांच कराने और बच्चों के टीकाकरण का भी काम कराया जाता है.

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