पटना: बिहार के मगध विश्वविद्यालय के कुलपति राजेंद्र प्रसाद (Magadh University Vice Chancellor Rajendra Prasad) के ठिकानों पर विशेष निगरानी इकाई की छापेमारी (Raids on the premises of Vice Chancellor) के बाद मामला काफी तुल पकड़ता जा रहा है. बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी (Vijay Choudhary) राजभवन में आयोजित सम्मान समारोह में शामिल नहीं हुए. इधर, बिहार में एनडीए के घटक हम (HAM) ने सीधे राजभवन पर ही सवाल उठा दिया है. हम ने राजभवन को ही भ्रष्टाचार का अड्डा बताया है.
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हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान (HAM spokesperson Danish Rizwan) ने कहा कि बिहार के विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार की जड़ गवर्नर हाउस है. राजभवन में जिस तरीके से कॉपी खरीद का आदेश वहां एक आदमी द्वारा दिया जा रहा है और कुलपति, प्रति कुलपति और रजिस्ट्रार की नियुक्ति में जिस तरीके से ये कहा जा रहा है कि महामहिम राज्यपाल के बेटे का डायरेक्ट हस्तक्षेप है. वह कहीं न कहीं से बिहार में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहा है.
रिजावन ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) से अनुरोध करता हूं कि उक्त मामले पर संज्ञान लेते हुए उच्चस्तरीय जांच करायें कि क्यों बिहार के राज्यपाल का बेटा सूबे में आता है और शिक्षा के मामले में हस्तक्षेप करता है. क्या करण है? उसकी जांच होनी चाहिए. वे कौन लोग हैं जो बिहार के विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार को पनाह दिलवा रहे हैं. भ्रष्टाचारियों को मदद पहुंचा रहे हैं.
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