पटना: बिहार की नीतीश कैबिनेट में कई मंत्रियों को मलाईदार विभाग मिले हैं तो कई मंत्रियों के हाथ कुछ नहीं लगा है. यही वजह है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए में अब नाराजगी भी उभर कर सामने आने लगी है. ज्यादातर मलाईदार विभाग जेडीयू के पास हैं. लगभग 60 फीसदी से ज्यादा बजट का हिस्सा जेडीयू कोटे में है. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के एक मात्र मंत्री संतोष सुमन की उपेक्षा (Minister Santosh Suman Neglected) के कारण जीतनराम मांझी सरकार से नाराज (Jitan Ram Manjhi Angry with Nitish Government) हैं.
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दरअसल, जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन के पास लघु जल संसाधन विभाग है, लेकिन लघु जल संसाधन विभाग के पास बजट नहीं है. मांझी ने एक हजार करोड़ अतिरिक्त लघु जल संसाधन के लिए आवंटित करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि वे अपनी मांग पर अडिग हैं.
जल संसाधन विभाग के मंत्री जेडीयू नेता संजय झा हैं. विभाग का बजट 4000 करोड़ से ज्यादा का है, लेकिन संतोष सुमन के विभाग का बजट लगभग 600 करोड़ का है. जिसमें 500 करोड़ बैकलॉग के लिए आवंटित हैं. लघु जल संसाधन विभाग में 50 करोड़ की राशि ही बची रह जाती है और इतने में बिहार का विकास संभव नहीं है.
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ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कहा कि लघु जल संसाधन विभाग के पास 50 करोड़ की राशि ही विकास के लिए बची हुई है. ऐसे में इस राशि से पूरे बिहार का विकास संभव नहीं है. इसलिए मैंने मुख्यमंत्री से 1000 करोड़ की राशि की मांग की है. अगर मुख्यमंत्री मेरी मांगों पर ध्यान नहीं देते हैं तो हम चरणबद्ध तरीके से अपनी नाराजगी जाहिर करते रहेंगे और लड़ाई जारी रखेंगे.
"मनभेद नहीं है, लेकिन विकास के मुद्दों को लेकर मतभेद जरूर है. इसीलिए मैंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा कि हमें एक हजार करोड़ दें. अगर मुख्यमंत्री बात नहीं करेंगे तो हम निश्चित चमकेंगे"- जीतनराम मांझी, पूर्व सीएम, बिहार
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