पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2005 में सरकार गठित करने के दौरान 3 सी से समझौता नहीं करने का नारा दिया. ये तीन सी थे क्राइम, करप्शन और कम्युनलिस्म. सीएम ने जीरो टॉलरेंस की भी बात कही थी. सीएम नीतीश ने बढ़ रही अपराध की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए राजधानी में हजारों करोड़ रुपए की लागत से सरदार पटेल भवन का निर्माण करवाया.
अपराध की घटनाओं में बढ़ोतरी
इस भवन में पुलिस मुख्यालय सहित सभी पुलिस कार्यालयों की एक छत के नीचे व्यवस्था की गई थी. साथ ही राजधानी पटना सहित बिहार के कई जिलों में स्थित थानों को भी नए भवन में शिफ्ट किया गया. पिछले 15 सालों में सीएम नीतीश जीरो टॉलरेंस की बात करते आए हैं. लेकिन 2005 की तुलना में 2019 तक अपराध की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है.
'जनसंख्या वृद्धि जिम्मेदार'
हालांकि पुलिस मुख्यालय के मुताबिक आपराधिक घटनाओं में वृद्धि का कारण जनसंख्या वृद्धि है. आने वाले दिनों में बिहार विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. चुनाव के मद्देनजर जेडीयू और उनकी सहयोगी पार्टी 15 साल बनाम 15 साल के मुद्दे को लेकर बिहार की जनता के बीच जाने की तैयारी में हैं. वहीं विपक्ष के साथ ही सरकार की सहयोगी लोजपा का भी मानना है कि बिहार में इन दिनों क्राइम के ग्राफ में बढ़ोतरी हुई है.
एनसीआरबी के आंकड़े :-
साल | 2005 | 2019 |
हत्या | 3423 | 3138 |
डकैती | 1191 | 391 |
रॉबरी | 2379 | 2399 |
चोरी | 11809 | 4599 |
किडनैपिंग | 2226 | 10925 |
बैंक डकैती | 26 | 12 |
रेप | 973 | 1450 |
बिहार का स्थान 23वां-एडीजी सीआईडी
एडीजी सीआईडी विनय कुमार कहते हैं कि एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार दूसरे राज्यों की तुलना में 2017 और 2018 में बिहार का स्थान 23वां था. 2019-20 की रिपोर्ट प्रकाशित नहीं हुई. उमीद है कि इस बार की रिपोर्ट में भी हम उसी के आस-पास होंगे. विनय कुमार के अनुसार 2005 की तुलना में 2019 में हत्या, लूट, किडनैपिंग, डकैती के कुछ मामलों में कमी आई है.
'2019 में एब्सलूट फिगर में वृद्धि'
विनय कुमार ने कहा कि 2005 की तुलना में 2019 में जनसंख्या और आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है. इस वजह से कुछ आपराधिक घटनाओं में भी वृद्धि हुई है. उन्होंने बताया कि अपराध अभिलेख ब्यूरो के आंकड़े के अनुसार चोरी के मामले में बिहार 16वें स्थान पर है. उनका मानना है कि 2005 की तुलना में 2019 में एब्सलूट फिगर में वृद्धि हुई है.
फिरौती के लिए अपहरण में कमी
बिहार में 2005 के पहले सबसे बड़ी समस्या फिरौती के लिए अपहरण हुआ करती थी, उसमें भारी कमी आई है. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार की माने तो 2005 की तुलना में 2019 में कुल अपराध के एब्सलूट फिगर की कर बात करें तो जनसंख्या और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होने की वजह से उस समय की तुलना में आपराधिक घटनाओं में वृद्धि हुई है.
आरजेडी का सरकार पर निशाना
आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता और विधायक भाई वीरेंद्र ने बिहार सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 2005 की तुलना में 2020 में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है. भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है. बिहारवासी लगातार बेरोजगार हो रहे हैं. नीतीश सरकार में 57 से ज्यादा घोटाले हुए हैं. सृजन घोटाली समेत बालिका गृह जैसे कांडों से बिहार शर्मसार हुआ है.वहीं सरकार की सहयोगी लोजपा का भी मानना है कि बिहार में इन दिनों क्राइम का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. इस पर रोक लगाने के लिए विचार करने की जरुरत है.
विपक्ष के आरोप बेबुनियाद-बीजेपी
हालांकि बीजेपी प्रवक्ता संजय टाइगर ने कहा कि विपक्ष के आरोप बेबुनियाद हैं. आरजेडी के कार्यकाल में लोग दिन में भी घरों से निकलने में परहेज करते थे. उन दिनोंं अपहरण, हत्या, सामूहिक नरसंहार जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जाता था. वैसे लोग सरकार पर उंगली उठा रहे हैं. बीजेपी नेता ने माना कि बिहार सरकार लॉ एंड ऑर्डर के मामले में अपने जीरो टॉलरेंस की नीति पर आज भी कायम है.
मिला-जुला असर
कुल मिलाकर देखा जाए तो 2005 की तुलना में 2020 में कुछ मामलों में अपराध का ग्राफ जरूर बढ़ा है. लेकिन 2005 की तरह फिरौती के लिए अपहरण, दिनदहाड़े हत्या जैसे मामलों में कमी आई है.