पटना: राज्य सरकार बिहार पुलिस को समृद्ध बनाने में लगी (Government is Making Bihar Police Prosperous) है. सरकार ने वर्ष 2022-23 के बजट में पुलिस भवन निर्माण के कार्यों में तेजी लाने के लिए साढ़े चार सौ (459.06) करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया है. इन पैसों से बिहार के 300 थानों को नए भवन में शिफ्ट किया जाएगा. इन राशि को थाना और ओपी भवन के साथ पुलिस के लिए जरूरी अन्य आधारभूत संरचनाओं के निर्माण पर खर्च किया जाना है.
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500 थाने नए भवन में शिफ्ट: बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार, बिहार में अब तक लगभग 500 थानों को नए भवन में शिफ्ट किया जा चुका है. 300 भवनों को इस वित्तीय वर्ष में बनाने का निर्णय लिया गया है. इसके अलावा 200 भवनों के लिए जमीन भी चिन्हित कर ली गई है. करीब 57 थाने ऐसे हैं जो कि दूसरे विभाग की जमीन या किराए के मकान में चल रहे हैं. उनके लिए अब तक जमीन चिन्हित नहीं हो पाया है.
57 थानों के लिए भूमि चिन्हित की जाएगी: उम्मीद है कि जल्द ही इन 57 थानों के लिए भी भूमि चिन्हित की जाएगी और नया भवन बनाया जाएगा. बता दें कि जो नए भवन थानों के लिए बनाए जा रहे हैं. वह जी प्लस 3 रहेगा इसमें थानों के अलावा बिहार पुलिस में भर्ती महिलाओं की आबादी को देखते हुए महिलाओं के लिए बैरेट शौचालय और उनके बच्चों के लिए क्रेच होम होगा. राज्य सरकार पिछले 15 सालों से बिहार पुलिस पर विशेष ध्यान दे रही है. इसी के तहत जर्जर स्थिति में चल रहे पुलिस थानों या उनके वाहनों को सुधारने की दिशा में लगातार राज्य सरकार प्रयासरत है.
पटना के आधे थाने दूसरे भवन में चल रहे हैं: राजधानी पटना के आधे थानों को अपना भवन प्राप्त हो चुका है. आधे थाने ऐसे भी हैं जो दूसरे विभाग के किराए के मकान में अभी भी चल रहे हैं और अभी भी जर्जर स्थिति में है. राजधानी पटना का राजीव नगर थाना कोतवाली, थाना बुद्धा कॉलोनी, थाना एसके पुरी, थाना शास्त्री नगर थाना दूसरे विभाग की जमीन पर अभी भी कार्यरत है.
थानों को सीसीटीएनएस योजना से जोड़ा गया: थानों को भूमि दिलवाने हेतु जिला दंडाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को आपस में समन्वय स्थापित कर जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश राज्य सरकार ने दिया है. इनमें से सबसे ज्यादा राजधानी पटना के थाने हैं जो कि दूसरे के मकान या स्टेडियम या सरकारी भवन में चल रहे हैं. राज्य सरकार का मकसद है कि सभी थानों का नया भवन और उन में सीसीटीवी कैमरे लगया जाए. इसके साथ-साथ उन्हें सीसीटीएनएस योजना से भी जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. हालांकि प्रथम फेज में 800 से ज्यादा थानों को सीसीटीएनएस योजना से जोड़ दिया गया है.
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