पटना: राजधानी में गाय घाट के पास स्थित गौरी शंकर मंदिर सावन में श्रद्धालुओं के लिए एक खास आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. यहां रोजाना सुबह से शाम तक हजारों की संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने में जुटे रहते हैं.
शिवलिंग है आकर्षण का केंद्र
मंदिर परिसर में बना शिवलिंग श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र है. जिसमें मां गौरी और महादेव की प्रतिमा एक साथ बनी हुई है. कहा जाता है कि यह शिवलिंग अपने आप प्रकट हुआ था. लोग दूर-दूर से इस विशेष शिवलिंग के दर्शन करने आते हैं.
हर मुराद पूरी करते हैं नंदी भगवान
मंदिर के बीचों-बीच भगवान भोलेनाथ की सवारी यानी नंदी भगवान की प्रतिमा है. ऐसी मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से नंदी के कान में कह कर अपनी मुराद मांगता है, वह जरूर पूरी होती है. सावन के महीने में खासकर कुवांरी कन्याएं योग्य वर पाने के लिए नंदी से मनोकामना मांगने जरूर आती हैं.
मंदिर हटाने का किया था प्रयास
श्रद्धालु बताते हैं कि यह मंदिर अपने दामन में कई सौ साल पुराने इतिहास संजोए है. इसे पटना का बैद्यनाथ धाम भी कहा जाता है. बताया जाता है कि अंग्रेजों और मुगलों ने मंदिर को हटाने का काफी प्रयास किया, लेकिन नाकाम रहे.
क्या कहते हैं पुजारी
मंदिर के वरिष्ठ पुजारी आचार्य जितेंद्र मिश्रा का कहना है कि यह मंदिर लगभग 400 साल पुराना है. हमारे पूर्वज इसी मंदिर में पूजा अर्चना कर जीवन व्यतीत करते थे. अंग्रेजों ने इस मंदिर को हटाने का काफी प्रयास किए लेकिन नाकाम रहे.