पटना : बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय झा (Minister Sanjay Jha) ने अर्थ डे पर कहा कि जल जीवन हरियाली योजना के तहत गंगाजल को राजगीर, नवादा और गया ले जाने का ट्रायल जून में शुरू होगा. जुलाई से 4 महीने इस साल गंगाजल को इन इलाकों में ले जाया (ganga uddhav yojana) जाएगा. 90 प्रतिशत से अधिक है काम हो चुका है. जदयू के जनसुनवाई कार्यक्रम में पहुंचे संजय झा ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि इसका लाभ आने वाले दिनों में दिखाई पड़ेगा.
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''जल जीवन हरियाली योजना में एक योजना 'गंगा जल आपूर्ति योजना' जल संसाधन विभाग से जुड़ा हुआ था. अब यह योजना फाइनल स्टेज में है. 90 प्रतिशत से ज्यादा काम हो गया है और इस जून में ट्रायल रन हो जाएगा. चर महीना पानी स्टोर करना है, जुलाई से लेकर अक्टूबर तक. यह बिहार के लिए बहुत बड़ा काम होने वाला है. क्योंकि जो पानी समुद्र में चला जाता था. साउथ बिहार में टैंकर से पानी देते थे. शुरुआत में राजगीर, गया, बोधगया और नवादा शहर में हर घर तक पीने का पानी पहुंच जाएगा. गंगा का पानी पहले हमलोग स्टोर करेंगे. फिर इसे पीने योग्य पानी बनाकर नल से सप्लाई करेंगे.''- संजय झा, जल संसाधन मंत्री, बिहार सरकार
पटना में भी किया जाएगा लागू : संजय झा ने फिर दोहराया कि बिहार में अपने तरह का गंगाजल ले जाने की यह पहली योजना है. जैसा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दरबार में कहा है कि अगर यह कार्य सफल रहा तो इसे पटना में भी लागू किया जाएगा. हमारे विभाग की कोशिश रहेगी कि इसे सफल बनाया जाए. इसी महीने 16 अप्रैल को बोधगया पहुंचे नीतीश कुमार ने कहा था कि गया-बोधगया में पेयजल संकट को दूर करने के लिए गंगाजल पहुंचाया जा रहा है. इसी साल काम को पूरा कराना है. ज्ञान भूमि में सबको गंगाजल उपलब्ध कराया जाएगा. दो स्थानों पर उसे शुद्ध कर पूरे साल सप्लाई की जाएगी. एक-एक घर को हमलोग गंगाजल पहुंचा देंगे कि किसी और पानी की जरुरत नहीं पड़ेगी.
85 लाख से अधिक लोगों के घरों में पहुंचेगा गंगाजल : बता दें कि बिहार सरकार की ओर से 85 लाख से अधिक लोगों के घरों में गंगाजल पहुंचाने की योजना है. इस पर 500 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होनी है. 190 किलोमीटर पाइप लाइन के जरिए गंगा नदी का पानी मोकामा के मराची से राजगीर होते हुए गया तक ले जाया जाएगा. गंगाजल को ट्रीटमेंट कर पेयजल के लिए लोगों को पानी मुहैया कराया जाएगा. इससे गया शहर को 186 मिलियन लीटर पानी उपलब्ध कराया जा सकेगा. वहीं नालंदा के गिरियक के लिए 24 मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति संभव हो सकेगी. राजगीर के घोड़ा कटोरा में 354 एकड़ में पानी स्टोर किया जाएगा. 90 मिलियन क्यूसेक पानी पेयजल के लिए स्टोर किया जाएगा.
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