पटना: राजधानी पटना (Patna) में गंगा नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी (Rise in Water Level of River Ganga) हो रही है. अब हालात ऐसे हो गए हैं कि शवदाह गृह में अंतिम संस्कार (Funeral) भी मुश्किल हो गया है. पटना के बांसघाट में जहां दाह संस्कार होता है, वह स्थान जलमग्न है. किसी तरह से लोग अपने परिजन का अंतिम संस्कार कर रहे हैं. बांस घाट में जो हालात हैं, यहां पर एक बार मे सिर्फ एक ही शव को लकड़ी से जलाया जा रहा है. दाह संस्कार के लिए लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है.
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बांस घाट पर लकड़ी का कारोबार करने वाले मदन कुमार कहते हैं कि पानी इतना बढ़ गया है कि अब लकड़ी से शवदाह के लिए जगह नहीं बची है. किसी तरह से शवों को जलाया जा रहा है. प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए. इसके लिए कोई बैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए. जिस तरह से जलस्तर बढ़ रहा है, अब दाह-संस्कार करना बहुत मुश्किल हो जाएगा.
अपने परिजन के दाह संस्कार के लिए पटना के बेउर कॉलोनी से आये अमरजीत ठाकुर बताते हैं कि इस बार पानी काफी बढ़ा है. बहुत दिनों बाद ऐसे हालात हुए हैं. हम 2 घंटे से शव जलाने का इंतजार कर रहे हैं. सरकार को कोई व्यवस्था करनी चाहिए जिससे अंतिम संस्कार में परेशानी नहीं हो.
कुल मिलाकर देखें तो जिस तरह से गंगा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है, बांस घाट में अब ऐसी भी जगह नहीं बची है जहां लकड़ी से शवों का दाह संस्कार किया जाए. आपको बता दें कि पटना के बांस घाट में पटना सहित मनेर, बिहटा, मसौढ़ी, बख्तियारपुर से भी लोग शव का दाह-संस्कार करने आते हैं. जलस्तर बढ़ने से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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