पटना: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav), उनकी बहन व राज्यसभा सांसद मीसा भारती (Misa Bharti) सहित छह लोगों के खिलाफ दायर मामले में पटना सिविल कोर्ट के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने प्राथमिकी दर्ज करने के लिए परिवाद पत्र कोतवाली थाने को भेजा था. उसके आधार पर कोतवाली थानाध्यक्ष ने मामले को दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है.
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यह मामला लोकसभा चुनाव में टिकट देने के नाम पर पांच करोड़ रुपये ठगने संबंधित है. पटना के एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा (SSP Upendra Kumar Sharma) के माध्यम से भेजे गए परिवाद पत्र को ही प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश अदालत ने कोतवाली थानाध्यक्ष को दिया था. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव के साथ ही राज्यसभा सदस्य बेटी मीसा भारती को भी आरोपित बनाया गया है. तेजस्वी पर जान से मारने की धमकी देने का भी आरोप है.
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता व अधिवक्ता संजीव कुमार सिंह ने पटना के सीजेएम की अदालत में पिछले महीने 18 अगस्त को एक परिवाद पत्र दायर किया था. उसमें बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, राज्यसभा, सांसद मीसा भारती के अलावा बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा (Madan Mohan Jha), राजेश राठौर को भी आरोपित बनाया गया था.
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संजीव कुमार सिंह का आरोप था कि भागलपुर से लोकसभा का टिकट देने के लिए 15 जनवरी 2019 को उससे 5 करोड़ रुपए लिए गये थे. इसके बाद दूसरे को टिकट दे दिया. संजीव कुमार सिंह को विधानसभा के चुनाव में आरोप है कि लोकसभा चुनाव में राजद का टिकट देने के नाम पर पांच करोड़ रुपये लिये गये. इस चुनाव में टिकट नहीं देने पर विधानसभा चुनाव में उन्हें गोपालपुर और उनके भाई को रुपौली सीट से टिकट देने का आश्वासन दिया गया लेकिन नहीं दिया गया.
उसने दावा किया है कि राजद कार्यालय में तेजस्वी यादव और मदन मोहन झा के हाथों में पांच करोड़ रुपये दिए थे. टिकट नहीं मिलने पर जब उसने तेजस्वी यादव से संपर्क किया तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई.
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