मसौड़ीः बिजली बिल संशोधन के खिलाफ अखिल भारतीय किसान सभा समेत विभिन्न किसान संगठन सड़क पर उतर कर केंद्र सरकार के खिलाफ (Protest Against Central Government) महा आंदोलन करेंगे, क्योंकि यह बिजली बिल विधेयक 2022 किसानों को लघु उद्योग और मध्यम वर्ग को तबाह कर देगा. अखिल भारतीय किसान सभा के सचिव विनोद कुमार ने बताया कि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएससी पर एक समिति के गठन की मांग की थी. किसानों के खिलाफ मुकदमे वापस लेने के लिए लगातार सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
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बिल किसानों के लिए आफतः अगर यह बिजली संशोधन बिल आ गई तो किसानों के लिए आफत आ जाएगी. कृषि सुधार के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन लगातार चल रहा है. निजी क्षेत्र की बिजली कंपनियां केवल लाभ के लिए औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को बिजली देने के लिए सरकारी नेटवर्क का इस्तेमाल करेंगे.
देशभर के किसान नाराज हैंः केंद्र सरकार के बिजली संशोधन बिल पर देशभर के सभी किसान नाराज हैं. जगह-जगह पर महा आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं, ऐसे में मसौढ़ी में आयोजित 36वां जिला किसान महासम्मेलन में इस बिल संशोधन के खिलाफ वह आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं।
केंद्र किसानों पर जबरन लाद रही बिलः केंद्र सरकार देशभर के किसानों को बिजली बिल जबरन उस पर लाद रही है जो किसानों को खेतीबाड़ी में कृषि संकट का सामना करना पड़ सकता है. किसानों को उनकी भूमि की सिंचाई के लिए उपयोग किए जाने वालो को मुफ्त बिजली आपूर्ति से वंचित करने की एक चाल है.
किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलनः केंद्र की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन की तैयारी की जा रही है. कृषि उपज के लिए मूल्य 750 किसानों को परिवार को मुआवजा देने के अलावा उन्होंने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के दौरान अपनी जान गवा दी थी जिन्हें बाद में वापस ले लिया गया था.
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" केंद्र सरकार बिजली बिल संसोधन बिल ला रही है जिसका किसान संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. देश और राज्य को बचाने के लिए आंदोलन जारी रहेगा. " - विनोद सिंह, सचिव, बिहार राज्य किसान सभा