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फूलों की बिक्री नहीं होने पर तोड़कर फेंक रहे हैं मसौढ़ी के किसान, सरकार से लगाई मदद की गुहार

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Published : Mar 27, 2022, 5:35 PM IST

मसौढ़ी में फूलों की खेती (Floriculture in Masaurhi of Patna) करने वाले किसान, फूलों की बिक्री नहीं होने से परेशान हैं. सैकड़ों एकड़ में लगे फूल को तोड़कर सभी किसान फेंक रहे हैं. आर्थिक तंगी से परेशान किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है. पढ़ें पूरी खबर..

फूलों की बिक्री नहीं होने से किसान परेशान
फूलों की बिक्री नहीं होने से किसान परेशान

पटना: राजधानी पटना में फूल की खेती करने वाले किसान परेशान (Farmer Cultivating Flowers Upset in Patna) हैं. मसौढ़ी मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर भगवानगंज का चैनपुर गांव जिसे माओवादियों का मांद भी कहा जाता है. यहां पर सैकड़ों एकड़ में फूलों की खेती होती है. लेकिन इन दिनों फूलों की खेती करने वाले किसान परेशान हैं. दरअसल, फूलों की बिक्री नहीं होने के कारण सभी किसान खेतों से फूलों को तोड़कर फेंक रहे हैं. आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसान सरकार से मुआवजे की गुहार लगा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- मसौढ़ी में किसानों ने बीज ग्राम योजना के प्रशिक्षण कार्यशाला में लिया हिस्सा

फूलों की खेती करने वाले किसान हैं परेशान: कभी बारूदी गंध और गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्राता था भगवानगंज का पूरा इलाका, लेकिन बदलते समय में रंग-बिरंगे फूलों की खेती से यहां की फिजा महक उठी थी. इन दिनों यहां वही फिजा फिकी पड़ गई है. दरअसल पिछले कुछ महीनों से फूलों की बिक्री बंद हो जाने से और महंगाई के कारण फूल की खेती करने वाले सभी किसान परेशान और हताश हो चुके हैं. किसान बताते हैं कि यहां से जहानाबाद, गया, अरवल, पटना, मोतिहारी, पश्चिमी चंपारण, सहरसा, सुपौल और यूपी में फूल जाते हैं. लेकिन अब फूलों की बिक्री नहीं हो रही है.

सैकड़ों एकड़ में लगी फूल की खेती हो रही बर्बाद: आमदनी नहीं होने से सैकड़ों एकड़ में लगे हुए फूलों को तोड़कर किसान फेंक रहे हैं. उसे बर्बाद कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि फूलों की डिमांड कम हो गई है. इन दिनों बिक्री नहीं हो रही है. जिसके कारण खेत में लगे हुए फूल ऐसे भी बर्बाद हो रहे थे, तो उन्हें तोड़कर हम फेंक रहे हैं. सरकार से मुआवजे की गुहार लगा रहे हैं. फसल क्षति के रूप में हमें अनुदान दिया जाए. चैनपुर गांव में तकरीबन 50 फूल किसान हैं, जो गेंदा की कई प्रजातियां, गुलाब, चमेली आदि फूलों की खेती करते हैं.

ये भी पढ़ें- मसौढ़ी में महिलाओं ने गैस सिलेंडर के दामों में बढ़ोतरी के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन

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फूलों की खेती करने वाले किसान हैं परेशान: कभी बारूदी गंध और गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्राता था भगवानगंज का पूरा इलाका, लेकिन बदलते समय में रंग-बिरंगे फूलों की खेती से यहां की फिजा महक उठी थी. इन दिनों यहां वही फिजा फिकी पड़ गई है. दरअसल पिछले कुछ महीनों से फूलों की बिक्री बंद हो जाने से और महंगाई के कारण फूल की खेती करने वाले सभी किसान परेशान और हताश हो चुके हैं. किसान बताते हैं कि यहां से जहानाबाद, गया, अरवल, पटना, मोतिहारी, पश्चिमी चंपारण, सहरसा, सुपौल और यूपी में फूल जाते हैं. लेकिन अब फूलों की बिक्री नहीं हो रही है.

सैकड़ों एकड़ में लगी फूल की खेती हो रही बर्बाद: आमदनी नहीं होने से सैकड़ों एकड़ में लगे हुए फूलों को तोड़कर किसान फेंक रहे हैं. उसे बर्बाद कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि फूलों की डिमांड कम हो गई है. इन दिनों बिक्री नहीं हो रही है. जिसके कारण खेत में लगे हुए फूल ऐसे भी बर्बाद हो रहे थे, तो उन्हें तोड़कर हम फेंक रहे हैं. सरकार से मुआवजे की गुहार लगा रहे हैं. फसल क्षति के रूप में हमें अनुदान दिया जाए. चैनपुर गांव में तकरीबन 50 फूल किसान हैं, जो गेंदा की कई प्रजातियां, गुलाब, चमेली आदि फूलों की खेती करते हैं.

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