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'...तो क्या बिहार पहुंचा कोरोना है काफी कमजोर, इसलिए मृत्यु दर कम'

बिहार में कोरोना से अबतक दो मरीजों की जान गई है, जबकि 400 से अधिक लौट संक्रमित हैं. पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सीपी ठाकुर की मानें तो मुमकिन है कि यहां कोरोना वायरस के कमजोर स्ट्रेन के कारण मृत्यु दर कम है. वे कहते हैं कि आने वाले दिनों में इसका टीका जरूर तैयार हो जाएगा.

CP Thakur
CP Thakur
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Published : May 1, 2020, 8:43 AM IST

Updated : May 1, 2020, 12:52 PM IST

पटना: पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सीपी ठाकुर के मुताबिक देश के अन्य राज्यों की तुलना में बिहार में कोरोना काफी हदतक नियंत्रण में है. मृत्यु दर भी यहां बेहद कम है. जबकि महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात और राजस्थान में काफी संख्या में लोगों की मौत हुई है.

बिहार में मृत्यु दर कम

सीपी ठाकुर ने कहा कि इसकी वजह ये भी हो सकती है कि जो बीमारी पहले जहां फैलती है, वहां असर वहां ज्यादा होता है और धीरे-धीरे ये कमजोर पड़ने लगती है. ऐसे में मुमकिन है कि बिहार में असर दिखाते-दिखाते इसका असर थोड़ा कम होने लगा है.

कोरोना का इलाज संभव!

डॉ. सीपी ठाकुर ने कहा कि भले ही फिलहाल इसका सही इलाज मुमकिन नहीं हो पाया है और टीका भी नहीं आया है, लेकिन कोरोना लाइलाज नहीं रहेगा. उन्होंने कहा कि काफी संख्या में मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं, कुछ केस में इलाज नहीं हो पाने से लोगों की जानें गईं हैं. डॉ. ठाकुर ने लोगों से अपील की है कि जरूरी एहतियात बरतें ताकि संक्रमण से खुद को बचा सकें.

CP Thakur
सीपी ठाकुर से बातचीत करते प्रवीण बागी

लॉकडाउन से काफी फायदा

बीजेपी नेता सीपी ठाकुर ने कहा कि लॉकडाउन के कारण ही देश में कोरोना के मामले बेकाबू नहीं हो पाए हैं. लॉकडाउन से बिहार को भी बहुत लाभ हुआ है, मरीजों की संख्या अन्य बड़े राज्यों की तुलना में कम है.

कोरोना को लेकर शोध कार्य तेज

कालाजार बीमारी से लड़ने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य करने वाले डॉ. सीपी ठाकुर ने कहा कि वैक्सीन बनाने पर दुनियाभर में तेजी से शोध हो रहा है. उम्मीद है कि जल्द ही टीका तैयार कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जब विभिन्न तरह की बीमारियों को रोका जा सका है तो भला कोरोना क्यों नहीं खत्म हो सकता है.

कोरोना में हाइड्रोक्लोरोक्वीन कितना असरदार?

कोरोना से लड़ने के लिए हाल के दिनों में अमेरिका समेत कई देशों ने भारत से हाइड्रोक्लोरोक्वीन दवा की मांग थी, लेकिन डॉ. सीपी ठाकुर कहते हैं कि यह बहुत कारगर साबित नहीं हो पा रही है. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों और चिकित्सकों की प्रतिक्रिया इसको लेकर बहुत उत्साहजनक नहीं रही.

ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत करते सीपी ठाकुर

सीपी ठाकुर का पूरा इंटरव्यूह देखें- कोरोना पर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सीपी ठाकुर से खास बातचीत


बिहार में कोरोना वायरस का कमजोर स्ट्रेन!

प्रख्यात चिकित्सक सीपी ठाकुर कहते हैं कि अन्य वायरस की तरह कोरोना वायरस के भी कई स्ट्रेन हैं. ऐसे में मुमकिन है कि बिहार में जो लोग इसके शिकार हो रहे हैं, वह कोरोना का कमजोर स्ट्रेन हो. जिस वजह से यहां मृत्यु दर कम है. हालांकि ये शोध का विषय है.

AES के वायरस के कारण मुजफ्फरपुर में कोरोना बेअसर?

बिहार के कई जिलों में कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन चमकी बुखार से प्रभावित रहने वाला मुजफ्फरपुर जिला फिलहाल इससे बचा हुआ है. सीपी ठाकुर इसके पीछे की एक वजह ये भी मानते हैं कि एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के वायरस के कारण इस क्षेत्र के लोगों की इम्यूनिटी सिस्टम कोरोना से लड़ने के लिए ज्यादा सक्षम हो गया है. लिहाजा सरकार को इस पर भी शोध करवाना चाहिए ताकि नई जानकारी सामने आ सके.

क्या अखबार से भी फैलता है कोरोना का संक्रमण?

पूर्व केंद्रीय मंत्री नहीं मानते हैं कि अखबार से भी कोरोना का संक्रमण हो सकता है. वे कहते हैं कि बहुत गुंजाइश नहीं है क्योंकि जहां प्रेस से अखबार छपता है, वहां मशीन का तापमान काफी अधिक रहता है और फिर बंडल बना दिया जाता है. हालांकि वे कहते हैं कि डिस्ट्रीब्यूशन यानी अखबार बांटने के दौरान सावधानी बरतने की जरूरत है.

मुजफ्फरपुर में फिर से चमकी बुखार का प्रकोप

कोरोना के कहर के बीच मुजफ्फरपुर में एक बार फिर चमकी बुखार का प्रकोप शुरू हो गया है. ऐसे में मशहूर डॉक्टर सीपी ठाकुर कहते हैं ये वाकई चिंताजनक है, क्योंकि कई साल से यहां इस मौसम में बच्चे मारे जाते हैं, लेकिन अबतक इसका टीका नहीं बन पाया है.

बिहार में शोध कार्यों पर काम करने की जरूरत

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सीपी ठाकुर मानते हैं कि बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था अभी भी बहुत अच्छी नहीं है. कई तरह की जांच के लिए हमें दूसरे राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता है. ऐसे में इस दिशा में काम करने की जरूरत है, खासकर शोध कार्यों पर ईमानदारी से कार्य करने की आवश्यकता है.

कमजोर राजनीतिक इच्छा शक्ति के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल!

बीजेपी नेता और पूर्व सांसद सीपी ठाकुर मानते हैं इनफॉर्मेशन और डिमांड जब होते हैं तो सरकार को काम करना होता है. स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सरकार के पास इनफॉर्मेशन तो है लेकिन जनता डिमांड नहीं करती है. मगर अब कोरोना और लॉकडाउन के कारण लोग सरकार से स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सवाल पूछ रहे हैं. ऐसे में यकीन मानिए आने वाले दिनों में सरकार इस ओर पूरा ध्यान देगी.

क्या कोरोना खत्म होने के बाद जनजीवन सामान्य हो पाएगा?

कोरोना के कहर का आलम ये है कि लोग ये सोच कर भी डर जाते हैं कि भविष्य में सबकुछ पहले जैसा सामान्य हो पाएगा या नहीं. ऐसे में वरिष्ठ चिकित्सक सीपी ठाकुर कहते हैं कि बिल्कुल सब ठीक हो जाएगा. चीन में भी काफी संख्या में लोग मारे गए, लेकिन वहां अब धीरे-धीरे जनजीवन सामान्य होने लगा है.

पटना: पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सीपी ठाकुर के मुताबिक देश के अन्य राज्यों की तुलना में बिहार में कोरोना काफी हदतक नियंत्रण में है. मृत्यु दर भी यहां बेहद कम है. जबकि महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात और राजस्थान में काफी संख्या में लोगों की मौत हुई है.

बिहार में मृत्यु दर कम

सीपी ठाकुर ने कहा कि इसकी वजह ये भी हो सकती है कि जो बीमारी पहले जहां फैलती है, वहां असर वहां ज्यादा होता है और धीरे-धीरे ये कमजोर पड़ने लगती है. ऐसे में मुमकिन है कि बिहार में असर दिखाते-दिखाते इसका असर थोड़ा कम होने लगा है.

कोरोना का इलाज संभव!

डॉ. सीपी ठाकुर ने कहा कि भले ही फिलहाल इसका सही इलाज मुमकिन नहीं हो पाया है और टीका भी नहीं आया है, लेकिन कोरोना लाइलाज नहीं रहेगा. उन्होंने कहा कि काफी संख्या में मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं, कुछ केस में इलाज नहीं हो पाने से लोगों की जानें गईं हैं. डॉ. ठाकुर ने लोगों से अपील की है कि जरूरी एहतियात बरतें ताकि संक्रमण से खुद को बचा सकें.

CP Thakur
सीपी ठाकुर से बातचीत करते प्रवीण बागी

लॉकडाउन से काफी फायदा

बीजेपी नेता सीपी ठाकुर ने कहा कि लॉकडाउन के कारण ही देश में कोरोना के मामले बेकाबू नहीं हो पाए हैं. लॉकडाउन से बिहार को भी बहुत लाभ हुआ है, मरीजों की संख्या अन्य बड़े राज्यों की तुलना में कम है.

कोरोना को लेकर शोध कार्य तेज

कालाजार बीमारी से लड़ने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य करने वाले डॉ. सीपी ठाकुर ने कहा कि वैक्सीन बनाने पर दुनियाभर में तेजी से शोध हो रहा है. उम्मीद है कि जल्द ही टीका तैयार कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जब विभिन्न तरह की बीमारियों को रोका जा सका है तो भला कोरोना क्यों नहीं खत्म हो सकता है.

कोरोना में हाइड्रोक्लोरोक्वीन कितना असरदार?

कोरोना से लड़ने के लिए हाल के दिनों में अमेरिका समेत कई देशों ने भारत से हाइड्रोक्लोरोक्वीन दवा की मांग थी, लेकिन डॉ. सीपी ठाकुर कहते हैं कि यह बहुत कारगर साबित नहीं हो पा रही है. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों और चिकित्सकों की प्रतिक्रिया इसको लेकर बहुत उत्साहजनक नहीं रही.

ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत करते सीपी ठाकुर

सीपी ठाकुर का पूरा इंटरव्यूह देखें- कोरोना पर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सीपी ठाकुर से खास बातचीत


बिहार में कोरोना वायरस का कमजोर स्ट्रेन!

प्रख्यात चिकित्सक सीपी ठाकुर कहते हैं कि अन्य वायरस की तरह कोरोना वायरस के भी कई स्ट्रेन हैं. ऐसे में मुमकिन है कि बिहार में जो लोग इसके शिकार हो रहे हैं, वह कोरोना का कमजोर स्ट्रेन हो. जिस वजह से यहां मृत्यु दर कम है. हालांकि ये शोध का विषय है.

AES के वायरस के कारण मुजफ्फरपुर में कोरोना बेअसर?

बिहार के कई जिलों में कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन चमकी बुखार से प्रभावित रहने वाला मुजफ्फरपुर जिला फिलहाल इससे बचा हुआ है. सीपी ठाकुर इसके पीछे की एक वजह ये भी मानते हैं कि एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के वायरस के कारण इस क्षेत्र के लोगों की इम्यूनिटी सिस्टम कोरोना से लड़ने के लिए ज्यादा सक्षम हो गया है. लिहाजा सरकार को इस पर भी शोध करवाना चाहिए ताकि नई जानकारी सामने आ सके.

क्या अखबार से भी फैलता है कोरोना का संक्रमण?

पूर्व केंद्रीय मंत्री नहीं मानते हैं कि अखबार से भी कोरोना का संक्रमण हो सकता है. वे कहते हैं कि बहुत गुंजाइश नहीं है क्योंकि जहां प्रेस से अखबार छपता है, वहां मशीन का तापमान काफी अधिक रहता है और फिर बंडल बना दिया जाता है. हालांकि वे कहते हैं कि डिस्ट्रीब्यूशन यानी अखबार बांटने के दौरान सावधानी बरतने की जरूरत है.

मुजफ्फरपुर में फिर से चमकी बुखार का प्रकोप

कोरोना के कहर के बीच मुजफ्फरपुर में एक बार फिर चमकी बुखार का प्रकोप शुरू हो गया है. ऐसे में मशहूर डॉक्टर सीपी ठाकुर कहते हैं ये वाकई चिंताजनक है, क्योंकि कई साल से यहां इस मौसम में बच्चे मारे जाते हैं, लेकिन अबतक इसका टीका नहीं बन पाया है.

बिहार में शोध कार्यों पर काम करने की जरूरत

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सीपी ठाकुर मानते हैं कि बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था अभी भी बहुत अच्छी नहीं है. कई तरह की जांच के लिए हमें दूसरे राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता है. ऐसे में इस दिशा में काम करने की जरूरत है, खासकर शोध कार्यों पर ईमानदारी से कार्य करने की आवश्यकता है.

कमजोर राजनीतिक इच्छा शक्ति के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल!

बीजेपी नेता और पूर्व सांसद सीपी ठाकुर मानते हैं इनफॉर्मेशन और डिमांड जब होते हैं तो सरकार को काम करना होता है. स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सरकार के पास इनफॉर्मेशन तो है लेकिन जनता डिमांड नहीं करती है. मगर अब कोरोना और लॉकडाउन के कारण लोग सरकार से स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सवाल पूछ रहे हैं. ऐसे में यकीन मानिए आने वाले दिनों में सरकार इस ओर पूरा ध्यान देगी.

क्या कोरोना खत्म होने के बाद जनजीवन सामान्य हो पाएगा?

कोरोना के कहर का आलम ये है कि लोग ये सोच कर भी डर जाते हैं कि भविष्य में सबकुछ पहले जैसा सामान्य हो पाएगा या नहीं. ऐसे में वरिष्ठ चिकित्सक सीपी ठाकुर कहते हैं कि बिल्कुल सब ठीक हो जाएगा. चीन में भी काफी संख्या में लोग मारे गए, लेकिन वहां अब धीरे-धीरे जनजीवन सामान्य होने लगा है.

Last Updated : May 1, 2020, 12:52 PM IST
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