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BJP ने साफ की 2024-25 में गठबंधन की तस्वीर, JDU प्रेशर पॉलिटिक्स के लिए नहीं खोल रही पत्ते

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Published : Aug 6, 2022, 10:54 PM IST

भाजपा और जदयू के बीच 27 साल पुराना गठबंधन (Old Alliance Between BJP and JDU) है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के बाद भाजपा की ओर से 2024 और 2025 चुनाव को लेकर तस्वीर साफ कर दी गई थी. लेकिन जदयू की ओर से प्रस्ताव पर अब तक मुहर नहीं लगी है. कुछ मुद्दों पर जदयू को भाजपा से सहमति की उम्मीद है. पढ़ें पूरी खबर...

भाजपा और जदयू के बीच 27 साल पुराना गठबंधन
भाजपा और जदयू के बीच 27 साल पुराना गठबंधन

पटना: बिहार में भाजपा और जदयू के बीच पुराना गठबंधन है. लगभग 27 साल से दोनों दल साथ हैं. 2020 के चुनाव में चिराग पासवान की वजह से जदयू 43 सीटों पर सिमट गई और पार्टी अपने आधार को मजबूत करने के लिए नए सिरे से काम कर रही है. पहली बार बिहार की धरती पर भारतीय जनता पार्टी ने संयुक्त मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का आयोजन किया और देश भर से बीजेपी नेताओं का जमावड़ा लगा. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया. प्रोग्राम में भाजपा ने अपनी ओर से स्पष्ट कर दिया कि 2024 और 2025 का चुनाव हम जदयू के साथ लड़ेंगे. इसमें कोई संशय की स्थिति नहीं है. नेताओं को भी गठबंधन पर बयान देने से मना कर दिया गया.

ये भी पढ़ें- JP नड्डा ने जो बाइडेन का जिक्र किया, लेकिन नीतीश का नाम तक नहीं लिया.. आखिर बात क्या है?

BJP और JDU में है पुराना गठबंधन : अमित शाह के दौरे के 2 दिन बाद से ही जदयू नेताओं के सुर बदल गए. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि 2024 और 2025 का चुनाव भविष्य के गर्भ में (Everything Is Not Right In JDU And BJP) है. फिलहाल हम संगठन की मजबूती के लिए काम कर रहे हैं. भविष्य में क्या होगा यह बाद में तय किया जाएगा. जदयू ने भाजपा को राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में बिना शर्त समर्थन दिया और अब पार्टी को उम्मीद है कि भाजपा से जदयू गठबंधन में अपनी भूमिका नए सिरे से तय करना चाहती है. जिसे लेकर पार्टी नेताओं के मन में कुछ एजेंडा चल रहा है.

JDU और BJP में सब कुछ नहीं है सही : जनता दल यूनाइटेड, भाजपा के साथ 2010 के फार्मूले पर विधानसभा चुनाव में समझौता चाहती है. 2010 में जदयू 142 सीटों पर लड़ी थी और भाजपा 101 सीटों पर लड़ी थी. केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार होना है और जदयू समानुपातिक प्रतिनिधित्व का मांग लंबे समय से करती आ रही है. केंद्रीय मंत्रिमंडल में जदयू की अपेक्षा है कि जदयू के खाते में दो कैबिनेट मंत्री और राज्यमंत्री आए. जदयू को यही उम्मीद है भी कि चिराग पासवान और आरसीपी सिंह से भाजपा बराबर की दूरी बनाकर रखें लेकिन चिराग पासवान को लेकर भाजपा सॉफ्ट है और गठबंधन से बाहर करना नहीं चाहती है. जदयू का प्लान यह भी है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ होता है तो लोकसभा चुनाव नरेंद्र मोदी के नाम पर अगर लड़ा जाए तो विधानसभा चुनाव बिहार में नीतीश कुमार के नाम पर लड़ा जाए.

'JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने स्थिति गठबंधन को लेकर स्पष्ट कर दिया है. अभी हम लोग 2024 और 2025 चुनाव को लेकर नहीं सोच रहे हैं. हमारी प्राथमिकता जदयू को मजबूत करने की है और हमें एक राज्य में राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा मिला है और हम राष्ट्रीय पार्टी बनने के करीब हैं. भविष्य में क्या होगा यह देखा जाएगा.' - अंजुम आरा, जदयू प्रवक्ता


'हम गठबंधन का और उनके वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करते हैं. जदयू के साथ हमारा लंबा गठबंधन है. हम आगे भी उनके साथ चलने के लिए तैयार हैं. बहुत बार कार्यकर्ताओं को खुश करने के लिए कुछ बयान दिए जाते हैं. हमारा मानना है कि भाजपा और जदयू के बीच मजबूत गठबंधन है.' - निखिल आनंद, भाजपा प्रवक्ता

'जदयू और भाजपा के साथ गठबंधन तो रखना चाहती है लेकिन अपनी शर्तों पर जदयू कुछ एजेंडे पर सहमति चाहती है. पार्टी के शीर्ष नेता ये चाहते हैं कि जो विवादित मुद्दे हैं, उसे पहले ही सुलझा लिया जाए. सीट शेयरिंग का मुद्दा होता है, गठबंधन का मसला, तमाम मुद्दों को पहले अंतिम रूप दे दिया जाए. उसके बाद चुनाव को लेकर तस्वीर साफ हो. भाजपा जदयू के डिमांड को कितना मानेगी यह तो भविष्य के गर्भ में है.' - डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

दोनों दलों के नेताओं के बीच बयानबाजी : गौरतलब है कि बिहार में पिछले दो दशक से भाजपा और जदयू के बीच गठबंधन है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के नेतृत्व में सरकार चल रही है. लेकिन हाल के कुछ महीनों में भाजपा और जदयू के बीच जमकर बयानबाजी हो रही है. जिसके कारण कई तरह के कयास लग रहे थे. अब बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने नीतीश कुमार के साथ 2025 के बाद भी गठबंधन बने रहने की बात कह कर उन सभी कयासों पर विराम लगा दिया है. बीजेपी शीर्ष नेताओं के बयान से जदयू के नेता भी गदगद हैं और कह रहे हैं कि बिहार में नीतीश कुमार का मतलब एनडीए और जब तक नीतीश कुमार हैं तभी तक एनडीए है.

पटना: बिहार में भाजपा और जदयू के बीच पुराना गठबंधन है. लगभग 27 साल से दोनों दल साथ हैं. 2020 के चुनाव में चिराग पासवान की वजह से जदयू 43 सीटों पर सिमट गई और पार्टी अपने आधार को मजबूत करने के लिए नए सिरे से काम कर रही है. पहली बार बिहार की धरती पर भारतीय जनता पार्टी ने संयुक्त मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का आयोजन किया और देश भर से बीजेपी नेताओं का जमावड़ा लगा. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया. प्रोग्राम में भाजपा ने अपनी ओर से स्पष्ट कर दिया कि 2024 और 2025 का चुनाव हम जदयू के साथ लड़ेंगे. इसमें कोई संशय की स्थिति नहीं है. नेताओं को भी गठबंधन पर बयान देने से मना कर दिया गया.

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BJP और JDU में है पुराना गठबंधन : अमित शाह के दौरे के 2 दिन बाद से ही जदयू नेताओं के सुर बदल गए. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि 2024 और 2025 का चुनाव भविष्य के गर्भ में (Everything Is Not Right In JDU And BJP) है. फिलहाल हम संगठन की मजबूती के लिए काम कर रहे हैं. भविष्य में क्या होगा यह बाद में तय किया जाएगा. जदयू ने भाजपा को राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में बिना शर्त समर्थन दिया और अब पार्टी को उम्मीद है कि भाजपा से जदयू गठबंधन में अपनी भूमिका नए सिरे से तय करना चाहती है. जिसे लेकर पार्टी नेताओं के मन में कुछ एजेंडा चल रहा है.

JDU और BJP में सब कुछ नहीं है सही : जनता दल यूनाइटेड, भाजपा के साथ 2010 के फार्मूले पर विधानसभा चुनाव में समझौता चाहती है. 2010 में जदयू 142 सीटों पर लड़ी थी और भाजपा 101 सीटों पर लड़ी थी. केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार होना है और जदयू समानुपातिक प्रतिनिधित्व का मांग लंबे समय से करती आ रही है. केंद्रीय मंत्रिमंडल में जदयू की अपेक्षा है कि जदयू के खाते में दो कैबिनेट मंत्री और राज्यमंत्री आए. जदयू को यही उम्मीद है भी कि चिराग पासवान और आरसीपी सिंह से भाजपा बराबर की दूरी बनाकर रखें लेकिन चिराग पासवान को लेकर भाजपा सॉफ्ट है और गठबंधन से बाहर करना नहीं चाहती है. जदयू का प्लान यह भी है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ होता है तो लोकसभा चुनाव नरेंद्र मोदी के नाम पर अगर लड़ा जाए तो विधानसभा चुनाव बिहार में नीतीश कुमार के नाम पर लड़ा जाए.

'JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने स्थिति गठबंधन को लेकर स्पष्ट कर दिया है. अभी हम लोग 2024 और 2025 चुनाव को लेकर नहीं सोच रहे हैं. हमारी प्राथमिकता जदयू को मजबूत करने की है और हमें एक राज्य में राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा मिला है और हम राष्ट्रीय पार्टी बनने के करीब हैं. भविष्य में क्या होगा यह देखा जाएगा.' - अंजुम आरा, जदयू प्रवक्ता


'हम गठबंधन का और उनके वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करते हैं. जदयू के साथ हमारा लंबा गठबंधन है. हम आगे भी उनके साथ चलने के लिए तैयार हैं. बहुत बार कार्यकर्ताओं को खुश करने के लिए कुछ बयान दिए जाते हैं. हमारा मानना है कि भाजपा और जदयू के बीच मजबूत गठबंधन है.' - निखिल आनंद, भाजपा प्रवक्ता

'जदयू और भाजपा के साथ गठबंधन तो रखना चाहती है लेकिन अपनी शर्तों पर जदयू कुछ एजेंडे पर सहमति चाहती है. पार्टी के शीर्ष नेता ये चाहते हैं कि जो विवादित मुद्दे हैं, उसे पहले ही सुलझा लिया जाए. सीट शेयरिंग का मुद्दा होता है, गठबंधन का मसला, तमाम मुद्दों को पहले अंतिम रूप दे दिया जाए. उसके बाद चुनाव को लेकर तस्वीर साफ हो. भाजपा जदयू के डिमांड को कितना मानेगी यह तो भविष्य के गर्भ में है.' - डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

दोनों दलों के नेताओं के बीच बयानबाजी : गौरतलब है कि बिहार में पिछले दो दशक से भाजपा और जदयू के बीच गठबंधन है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के नेतृत्व में सरकार चल रही है. लेकिन हाल के कुछ महीनों में भाजपा और जदयू के बीच जमकर बयानबाजी हो रही है. जिसके कारण कई तरह के कयास लग रहे थे. अब बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने नीतीश कुमार के साथ 2025 के बाद भी गठबंधन बने रहने की बात कह कर उन सभी कयासों पर विराम लगा दिया है. बीजेपी शीर्ष नेताओं के बयान से जदयू के नेता भी गदगद हैं और कह रहे हैं कि बिहार में नीतीश कुमार का मतलब एनडीए और जब तक नीतीश कुमार हैं तभी तक एनडीए है.

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