पटनाः बिहार में कोरोना (Corona) की दूसरे लहर में आई कमी और लॉकडाउन (Lockdown) में मिली रियायतों के बाद बिहार से लोगों का पलायन एक बार फिर से शुरू हो गया है. हजारों कि संख्या में बिहार से बाहर जाने वाले लोगों की भीड़ पटना एयरपोर्ट (Patna Airport) पर पहुंच रही है. एयरपोर्ट पर ऐसे लोगों से ईटीवी से बातचीत की.
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बिहार में नहीं है कोई टेक्निकल काम
बेगूसराय (Begusarai) के रहने वाले सुभाष कुमार बेंगलुरू जाने के लिए पटना एयरपोर्ट पर पहुंचे थे. बातचीत में सुभाष कुमार ने कहा कि उनके पास टेक्निकल नॉलेज है, बिहार में ऐसा कुछ नहीं है जिससे यहां उन्हें काम मिल सके.
"बाहर की कंपनी ने टिकट भेजा है तो हमलोग बेंगलुरु जा रहे हैं. हमलोग चाहते हैं कि गांव में ही रहें. हमें बिहार में ही काम मिले लेकिन यहां बिहार में ऐसा कुछ नहीं हैं. इसलिए मजबूरन बाहर जा रहे हैं." सुभाष कुमार, प्रवासी मजदूर
सुभाष कुमार की तरह ही समस्तीपुर के रहने वाले मोहम्मद कलाम भी दिल्ली जाने के लिए पटना एयरपोर्ट पर पहुंचे थे. कलाम का कहना था कि बिहार में रोजगार की कोई सुविधा नहीं है. इसीलिए हम दिल्ली जा रहे हैं. "अगर कोई काम रहता तो फिर हमलोग क्यों बाहर जाते, मजबूरी है. कोरोना संक्रमण काल के कारण नौकरी बिहार में नहीं है. जो है उसकी देहाड़ी भी कम हैं. ऐसे में इस कोरोना काल में भी घर से बाहर जाकर कमाने काे मजबूर हैं." मोहम्मद कलाम, प्रवासी मजदूर
टिकट भेजकर मजदूरों को बुला रही हैं कंपनियां
बाहर की कंपनियां बिहार के मजदूरों को टिकट भेजकर काम पर बुला रही हैं, लेकिन बिहार सरकार अभी भी अपने इस मैन पॉवर काे लेकर सजग नहीं है.
कोरोना काल में जब हजारों की संख्या में बिहार से बाहर काम करने वाले मजदूर वापस राज्य लौटे थे, तब सुशासन सरकार ने इन प्रवासी लोगों को रोजगार देने का वादा किया था. कहा गया था कि अब कमाने के लिए बिहार से बाहर नहीं जाना पड़ेगा. सरकार रोजगार का सृजन करेगी.